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सार
फर्रुखाबाद के पांच छात्र फंसे हैं। इनमें आवास विकास निवासी प्रतीक राजपूत, अभिनव वर्मा, वरुण गंगवार, मोहम्मदाबाद के मोहल्ला अवंतीबाई नगर निवासी वसुंधरा राजपूत, फतेहगढ़ के मोहल्ला शीशमबाग कैंट निवासी दिव्यांश वर्मा शामिल हैं।
यूक्रेन में कानपुर के आसपास के जिलों के 45 छात्र अभी भी फंसे हैं। हालांकि शुक्रवार शाम तक दर्जन भर छात्र लौट आए, लेकिन जो नहीं निकल सके, उनके घर वालों की सांसें अटकी हुई हैं। टीवी पर हालात देखकर सभी डरे हुए हैं।
फर्रुखाबाद के पांच छात्र फंसे हैं। इनमें आवास विकास निवासी प्रतीक राजपूत, अभिनव वर्मा, वरुण गंगवार, मोहम्मदाबाद के मोहल्ला अवंतीबाई नगर निवासी वसुंधरा राजपूत, फतेहगढ़ के मोहल्ला शीशमबाग कैंट निवासी दिव्यांश वर्मा शामिल हैं।
वहां से लौटने वालों में दीनदयाल बाग निवासी हिमांशु वर्मा, आवास विकास कालोनी की तान्या, कादरी गेट निवासी नितिन शामिल हैं। उन्नाव के दो परिवारों की भी नींद उड़ी है। नवाबगंज ब्लाक के कुईथर गांव निवासी पूर्व प्रधान जगन्नाथ प्रसाद का छोटा बेटा कुलदीप (28) यूक्रेन के ओडेसा में फंसा है। वह वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। वहीं पुरवा कस्बा निवासी सेवानिवृत्त डॉक्टर सी कुट्टी की पौत्री श्रुति यूक्रेन के कार्किव ईस्ट में फंसी है। वह आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस का कोर्स कर रही है।
हरदोई में सांडी ब्लॉक के तेरा पुरसौली निवासी वैशाली, शहर कोतवाली के चीलपुरवा निवासी शिवम वर्मा, शहर के रेलवे गंज निवासी अपेक्षा सिंह, संडीला कस्बे के रामप्यारी स्कूल वाली गली निवासी सुमित, जहाजकोठी निवासी जय सक्सेना, पिहानी कस्बा निवासी प्रत्यक्ष, कासिमपुर थाने के हरदलमऊ निवासी फरहान, हरपालपुर थाने के रण्टापुर निवासी विकास कुमार यादव भी यूक्रेन में फंसे हैं।
बांदा शहर की अलीशा और बिसंडा के एमबीबीएस छात्र नीरज ने फोन करके हालात बताएं। फतेहपुर के जयराम नगर निवासी नर्सिंग होम संचालक डॉ. अरविंद का बड़ा बेटा आशुतोष, शहर के लोधीगंज निवासी घनश्याम लोधी का पुत्र विभव, शादीपुर इलाके नर्सिंग होम संचालक महेश मिश्रा के बेटे हर्ष, उदय तथा व्यापारी हरिश्चंद्र का बेटा अंकित मिश्रा यूक्रेन में फंसे हैं। पांचों युवा वहां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।
इटावा की एक छात्रा लौटी, 10 छात्र फंसे
यूक्रेन में एमबीबीएस और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गई एक छात्रा तेजस्विता यादव शुक्रवार शाम अपने घर वापस आ गईं। वे यूक्रेन से उजबेकिस्तान चली गई थीं। वहां से दिल्ली लौटीं। इसके अलावा 10 छात्र अभी फंसे हुए हैं। इनमें इटावा शहर के ही छह छात्र हैं। बकेवर के इंजीनिरिंग के छात्र शुभ पाठक ने बताया कि वह बंकर में रह रहा है। उस बंकर में लगभग तीन सौ छात्र फंसे हुए हैं। जसवंतनगर के भी तीन छात्रों के फंसे होने की सूचना है।
महोबा के चार लौटे, दो फंसे
महोबा में पनवाड़ी के चार छात्र अकुश, तरंग और सगे भाई बहन अनुपमा व सुमित सकुशल वापस आ गए हैं। दो छात्र पनवाड़ी के ग्राम प्रधान संजय द्विवेदी का बेटा राज द्विवेदी और चरखारी के रायनपुर निवासी सेवानिवृत्त प्रोफेसर चुन्ना सिंह के पुत्र हेमेन्द्र सिंह फंसे हैं।
विस्तार
यूक्रेन में कानपुर के आसपास के जिलों के 45 छात्र अभी भी फंसे हैं। हालांकि शुक्रवार शाम तक दर्जन भर छात्र लौट आए, लेकिन जो नहीं निकल सके, उनके घर वालों की सांसें अटकी हुई हैं। टीवी पर हालात देखकर सभी डरे हुए हैं।
फर्रुखाबाद के पांच छात्र फंसे हैं। इनमें आवास विकास निवासी प्रतीक राजपूत, अभिनव वर्मा, वरुण गंगवार, मोहम्मदाबाद के मोहल्ला अवंतीबाई नगर निवासी वसुंधरा राजपूत, फतेहगढ़ के मोहल्ला शीशमबाग कैंट निवासी दिव्यांश वर्मा शामिल हैं।
वहां से लौटने वालों में दीनदयाल बाग निवासी हिमांशु वर्मा, आवास विकास कालोनी की तान्या, कादरी गेट निवासी नितिन शामिल हैं। उन्नाव के दो परिवारों की भी नींद उड़ी है। नवाबगंज ब्लाक के कुईथर गांव निवासी पूर्व प्रधान जगन्नाथ प्रसाद का छोटा बेटा कुलदीप (28) यूक्रेन के ओडेसा में फंसा है। वह वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। वहीं पुरवा कस्बा निवासी सेवानिवृत्त डॉक्टर सी कुट्टी की पौत्री श्रुति यूक्रेन के कार्किव ईस्ट में फंसी है। वह आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस का कोर्स कर रही है।
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