UP Election 2022: योगी के मंत्री की जगह भाजपा से टिकट पाने वाले राजेश्वर सिंह कौन हैं, अखिलेश यादव से इनके कैसे रिश्ते हैं?

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सार

भाजपा ने इस बार लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से मंत्री स्वाति सिंह की जगह राजेश्वर सिंह को टिकट दिया है। राजेश्वर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के जॉइंट डायरेक्टर रहे हैं। 

राजेश्वर सिंह

राजेश्वर सिंह
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से भाजपा के उम्मीदवार राजेश्वर सिंह इन दिनों चर्चा में हैं। दो दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी से उन्होंने वीआरएस लिया। वह ईडी के जॉइंट डायरेक्टर थे। वीआरएस मिलते ही भाजपा जॉइन कर ली। ट्वीट पर एक लंबा पोस्ट शेयर किया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। 

भाजपा की सदस्यता लेने के दो दिन बाद ही उन्हें लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से टिकट मिल गया। 2017 में यहां से स्वाति सिंह ने जीत हासिल की थी। स्वाति योगी सरकार में राज्यमंत्री हैं। टिकट मिलने के बाद तीन दिन के अंदर दूसरी बार राजेश्वर सिंह ने इमोशनल मैसेज के जरिए लखनऊ के लोगों से जुड़ने की कोशिश की। 

पहले राजेश्वर सिंह के बारे में सबकुछ जान लीजिए

सुल्तानपुर का परिवार, लखनऊ में जन्म : राजेश्वर सिंह मूल रूप से सुल्तानपुर के पखरौली के रहने वाले हैं। हालांकि, उनका जन्म लखनऊ में ही हुआ है। उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद से इंजीनियरिंग की है। इसके बाद लॉ और ह्यूमन राइट्स में भी डिग्री ली। साल 1996 में वह पीपीएस अफसर चयनित हुए। राजेश्वर सिंह के पिता स्वर्गीय रण बहादुर सिंह भी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी थे।  

परिवार में कई लोग अफसर: राजेश्वर के भाई रामेश्वर सिंह इनकम टैक्स कमिश्नर हैं। एक बहन मीनाक्षी आईआरएस अफसर हैं, जबकि बड़ी बहन आभा सिंह सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं। आभा सिंह इंडियन पोस्टल सर्विस में थीं। पत्नी लक्ष्मी सिंह लखनऊ रेंज की आईजी हैं। बहनोई राजीव कृष्ण एडीजी आगरा जोन हैं। एक और बहनोई वाईपी सिंह आईपीएस रहे, उन्होंने भी वीआरएस लिया था।

लखनऊ में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की बनी पहचान : लखनऊ में डिप्टी एसपी के रूप में तैनाती के दौरान राजेश्वर सिंह को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता था। उनके पास गोमतीनगर सीओ (अपराध) और सीओ (यातायात) के सर्किल ऑफिसर का एक साथ चार्ज था। राजेश्वर सिंह के नाम 13 एनकाउंटर दर्ज हैं। 

कई बड़े घोटालों की जांच की :  2007 में राजेश्वर ईडी में चले गए। 14 साल ईडी में सेवा देने के बाद उन्होंने वीआरएस ले लिया। हालांकि, अभी उनकी 11 साल नौकरी बची थी। ईडी में रहते हुए उन्हें कई अहम घोटालों की जांच करने की जिम्मेदारी मिली। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट समेत कई बड़े मामलों की जांच में वह शामिल रहे हैं। गोमती रिवर फ्रंट अखिलेश यादव का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट रहा है। इसपर घोटाले का आरोप लगा है और इसमें समाजवादी पार्टी के कई नेता और उस दौरान के अफसर फंसे हुए हैं। ईडी में तैनाती के दौरान घोटालेबाज नेताओं, नौकरशाहों, बाहुबलियों और माफिया से उनकी अवैध कमाई से अर्जित करीब 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों को जब्त किया। 

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी में स्थायी नौकरी दिलवाई : राजेश्वर सिंह पांच साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर प्रवर्तन निदेशालय गए थे। पहले उन्हें दो साल का विस्तार दिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ईडी में ही स्थायी हो गए। वर्तमान में वह बतौर संयुक्त निदेशक लखनऊ जोन का काम देख रहे थे। 

क्यों मिला टिकट? 

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कार्यकाल के दौरान हुए कई घोटालों की जांच करते-करते राजेश्वर सिंह की भाजपा से नजदीकियां हो गईं। सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र में ही उनका घर है। अगस्त में वह पार्टी के शीर्ष नेताओं के संपर्क में आए और वीआरएस लेकर राजनीति में आने का फैसला कर लिया। स्वामी प्रसाद मौर्य समेत तीन मंत्रियों के पार्टी छोड़ने के बाद सरोजनी नगर सीट से मौजूदा विधायक और योगी सरकार की मंत्री स्वाति सिंह का टिकट काटना आसान नहीं था। इस बीच, स्वाति और उनके पति के बीच का विवाद चर्चा का विषय बन गया। भाजपा को स्वाति का टिकट काटने का मौका मिल गया और राजेश्वर को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। 

सरोजनी नगर का जातीय समीकरण क्या है?

लखनऊ की सरोजनी नगर सीट पर सबसे ज्यादा 1.75 लाख दलित वोटर्स हैं। इसके बाद 1.5 लाख ओबीसी, 70 हजार क्षत्रिय, 50 हजार ब्राह्मण और 30 हजार मुस्लिम वोटर्स हैं। भाजपा दलित, ओबीसी, क्षत्रिय और फिर ब्राह्मण वोटर्स की मदद से इस सीट पर जीत हासिल करने की कोशिश करेगी। इस सीट के दायरे में ग्रामीण और शहरी दोनों इलाके आते हैं। लखनऊ एयरपोर्ट भी इसी क्षेत्र में है। 

टिकट मिलने के बाद लिखी इमोशनल चिट्ठी

टिकट मिलने के बाद राजेश्वर सिंह ने लखनऊ और सरोजनी नगर के वोटर्स के नाम एक चिट्ठी लिखी। इसमें बड़े ही इमोशनल तरीके से खुद को लखनऊ और सरोनी नगर के लोगों से जोड़ने की कोशिश की। पढ़िए क्या-क्या लिखा?

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