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संवाद न्यूज एजेंसी
उन्नाव। सीतापुर मार्ग पर डीसीएम की टक्कर से घायल कोतवाल राघवेंद्र सिंह की लखनऊ ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शाम करीब चार बजे शव पुलिस लाइन लाया गया। यहां गार्ड ऑफ ऑनर के साथ डीएम, एसपी, सदर विधायक, पुलिस अधिकारियों और अन्य लोगों ने अंतिम विदाई दी। इसके बाद सरकारी वाहन से शव को परिजनों के साथ कानपुर बर्रा स्थित घर भेजा गया।
गंगाघाट कोतवाली प्रभारी रहे राघवेंद्र सिंह (48) कानपुर के बर्रा में विश्व बैंक कालोनी में परिवार के साथ रहते थे। वर्ष 1996 में उनकी भर्ती आरक्षी पद पर हुई थी। इस दौरान उनकी तैनाती अलग-अलग जिलों के थानों में रही। वर्ष 2013 में दरोगा की परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद राघवेंद्र ने 11 दिसंबर 2021 को उन्नाव पुलिस लाइन में तैनाती ली थी। इसके बाद उन्हें अचलगंज थाने में एसएसआई बनाया गया था। उनके कार्य व्यवहार और पुलिसिंग व्यवस्था को देख भरोसा जताते हुए एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने उन्हें तीन जनवरी 2022 को औद्योगिक क्षेत्र के दही थाने की जिम्मेदारी दी थी। आठ मई 2023 को पदोन्नति पाकर इंस्पेक्टर बने।
इसके बाद एसपी ने 10 जून 2023 को गंगाघाट कोतवाली का प्रभारी बनाया गया। गुरुवार सुबह करीब पांच बजे वह सरकारी काम के सिलसिले से प्राइवेट कार से सीतापुर जा रहे थे। उनकी मौत की सूचना से पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई। सीओ सिटी आशुतोष कुमार, फतेहपुर चौरासी, सोहरामऊ और दही थाना एसओ लखनऊ पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम कराया। शाम करीब चार बजे शव पुलिस लाइन लाया गया। डीएम अपूर्वा दुबे, एसपी सिद्धार्थशंकर मीना, एएसपी शशिशेखर, सहित अन्य अधिकारियों के अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार, सदर विधायक, एमएलसी रामचंद्र प्रधान आदि ने अंतिम विदाई दी।
बेटे का शव देख बिलख पड़े बुजुर्ग माता-पिता
बेटे के निधन की सूचना पर पुलिस लाइन पहुंचे वृद्ध पिता चंद्रपाल सिंह और मां कृष्णा देवी बिलख पड़ीं। पुलिस कर्मियों ने उन्हें संभाला और कुर्सी पर बैठाया। कंपकंपाते होठ और लड़खड़ाते लफ्जों से माता-पिता बेटे की बातें और अपनी व्यथा बताते फफकते रहे। बोले, इतनी पूजा पाठ और सेवा करने वाले बेटे को विधाता ने उनसे छीन लिया। मां कृष्णा देवी गुमसुम होकर बेटे के पार्थिव शरीर को निहारती रहीं। बोलीं जाना था मुझे और मुझ से पहले मेरा बेटा चला गया। बोलीं, बहुत अज्ञाकारी बेटा था मेरा, रोज सुबह-शाम फोन पर बात करता था। अब किससे अपना दुख-दर्द बताएंगे। बीमार होने पर कौन कहेगा मां गाड़ी भेजता हूं, आओ मैं दिखवा दूं। मां के मुताबिक ड्यूटी की व्यस्तता के चलते घर के कार्यक्रमों तक में शामिल नहीं हो पाता था।
बेहाल हुए बच्चे, एसपी ने बंधाया ढांढस
दिवंगत इंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह तीन भाई-बहनों में बड़े थे। छोटा भाई शिवशरन मध्यप्रदेश के देवास में कृषि विभाग में अधिकारी हैं। वहीं बहन गड्डी सूरत में रहती है। पत्नी पूनम के साथ बच्चों में बेटा शिवम (18), शिवानी (16) और अनुज (15) साल का है। इसमें शिवम बीटेक कर रहा है। शिवानी ने इस बार इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की वहीं अनुज कक्षा 12 का छात्र है। पिता की मौत की सूचना पर पुलिस लाइन पहुंचे बच्चे फफककर रो पड़े। एसपी सिद्धार्थशंकर मीना ने उन्हें ढांढस बंधाया और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
दही थानाध्यक्ष बनने के बाद ताबड़तोड़ आरोपियों को भेजा जेल
तीन जनवरी को दही थानाध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर आरोपियों को जेल भेजा। जिसमें एक जनवरी 2023 को सोनिक गांव निवासी अतुल की उसके पड़ोसी ने कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी थी। उस समय थानाध्यक्ष बृजमोहन सैनी थे। पुलिसिंग व्यवस्था सही न होने से उनको हटाया गया था। बाद में राघवेंद्र ने दो दिन के अंदर हत्या में शामिल चारों आरोपियों को जेल भेज दिया था। उनकी कार्यशैली से चोरी सहित अन्य अन्य घटनाओं पर अंकुश लगा हुआ था। 21 को एक मोहल्ला निवासी किशोरी का अपहरण करके होटल में सामूहिक दुष्कर्म की घटना में शहर के बड़े व्यापारी अनिल तुली और उसके साथ सुनील के साथ होटल मालिक कमलेश वर्मा को जेल भेजा था। इस तरह अन्य घटनाओं का भी उन्होंने समय रहते खुलासा किया।
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