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वीआईपी पार्किंग से लेकर मंदिर मार्ग तक राष्ट्रपति को खुले रास्ते से होकर निकलना है। ऐसे में इस क्षेत्र में उत्पाती बंदरों से निपटने के लिए प्रशासन ने सात लंगूरों की व्यवस्था की है, लेकिन फिर भी बंदरों का आतंक प्रशासन को सकते में डाले हुए हैं। नगर निगम को आदेश दिया गया है कि जहां भी बंदरों के आने की संभावना है, वहां सफेद कपड़ा बांधा जाए या नेट लगाए जाएंगे, जिससे बंदर अंदर ना आ सकें।
राष्ट्रपति के बांकेबिहारी मंदिर पहुंचने से एक पूर्व बंदरों का आंतक देखने को मिला। मंदिर सुरक्षा में लगाए गए कई पुलिसवालों के चश्मे बंदर ले गए। बता दें कि तीर्थनगरी में हजारों की संख्या बंदर हैं। आए दिन उत्पाती बंदर हमला कर श्रद्धालुओं को चोटिल कर देते हैं। इसको देखते हुए बंदरों से बचाव के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
राष्ट्रपति की सुरक्षा को देखते हुए रविवार देर शाम ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर परिसर को सुरक्षा की दृष्टि से गिरा घेर लिया गया है। मंदिर के एक किमी के दायरे को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। यहां सेना के जवान, आरपीएफ, पीएसी और उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान तैनात किए हैं। हर आने-जाने पर विशेष निगरानी की जा रही है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके बाद महिला आश्रय सदन में निराश्रित महिलाओं से मुलाकात करेंगे। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि राष्ट्रपति करीब ढाई घंटे वृंदावन में रहेंगे। इसके दौरान सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक शहर का यातायात बंद रहेगा। राष्ट्रपति के जाने के बाद ही यातायात खोला जाएगा।
सुरक्षा के दृष्टिगत सुबह से ही वृंदावन में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया है। जिला प्रशासन और पुलिस ने सोमवार को यातायात व्यवस्था में बदलाव के साथ-साथ पूरे शहर में करीब छह घंटे ट्रैफिक संचालन प्रतिबंधित कर दिया है। वृंदावन कट से वृंदावन की ओर एवं छटीकरा से वृंदावन की तरफ आने वाले सभी प्रकार के भारी वाहन प्रतिबंधित हैं।
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