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आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज और लेडी लॉयल को मिलाकर इंटीग्रेटेड प्लान के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) का खाका तैयार हो गया है। इसमें चिकित्सकीय सेवाओं के लिए 10 बहुमंजिला इमारतें बनाई जाएंगी। एडीए और निजी कंपनियों का सर्वे पूरा हो गया है।
प्राचार्य डॉक्टर प्रशांत गुप्ता ने बताया कि इंटीग्रेटेड प्लान में अब 10 इमारतें बनेंगी। इससे पहले 18 इमारतें बनाने की योजना थी। एडीए के टाउन प्लानर टीम के सर्वे में बहुमंजिला इमारतें बनाकर हरियाली के लिए ज्यादा क्षेत्र छोड़ने के लिए कहा गया है। ऐसे में सभी चिकित्सकीय विभाग और गैर चिकित्सकीय कार्य के लिए 10 इमारतें बनेंगी, जिसमें सुविधा के आधार पर इनकी मंजिल तय होगी।
67 जर्जर इमारतें तोड़ी जाएंगी
उन्होंने बताया कि लखनऊ की दो कंपनियों ने एसएन मेडिकल कॉलेज और लेडी लॉयल परिसर का निरीक्षण कर सर्वे पूरा कर लिया है। इसकी डीपीआर का खाका लगभग तैयार है। इसे शासन को भेजा जाएगा। एसएन और लेडी लॉयल की 67 जर्जर इमारतों को तोड़ने के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग से एनओसी मिल गई है। उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग से भी एक-दो दिन में एनओसी मिल जाएगी। शासन की अनुमति मिलने के बाद इनको ध्वस्त कर दिया जाएगा।
45 एकड़ में तैयार होगा मिनी एम्स
एसएन मेडिकल कॉलेज और लेडी लॉयल परिसर को मिलाकर एसएन का विस्तार होना है। इसमें एसएन की करीब 25 एकड़ और लेडी लॉयल की करीब 20 एकड़ जमीन पर मिनी एम्स की तर्ज पर एसएन विकसित होगा। लेडी लॉयल को मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के पास शिफ्ट किया जाएगा। यहां एसएन की जमीन पर नई इमारत बनाई जाएंगी।
ये है प्रस्तावित ढांचा
– मेडिसिन ब्लॉक, वक्ष एवं क्षय रोग
– ट्रामा सेंटर
– कैंसर अस्पताल
– नेत्र रोग ब्लॉक
– एकेडमिक ब्लॉक (पुस्तकालय, परीक्षा कैंपस, लेक्चर थिएटर)
– प्रशासनिक भवन
– सर्विस ब्लॉक
– सेंट्रल स्टरलाइजेशन एंड सप्लाई-ऑर्डर ब्लॉक
– संक्रामक अस्पताल
– सेंट्रल स्टोर
विस्तार
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज और लेडी लॉयल को मिलाकर इंटीग्रेटेड प्लान के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) का खाका तैयार हो गया है। इसमें चिकित्सकीय सेवाओं के लिए 10 बहुमंजिला इमारतें बनाई जाएंगी। एडीए और निजी कंपनियों का सर्वे पूरा हो गया है।
प्राचार्य डॉक्टर प्रशांत गुप्ता ने बताया कि इंटीग्रेटेड प्लान में अब 10 इमारतें बनेंगी। इससे पहले 18 इमारतें बनाने की योजना थी। एडीए के टाउन प्लानर टीम के सर्वे में बहुमंजिला इमारतें बनाकर हरियाली के लिए ज्यादा क्षेत्र छोड़ने के लिए कहा गया है। ऐसे में सभी चिकित्सकीय विभाग और गैर चिकित्सकीय कार्य के लिए 10 इमारतें बनेंगी, जिसमें सुविधा के आधार पर इनकी मंजिल तय होगी।
67 जर्जर इमारतें तोड़ी जाएंगी
उन्होंने बताया कि लखनऊ की दो कंपनियों ने एसएन मेडिकल कॉलेज और लेडी लॉयल परिसर का निरीक्षण कर सर्वे पूरा कर लिया है। इसकी डीपीआर का खाका लगभग तैयार है। इसे शासन को भेजा जाएगा। एसएन और लेडी लॉयल की 67 जर्जर इमारतों को तोड़ने के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग से एनओसी मिल गई है। उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग से भी एक-दो दिन में एनओसी मिल जाएगी। शासन की अनुमति मिलने के बाद इनको ध्वस्त कर दिया जाएगा।
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