UNNAO : भीषण गर्मी से सनबर्न के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ रही है। वहीं अधिक पसीना निकलने और गीले कपड़ों के कारण भी त्वचा को नुकसान पहुंच रहा है। जिस कारण डाक्टरों की ओपीडी के दौरान अधिकांश मरीज त्वचा से संबंधित पहुंच रहे हैं। डॉक्टर मरीजों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं।
बता दें जून माह में पड़ रही शरीर झुलसाने वाली गर्मी के कारण शरीर पर फफोले के साथ ही सनबर्न के मामले बढ़ गये हैं। जिला अस्पताल में मरीजों की सुबह से लाइन देखने को मिल रही है। जहां सर्दी, जुकाम, बुखार, डायरिया के अलावा सनबर्न के मरीज भी पहुंच रहे हैं।
चिकित्सकों ने उनका परीक्षण करने के उपरांत उन्हें दवाइयां दी। डॉक्टर ने मरीजों को धूप से बचाव करने के तरीके भी बताये। उन्होंने बताया कि एहतियात बरतने से सनबर्न से बचा जा सकता है। गर्मियों की शुरुआत होते ही लोगों को त्वचा से संबंधित तमाम दिक्कतें होने लगती हैं। इस समय तेज धूप पड़ रही है, लिहाजा सनबर्न के मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। ओपीडी में रोजाना मरीज सनबर्न की शिकायत लेकर आ रहे हैं।
जहां उनका परीक्षण करने के बाद दवाइयां दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर महिलाएं सनबर्न से बचाव के लिये सनस्क्रीन क्रीम का इस्तेमाल तो करती हैं, लेकिन इसके इस्तेमाल का सही तरीका पता न होने से दिक्कत का सामना करना पड़ता है। तेज धूप से बचने के लिये शरीर को ढक कर ही घर से निकलना चाहिये।