ताजनगरी में नालों की गंदगी से यमुना कराह रही है। रोज करीब दो करोड़ लीटर गंदा पानी नदी में गिर रहा है। 90 नाले बंद हैं। इनका डिस्चार्ज 28.6 करोड़ लीटर (286 एमएलडी) है। सात सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 23.8 करोड़ लीटर (238 एमएलडी) है। यानी डिस्चार्ज और ट्रीटमेंट में 4.8 करोड़ लीटर (48 एमएलडी) का अंतर है। इसमें 2.80 करोड़ लीटर (28 एमएलडी) पानी बायो रेमिडिएशन से शोधित कर यमुना में डालने का दावा किया जा रहा है। फिर भी दो करोड़ लीटर पानी यमुना में गिर रहा है। अमर उजाला ने रविवार को पड़ताल की, जिसमे पाया कि वाटरवर्क्स, जीवनी मंडी, दयालबाग और ट्रांसयमुना में नाले सीधे यमुना में गिर रहे हैं।
वाटरवर्क्स : नाला सीधे यमुना में
वाटरवर्क्स पर 12.6 करोड़ लीटर क्षमता (126 एमएलडी) का सीवरेज पंपिंग स्टेशन है। इसका डिस्चार्ज करीब 10 करोड़ लीटर है। यहां रविवार दोपहर सवा 12 बजे मोटर व पंप बंद मिले। इसके बराबर से जा रहा नाला ओवरफ्लो होकर सीधे यमुना में गिर रहा था। नाले के पानी में झाग व कचरा तैर रहा था।
दयालबाग : 25 कॉलोनियों का गंदा पानी
यहां पौने दो बजे राधा बल्लभ स्कूल से आगे वैष्णो धाम, शिवा कुंज व अन्य कॉलोनियों से निकलने वाला कच्चा नाला सीध में यमुना में गिर रहा था। पानी में झाग थे। यहां नाला रोकने के कोई उपाय नहीं। दयालबाग की 25 से अधिक कॉलोनियों की गंदगी से सीधे यमुना में गिर रही है। नाले में ही सीवर बह रहा है।
जीवनी मंडी : यमुना में जमा हुई सिल्ट
दोपहर पौने एक बजे जल संस्थान के सामने से आस्था सिटी होकर नाला सीधे यमुना में गिर रहा था। यमुना में इस नाले से सिल्ट जमा हो गई है। जल संस्थान गेट पर नाला बंद करने के लिए लोहे का जाल लगा था, नाले में गंदा काला दुर्गंध युक्त पानी बह रहा था। यमुना में गिरते ही ये कीचड़ में तब्दील हो जाता है।
बूढ़ी का नगला : रात में हटा देते हैं जाल
बूढ़ी का नगला पर 20 लाख लीटर क्षमता सीवरेज ट्रीटमेंट का प्लांट है। इसके बराबर से नाला है। दोपहर पौने दो बजे नाले पर लोहे का जाल लगा था, लेकिन ओवरफ्लो होकर नाला यमुना में गिर रहा था। नाले के पानी में पॉलिथीन, कचरा व अन्य गंदगी थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि रात में लोहे का जाल हटा देते हैं।
दावा : 67 नालों पर किया जा रहा बायो रेमिडिएशन
नगर निगम के पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण का कहना है कि डिस्चार्ज और ट्रीटमेंट के बीच का अंतर दूर करने के लिए दो कंपनियां नालों की सफाई के लिए बायो रेमिडिएशन करती हैं। एक कंपनी के पास 57 और दूसरी के बार 10 नाले हैं। इनका डिस्चार्ज 2.8 करोड़ लीटर यानी 28 एमएलडी है। नाले में मौजूद सीवर बैक्टीरिया को रेमिडिएशन विधि से साफ करने के लिए सूक्ष्म जीव एंजायम का इस्तेमाल किया जाता है।
हकीकत : दो करोड़ लीटर गंदी पानी अब भी यमुना में
नालों के डिस्चार्ज और सीवर ट्रीटमेंट की क्षमता में 4.8 करोड़ लीटर का अंतर है। नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार 90 नालों का डिस्चार्ज 28.6 करोड़ लीटर है। सभी एसटीपी की क्षमता 23.6 करोड़ लीटर है। इसके साथ ही 2.8 करोड़ लीटर गंदे पानी की सफाई बायो रेमिडिएशन विधि से हो रही है। इस तरह कुल 26.6 करोड़ लीटर पानी कागजों में ट्रीट हो रहा है, जबकि डिस्चार्ज 28.60 करोड़ लीटर है। इस तरह करीब दो करोड़ लीटर गंदा पानी सीधे यमुना में गिर रहा है।