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जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में बंद पड़ी सलेक्ट्रा मशीन। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में लगी सेलेक्ट्रा मशीन फिर खराब हो गई। इससे मरीजों की किडनी, लीवर के साथ लिपिड प्रोफाइल की जांच नहीं हो पाई। ओपीडी में डॉक्टरों को दिखाने के बाद 30 मरीज जांच के लिए पहुंचे। उनके सैंपल नहीं लिए गए। मरीजों को सोमवार को बुलाया गया।
जिला अस्पताल में ओपीडी में इस समय मरीजों की भीड़ हो रही है। रोजाना 700 से 800 के बीच मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें पेट में दिक्कत वाले 100 से 150 मरीजों को डॉक्टर केएफटी और एलफटी की जांच लिखते हैं। पैथोलॉजिस्ट की माने तो सेलेक्ट्रा मशीन से एक बार में 50 सैंपलों की जांच हो सकती है। अधिकतम 100 की जा सकती है।
इस समय रोजाना 180 सैंपल किडनी और लीवर जांच के आ रहे हैं। सैंपलों की संख्या अधिक होने से तीन से चार बार मशीन चलानी पड़ रही है। मशीन पर लोड बढ़ने से आए दिन खराब हो जाती है। शनिवार को काम के दौरान ही अचानक मशीन चलना बंद हो गई। इससे मरीजों के सैंपलों की जांच नहीं हो पाई।
जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में लगी सेलेक्ट्रा मशीन ढाई महीने में छह बार और इस महीने में दो बार खराब हो चुकी है। सितंबर महीने में दो बार, अक्तूबर में दो बार और नवंबर महीने में दूसरी बार खराब हुई है। पैथोलॉजिस्ट डॉ. विनीत कुमार वर्मा ने बताया कि सैंपल उठाने वाली बेल्ट टूटने से दिक्कत आई है। साइरेक्स कंपनी के इंजीनियर मशीन बनाते हैं। उनको सूचना दे दी गई है। सोमवार को जांच शुरू होने की उम्मीद है।
उन्नाव। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में लगी सेलेक्ट्रा मशीन फिर खराब हो गई। इससे मरीजों की किडनी, लीवर के साथ लिपिड प्रोफाइल की जांच नहीं हो पाई। ओपीडी में डॉक्टरों को दिखाने के बाद 30 मरीज जांच के लिए पहुंचे। उनके सैंपल नहीं लिए गए। मरीजों को सोमवार को बुलाया गया।
जिला अस्पताल में ओपीडी में इस समय मरीजों की भीड़ हो रही है। रोजाना 700 से 800 के बीच मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें पेट में दिक्कत वाले 100 से 150 मरीजों को डॉक्टर केएफटी और एलफटी की जांच लिखते हैं। पैथोलॉजिस्ट की माने तो सेलेक्ट्रा मशीन से एक बार में 50 सैंपलों की जांच हो सकती है। अधिकतम 100 की जा सकती है।
इस समय रोजाना 180 सैंपल किडनी और लीवर जांच के आ रहे हैं। सैंपलों की संख्या अधिक होने से तीन से चार बार मशीन चलानी पड़ रही है। मशीन पर लोड बढ़ने से आए दिन खराब हो जाती है। शनिवार को काम के दौरान ही अचानक मशीन चलना बंद हो गई। इससे मरीजों के सैंपलों की जांच नहीं हो पाई।
जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में लगी सेलेक्ट्रा मशीन ढाई महीने में छह बार और इस महीने में दो बार खराब हो चुकी है। सितंबर महीने में दो बार, अक्तूबर में दो बार और नवंबर महीने में दूसरी बार खराब हुई है। पैथोलॉजिस्ट डॉ. विनीत कुमार वर्मा ने बताया कि सैंपल उठाने वाली बेल्ट टूटने से दिक्कत आई है। साइरेक्स कंपनी के इंजीनियर मशीन बनाते हैं। उनको सूचना दे दी गई है। सोमवार को जांच शुरू होने की उम्मीद है।
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