भारत में आज गुरुवार को विजयादशमी/दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। अनेक जगहों पर आज विजयादशमी के दिन रावण का वध यानी दहन किया जाएगा। आपको बता दें कि इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। पर क्या आपको मालूम है कि भारत में कई जगहों पर रावण का मंदिर भी है जहां पर रावण की पूजा की जाती है। इनमें से एक मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी है। आइए जानते हैं कानपुर के रावण के मंदिर की खास बातें।
उत्तर प्रदेश के कानपुर के शिवाला क्षेत्र में दशानन रावण का एक अनोखा मंदिर स्थित है। भक्तों के लिए इस मंदिर के कपाट अनोखी परंपरा के तहत साल में सिर्फ एक बार विजयादशमी पर ही खुलते हैं। इस मंदिर में दर्शन और पूजा-पाठ की टाइमिंग सुबह 6 बजे से रात 8.30 बजे तक ही होती है।
मंदिर के पुजारी चंदन मौर्य ने बताया- ”भक्त यहां सरसों के तेल के दीये जलाते हैं और महिलाएं वैवाहिक आशीर्वाद के लिए तोरई के फूल चढ़ाती हैं। सुबह हम रावण का जन्मदिन मनाते हैं। रात में भगवान राम ने उसे मोक्ष प्रदान किया और रावण वैकुंठ धाम (स्वर्ग) चला गया।” स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मंदिर में दशहरे के दिन हज़ारों लोग आते हैं।
एक भक्त राजिंदर गुप्ता ने कहा, ”दशहरे पर रावण को नहीं, बल्कि उसके पुतले को जलाया जाता है। इसका कारण यह है कि उसने अपार शक्ति और ज्ञान प्राप्त किया और दुनिया पर राज किया लेकिन उसने इन गुणों का दुरुपयोग किया। वह अहंकारी हो गया था और जब कोई अहंकारी हो जाता है तो वह गलत कामों की ओर मुड़ जाता है।”