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दुकानदार लॉकर की तरह से पर्यटकों का सामान बिना जांचे-परखे रख रहे हैं, वहीं पर्यटकों के साथ ठगी की कई घटनाएं पश्चिमी गेट पर हो चुकी हैं। दक्षिणी गेट पर ताज की दीवार से सटाकर पूरा बाजार तैयार हो गया है। यहां जूते की इकाइयां, एंपोरियम, फोटो स्टूडियो, होटल, रेस्टोरेंट और पेठे आदि की दुकानें संचालित की जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दक्षिणी गेट के निवासी ताहिर उद्दीन ताहिर का कहना है कि आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि का अध्ययन किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो ताजगंज के लोग सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए जाएंगे।
इससे पहले भी वर्ष 1996 में अपना पक्ष रखने के लिए ताजगंज के लोग सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। तब अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रशासन ने मनमाने ढंग से व्याख्या कर ली थी।
दुकानदारों का कहना है कि ताजमहल के आसपास होटलों और दुकानों में पर्यटकों के सहारे ही कारोबार चलता है। अगर यहां व्यावसायिक गतिविधियां बंद हो गईं, तो हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
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