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सार
आगरा के चुनाव मैदान में तीन चिकित्सक भी चुनाव लड़ रहे हैं। मरीजों से घिरे रहने वाले ये चिकित्सक अब मतदाताओं की नब्ज टटोलने में जुटे हैं।
मरीजों के बीच घिरे रहने वाले चिकित्सकों को सियासत भाने लगी है। आगरा से दो चिकित्सक चुनावी मैदान में हैं और जनता की नब्ज टटोल रहे हैं। इसमें भाजपा से मौजूदा विधायक डॉ. जीएस धर्मेंश और बसपा से पहली बार खड़े हुए डॉ. मुकेश राजपूत चुनाव में ताल ठोंक रहे हैं।
आगरा की कैंट विधानसभा सीट से भाजपा के डॉ. जीएस धर्मेश तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। पहली बार 2012 में इन्होंने इसी सीट से किस्मत आजमाई थी, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। बीते 2017 में जनता का भरोसा जीतने में कामयाब रहे और पहली बार विधानसभा पहुंचे।
प्रदेश सरकार ने पुरस्कार के तौर पर राज्यमंत्री भी बनाया। एक बार फिर उसी सीट से दम लगा रहे हैं। फतेहपुर सीकरी से बसपा प्रत्याशी के तौर पर डॉ. मुकेश राजपूत ने ताल ठोंकी है। राजपूत पहली बार चुनावी दंगल में हाथ आजमा रहे हैं।
विधायक से मंत्री तक बन चुके हैं डॉक्टर साहब
आगरा में डॉ. जीएस धर्मेश से पहले डॉ. कृष्णवीर सिंह कौशल और डॉ. रामबाबू हरित विधानसभा पहुंचे और मंत्री भी बने। डॉ. कौशल 1974 से लगातार चार बार विधायक रहे। इमरजेंसी के बाद हुए चुनावों में भी इनका डंका बजा।
डॉ. रामबाबू हरित भाजपा से तीन बार विधायक चुने गए। यह प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भी बनाए गए थे। अभी उप्र अनुसूचित जाति-जनजाति के अध्यक्ष है। डॉ. राजेंद्र सिंह भी जीत का स्वाद चख चुके हैं और 2007 में विधान सभा पहुंचे।
इन डॉक्टरों ने भी थामा राजनीति का दामन
चिकित्सक भी सक्रिय राजनीति में हैं। वह विभिन्न दलों के चिकित्सा प्रकोष्ठ की कमान संभालें हुए हैं। इसमें आईएमए अध्यक्ष डॉ. राजीव उपाध्याय भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ के महानगर अध्यक्ष हैं। डॉ. हेमेंद्र विक्रम सिंह बृज क्षेत्र के संयोजक और डॉ. पंकज नगायच सह संयोजक हैं।
प्रकोष्ठ में 20 से अधिक चिकित्सक हैं। आईएमए के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. ओपी यादव राष्ट्रीय लोकदल के चिकित्सा प्रकोष्ठ के बृज प्रांत अध्यक्ष हैं। इन्होंने बताया कि वह अपनी टीम बना रहे हैं, जिसमें कई चिकित्सकों के नाम आए हैं।
विस्तार
मरीजों के बीच घिरे रहने वाले चिकित्सकों को सियासत भाने लगी है। आगरा से दो चिकित्सक चुनावी मैदान में हैं और जनता की नब्ज टटोल रहे हैं। इसमें भाजपा से मौजूदा विधायक डॉ. जीएस धर्मेंश और बसपा से पहली बार खड़े हुए डॉ. मुकेश राजपूत चुनाव में ताल ठोंक रहे हैं।
आगरा की कैंट विधानसभा सीट से भाजपा के डॉ. जीएस धर्मेश तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। पहली बार 2012 में इन्होंने इसी सीट से किस्मत आजमाई थी, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। बीते 2017 में जनता का भरोसा जीतने में कामयाब रहे और पहली बार विधानसभा पहुंचे।
प्रदेश सरकार ने पुरस्कार के तौर पर राज्यमंत्री भी बनाया। एक बार फिर उसी सीट से दम लगा रहे हैं। फतेहपुर सीकरी से बसपा प्रत्याशी के तौर पर डॉ. मुकेश राजपूत ने ताल ठोंकी है। राजपूत पहली बार चुनावी दंगल में हाथ आजमा रहे हैं।
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