वृंदावन में ठाकुर श्री बांकेबिहारी महाराज शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में दिव्य दर्शन देकर भक्तों को कृतार्थ करेंगे। हीरे-मोती और जवाहरात के साथ शृंगार कर आराध्य मुरली बजाते हुए भक्तों को दर्शन देंगे। मंदिर में शरद पूर्णिमा की तैयारियां शुरू हो गईं हैं। बांकेबिहारी मंदिर परिसर को श्वेत वस्त्रों और विद्युत रोशनी से सजाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि शरद पूर्णिमा पर करीब पांच लाख श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। इसे लेकर पुलिस प्रशासन भी तैयारियों में जुटा है।
श्री बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत आचार्य श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया कि नौ अक्तूबर को शरद पूर्णिमा है। शरद पूर्णिमा की रात ठाकुर बांकेबिहारी महाराज स्वर्ण-रजत सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। हाथों में मुरली, छड़ी, कमर में मोरमुकुट एवं कटकाछिनी धारण कर निकुंज लताओं में सखियों के साथ महारास की छवि का भव्य दर्शन होगा।
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सेवायत आचार्य श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। यही कारण है भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात वंशीवट पर गोपियों संग महारास किया था। ठाकुर बांकेबिहारी केवल शरद पूर्णिमा पर ही महारास की मुद्रा में बंसी धारण कर भक्तों को दर्शन देते हैं।
श्री बांकेबिहारी मंदिर के जगमोहन में श्वेत पोशाक में चांदी के सिंहासन पर विराजमान बांकेबिहारी पर जब आसमान से चंद्रमा की धवल रोशनी पड़ेगी तो भक्त निहाल हो उठेंगे। ये दिव्य दर्शन वर्षभर में एक ही बार शरद पूर्णिमा की रात को होते हैं।
भीड़ को देखते हुए सात अक्तूबर शाम से वृंदावन में बाहरी चार पहिया, ट्रक और बसों का प्रवेश नहीं होगा। यह व्यवस्था 10 अक्तूबर सोमवार की सुबह तक जारी रहेगी। वृंदावन कोतवाली प्रभारी सूरज प्रकाश शर्मा ने यह जानकारी दी है।
शरदोत्सव पर महारास का आयोजन जिला संयुक्त चिकित्सालय (सौ सैया अस्पताल) के समीप गीता शोध संस्थान के परिसर स्थित ओपन एयर थियेटर मुक्ताकाशीय मंच पर होगा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ. उमेश चंद्र शर्मा के अनुसार शरदोत्सव पर वृंदावन के स्वामी घनश्याम की मंडली के कलाकार 10 अक्तूबर को सायं नौ बजे से महारास की प्रस्तुति देंगे।