Unnao News: उन्नावः बुखार के बाद हाथ-पैर व जोड़ दर्द कर रहा परेशान

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जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में अपनी बारी का इंतजार करते मरीज। संवाद

जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में अपनी बारी का इंतजार करते मरीज। संवाद
– फोटो : UNNAO

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उन्नाव। बुखार सही होने के बाद मरीज अब हाथ पैरों के जोड़ों के दर्द से परेशान हैं। सही हुए एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी ऐसे मरीजों की हालत में सुधार नहीं है। पहले वह फिजीशियन डॉक्टर का इलाज कराते रहे। अब जोड़ों का दर्द बढ़ने पर अस्थि रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित रोजाना औसतन 40 मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। ऐसे मरीजों को डॉक्टर दर्द के साथ सिंकाई की सलाह दे रहे हैं।
साल 2020 में कोरोना वायरस आने के बाद से लोग बुखार और उससे संबंधित बीमारियों में डेंगू, चिकनगुनिया जैसे रोगों से पीड़ित चल रहे हैं। लगातार बुखार के अलग-अलग वायरस आने से लोगों का शरीर टूट गया है। इस तरह की बीमारियों से उबरने के बाद अब हाथ पैैरों के जोड़ों में दर्द बना हुआ है। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में पहले हाथ पैर टूटने वालों के साथ सर्वाइकल के मरीज पहुंच रहे थे। लेकिन अब बुखार व उससे संबंधित बीमारी से निजात मिलने के बाद हाथ पैरों में जोड़ो में दर्द से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं।
जिला अस्पताल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार बताते हैं कि बुखार व उससे संबंधित बीमारियां आने के बाद लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। साथ ही शरीर से जो पहले से कमजोर होते हैं उनमें जोड़ों के दर्द की भी समस्या बढ़ रही है। जिला अस्पताल में इस समय रोजाना 40-50 मरीज पहुंच रहे हैं।
जोड़ों में दर्द के लक्षण
– गंभीर या मध्यम दर्द। जोड़ो का अकड़ जाना। संयुक्त गतिहीनता, संयुक्त लाली, जोड़ में सूजन, संयुक्त कोमलता, जोड़ों में गर्मी, संयुक्त विकृति।
बचाव के उपाय
डॉक्टर मनोज कुमार बताते हैं कि ऐसे मरीजों को पहले तो खानपान पर ध्यान देना चाहिए। मालिश के साथ व्यायाम अधिक करें। मालिश करने से जोड़ों के बीच का लिक्विड पिघलेगा और वह आसानी से काम करेंगें। इसके बाद भी दर्द रहता है तो हल्की सेंकाई भी कर सकते हैं। अधिक दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह से दवा लें।

जिले के ट्रामा सेंटर में मरीज का चेकअप करते डॉ. मनोज सिंह। संवाद

जिले के ट्रामा सेंटर में मरीज का चेकअप करते डॉ. मनोज सिंह। संवाद– फोटो : UNNAO

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उन्नाव। बुखार सही होने के बाद मरीज अब हाथ पैरों के जोड़ों के दर्द से परेशान हैं। सही हुए एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी ऐसे मरीजों की हालत में सुधार नहीं है। पहले वह फिजीशियन डॉक्टर का इलाज कराते रहे। अब जोड़ों का दर्द बढ़ने पर अस्थि रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित रोजाना औसतन 40 मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। ऐसे मरीजों को डॉक्टर दर्द के साथ सिंकाई की सलाह दे रहे हैं।

साल 2020 में कोरोना वायरस आने के बाद से लोग बुखार और उससे संबंधित बीमारियों में डेंगू, चिकनगुनिया जैसे रोगों से पीड़ित चल रहे हैं। लगातार बुखार के अलग-अलग वायरस आने से लोगों का शरीर टूट गया है। इस तरह की बीमारियों से उबरने के बाद अब हाथ पैैरों के जोड़ों में दर्द बना हुआ है। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में पहले हाथ पैर टूटने वालों के साथ सर्वाइकल के मरीज पहुंच रहे थे। लेकिन अब बुखार व उससे संबंधित बीमारी से निजात मिलने के बाद हाथ पैरों में जोड़ो में दर्द से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं।

जिला अस्पताल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार बताते हैं कि बुखार व उससे संबंधित बीमारियां आने के बाद लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। साथ ही शरीर से जो पहले से कमजोर होते हैं उनमें जोड़ों के दर्द की भी समस्या बढ़ रही है। जिला अस्पताल में इस समय रोजाना 40-50 मरीज पहुंच रहे हैं।

जोड़ों में दर्द के लक्षण

– गंभीर या मध्यम दर्द। जोड़ो का अकड़ जाना। संयुक्त गतिहीनता, संयुक्त लाली, जोड़ में सूजन, संयुक्त कोमलता, जोड़ों में गर्मी, संयुक्त विकृति।

बचाव के उपाय

डॉक्टर मनोज कुमार बताते हैं कि ऐसे मरीजों को पहले तो खानपान पर ध्यान देना चाहिए। मालिश के साथ व्यायाम अधिक करें। मालिश करने से जोड़ों के बीच का लिक्विड पिघलेगा और वह आसानी से काम करेंगें। इसके बाद भी दर्द रहता है तो हल्की सेंकाई भी कर सकते हैं। अधिक दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह से दवा लें।

जिले के ट्रामा सेंटर में मरीज का चेकअप करते डॉ. मनोज सिंह। संवाद

जिले के ट्रामा सेंटर में मरीज का चेकअप करते डॉ. मनोज सिंह। संवाद– फोटो : UNNAO



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