UP: पूर्व राज्यमंत्री डॉ. गंगा बक्श सिंह का निधन, तीन बार हड़हा विधानसभा से रहे हैं विधायक

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डॉ. गंगा बक्श सिंह की फाइल फोटो

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– फोटो : अमर उजाला

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पूर्व राज्यमंत्री डॉ. गंगा बक्श सिंह का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। ब्रेन हैमरेज के बाद पूर्व मंत्री को कानपुर के नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया था। गुरुवार दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली। निधन से समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई। बिछिया ब्लॉक के तौरा गांव में एक जनवरी 1935 को जन्मे डॉ. गंगा बक्श सिंह 1971 में ग्राम प्रधान बने थे।

दो बार 1973 से 1977 व 1978 से 1982 तक बिछिया ब्लॉक प्रमुख रहे। राजकीय होम्योपैथी कॉलेज, कानपुर में प्राचार्य के पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1989 में कांग्रेस की टिकट पर हड़हा विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।

1991 में कांग्रेस से विधायक चुने गए। 1996 में बसपा व कांग्रेस के गठबंधन से दूसरी बार विधायक बने। 1998 से 2002 तक लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी के टिकट से हड़हा विधानसभा से चुनाव जीतकर वन व चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री बने। 10 नवंबर को आवास-विकास स्थित निवास पर ब्रेन हैमरेज पड़ने के बाद परिजनों ने उन्हें कानपुर के एक नर्सिंगहोम में भर्ती कराया था। निधन की सूचना पर राजनीतिक दलों के नेता व समर्थक पूर्व मंत्री के आवास पर शोक संवेदना जताने पहुंचे। शुक्लागंज के पक्के घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।

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पूर्व राज्यमंत्री डॉ. गंगा बक्श सिंह का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। ब्रेन हैमरेज के बाद पूर्व मंत्री को कानपुर के नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया था। गुरुवार दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली। निधन से समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई। बिछिया ब्लॉक के तौरा गांव में एक जनवरी 1935 को जन्मे डॉ. गंगा बक्श सिंह 1971 में ग्राम प्रधान बने थे।

दो बार 1973 से 1977 व 1978 से 1982 तक बिछिया ब्लॉक प्रमुख रहे। राजकीय होम्योपैथी कॉलेज, कानपुर में प्राचार्य के पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1989 में कांग्रेस की टिकट पर हड़हा विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।

1991 में कांग्रेस से विधायक चुने गए। 1996 में बसपा व कांग्रेस के गठबंधन से दूसरी बार विधायक बने। 1998 से 2002 तक लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी के टिकट से हड़हा विधानसभा से चुनाव जीतकर वन व चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री बने। 10 नवंबर को आवास-विकास स्थित निवास पर ब्रेन हैमरेज पड़ने के बाद परिजनों ने उन्हें कानपुर के एक नर्सिंगहोम में भर्ती कराया था। निधन की सूचना पर राजनीतिक दलों के नेता व समर्थक पूर्व मंत्री के आवास पर शोक संवेदना जताने पहुंचे। शुक्लागंज के पक्के घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।



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