मेरठ में आज निगम बोर्ड की बैठक आयोजित की जा रही है। बैठक में पहुंची महापौर सुनीता वर्मा ने बैठक शुरू करने से पहले मुलायम सिंह के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर मीटिंग शुरू कराई। वहीं बोर्ड की बैठक शुरू होने से पहले ही नगर निगम सफाई कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। सभासद एहसान अंसारी मीटिंग हॉल में ही धरने पर बैठे हैं।
माना जा रहा है कि वर्तमान बोर्ड की अगली बैठक से पहले ही चुनाव की घोषणा हो जाएगी। ऐसे में शहर के लोगों को उम्मीद है कि इस बैठक में पार्षद टैक्स का बोझ कम करने सुविधाएं बढ़ाने के लिए लड़ेंगे। नतीजा क्या होता है ये बोर्ड के मंथन के बाद ही पता चल सकेगा।
महापौर ने भी अपनी भूमिका नहीं निभाई। बैठकों में पास प्रस्तावों को कार्यवृत्त में भी शामिल नहीं किया जाता। पूर्व पार्षद सतीश गर्ग ने कहा कि पार्षदों को जनहित के प्रस्तावों पर प्राथमिकता से पास करना चाहिए।
पूर्व पार्षद सुधीर एडवोकेट कहते हैं कि अंतिम बोर्ड बैठक में भी अगर जनहित के मुद्दे नहीं उठाए तो जनता जिम्मेदारों को गिरा देगी। संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि पार्षदों को दलगत राजनीति से ऊपर जनता के हित में ठोस निर्णय लेने चाहिए। संयुक्त व्यापार संघ उपाध्यक्ष नीरज मित्तल ने कहा कि इस बार पार्षद जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए।
पुनरीक्षित बजट पर सवाल, एजेंडे पर विवाद नियमानुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 का पुनरीक्षित बजट के पहले कार्यकारिणी की बैठक में रखा जाना था। कैबिनेट में पास होने वाले प्रस्तावों को बोर्ड पास करता है। पार्षदों ने महापौर सुनीता वर्मा से शिकायत की तो महापौर ने नगरायुक्त को पत्र जारी करके पुनरीक्षित बजट की बैठक और उप नियमों पर चर्चा के लिए बोर्ड बैठक के बाद निगम कार्यकारिणी बुलाने की बात कही है। बोर्ड बैठक के जारी एजेंडे पर विवाद शुरू हो गया है। मूलबजट में 7481249 करोड़ रुपये और पुनरीक्षित बजट में 7966041 करोड़ रुपये रखा है। कुल मिलाकर पुनरीक्षित बजट में लगभग 48 करोड़ रुपये अधिक रखे गए हैं। पुनरीक्षित बजट प्रस्ताव में आय पक्ष की बात करें तो राज्य वित्त से 20 करोड़ रुपये दर्शाए गए हैं।
मेरठ में आज निगम बोर्ड की बैठक आयोजित की जा रही है। बैठक में पहुंची महापौर सुनीता वर्मा ने बैठक शुरू करने से पहले मुलायम सिंह के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर मीटिंग शुरू कराई। वहीं बोर्ड की बैठक शुरू होने से पहले ही नगर निगम सफाई कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। सभासद एहसान अंसारी मीटिंग हॉल में ही धरने पर बैठे हैं।
माना जा रहा है कि वर्तमान बोर्ड की अगली बैठक से पहले ही चुनाव की घोषणा हो जाएगी। ऐसे में शहर के लोगों को उम्मीद है कि इस बैठक में पार्षद टैक्स का बोझ कम करने सुविधाएं बढ़ाने के लिए लड़ेंगे। नतीजा क्या होता है ये बोर्ड के मंथन के बाद ही पता चल सकेगा।
शहर की सड़कें जर्जर हैं। रोज हादसे हो रहे हैं। लोहियानगर में कूड़े का पहाड़ लगा है। इन सब समस्याओं के बावजूद पार्षद आपसी खींचतान में ही लगे रहे हैं। कार्यकारिणी उपाध्यक्ष रंजन शर्मा दावा करते हैं कि अफसरों ने पास प्रस्तावों पर भी कार्य नहीं किया। पूर्व पार्षद शाहिद अब्बासी ने कहा कि निगम के अधिकारी जनता के साथ धोखा कर रहे हैं।