दस साल की अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता लिसीप्रिया के एक ट्वीट से ताजमहल के पीछे दशहरा घाट की तस्वीर बदल गई। जिस घाट पर 21 जून को प्लास्टिक और कचरे के ढेर लगे हुए थे, वहां शनिवार को लिसीप्रिया दोबारा पहुंची तो अब घाट साफ-सुथरा नजर आया। उन्होंने ताजनगरी में प्लास्टिक प्रतिबंध को सराहा।
ताजमहल और उसके आसपास गंदगी को लेकर सोशल मीडिया पर दुनियाभर के लोगों का ध्यान खींचने वाली लिसीप्रिया शनिवार को अपनी मां के साथ आगरा आई। पहले ताजमहल देखा। फिर पार्श्व में यमुना किनारा स्थित दशहरा घाट पर पहुंचीं। जहां 21 जून को उन्होंने हाथ में पोस्टर लेकर गंदगी का फोटो ट्वीट किया था। जिस पर लिखा था ‘ताजमहल की खूबसूरती के पीछे प्लास्टिक प्रदूषण’ है। उनका यह ट्वीट वायरल हो गया। इस ट्वीट का संज्ञान लेते हुएकमिश्नर अमित गुप्ता ने नगरायुक्त निखिल टी. फुंडे को जांच के आदेश दिए थे।
नगरायुक्त ने जेडएसओ से जांच कराई तो पता चला ताजगंज के छह वार्डों में सफाई के लिए जिम्मेदार लायन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की लापरवाही सामने आई। नगरायुक्त ने सफाई एजेंसी पर एक लाख रुपये का जुर्माना व चेतावनी नोटिस जारी करते हुए भविष्य में लापरवाही नहीं करने के लिए चेताया। दस दिन बाद शनिवार को दोबारा लिसीप्रिया ताज के पार्श्व में गंदगी की हकीकत जानने पहुंची, तो वहां उन्हें साफ-सफाई मिली।
निकाली गई थी प्लास्टिक की प्रतीकात्मक अर्थी
जिस दशहरा घाट की गंदगी से दुनियाभर में बदनामी हुई, उसी घाट से प्लास्टिक प्रतिबंध की शुरुआत की गई। 29 जून को मेयर नवीन जैन, नगरायुक्त निखिल टी फुंडे दशहरा घाट पर प्लास्टिक की प्रतीकात्मक अर्थी निकाली। प्लास्टिक मुक्त आगरा की मुहिम शुरू की।
कौन हैं लिसीप्रिया
लिसीप्रिया छह साल की उम्र से पर्यावरण संरक्षण व बाल अधिकारों के लिए दुनियाभर में अभियान चला रही हैं। 2019 में यूनाइटिड नेशन ने उन्हें सबसे युवा कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित किया गया।
लिसीप्रिया देश में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन कानून बनाने के लिए संसद पर प्रदर्शन कर चुकी हैं। दुनिया के 32 से अधिक देशों में 400 संस्थानों में संवाद कर चुकीं लिसीप्रिया को भारत की ग्रेटा थनबर्ग के नाम से जाना जाता है।