UP Election 2022 Last Phase Voting: वाराणसी में चक्रव्यूह के 8 द्वार, प्रत्याशियों को भीतरघात और बागियों के तेवर का डर

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: उत्पल कांत
Updated Mon, 07 Mar 2022 07:34 AM IST

सार

UP Chunav 2022 7th Charan Polling: वाराणसी की आठ विधानसभा सीटों पिंडरा, अजगरा, शिवपुर, रोहनिया, वाराणसी उत्तरी, वाराणसी दक्षिणी, वाराणसी कैंट, सेवापुरी में मतदान जारी है। यहां से 70 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।

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चुनावी रण की आखिरी बेला में वाराणसी की आठ विधानसभा सीटों पर आज मतदान शुरू हो गया है।  वाराणसी में कुछ सीटों पर सीधा मुकाबला तो कुछ सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई के आसार बन रहे हैं। हालांकि मैदान में जुटे प्रत्याशियों को भीतरघात और बागियों के तेवर का भी डर सता रहा है। यही कारण है कि मतदान के दौरान निगरानी प्रबंधन के साथ ही मतदाताओं के मिजाज को अपने पक्ष में बनाने के लिए हर कोई एड़ी-चोटी का जोर लगाने में जुटा रहा।
 
भाजपा : पिछले चुनाव जैसा जीत का भरोसा
वाराणसी की आठों विधानसभा सीटों पर पिछले चुनाव जैसा ही जीत का भरोसा है। भाजपा को मोदी मैजिक और उनके दो दिन के काशी प्रवास से उम्मीद है। इसके अलावा योगी-मोदी चेहरा, मजबूत संगठन और कार्यकर्ताओं के मजबूत नेटवर्क को लेकर भी पार्टी उत्साहित है।

गठबंधन को सपा-सुभासपा की जोड़ी का सहारा
सपा और सुभासपा गठबंधन को इस बार भाजपा की पिछली बार जैसी लहर नहीं दिख रही है। सत्ता विरोधी लहर और जातीय समीकरणों के साथ मुस्लिम मतों की एकजुटता का भरोसा है। रोजगार और महंगाई जैसे मुद्दों से भी उम्मीद है।

बसपा को अपनी सोशल इंजीनियरिंग से उम्मीद है। वाराणसी की आठों विधानसभा सीट पर मौर्य, ब्राह्मण, पटेल उम्मीदवारों के जरिए जातीय समीकरण साधने में है। वर्ष 2012 में बसपा यहां बेहतर प्रदर्शन कर चुकी है।

कांग्रेस
कांग्रेस ने आठ विधानसभा सीटों में चार पर महिला प्रत्याशी उतारकर अपने लड़की हूं, लड़ सकती हूं अभियान को धार देने की कोशिश की है। इसके अलावा कांग्रेस को अपने दिग्गजों से भी चमत्कार की उम्मीद है। कांग्रेस भी जातीय समीकरण से उम्मीद लगाए बैठी है।

देर रात तक चलता रहा बैठकों का दौर
 विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में सोमवार को मतदान होना है। अधिक से अधिक लोग अपने घरों से निकलकर बूथों तक पहुंचें, इसको लेकर प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ रणनीति बनाने में लगे रहे। देर रात पार्टियों के चुनाव कार्यालय पर बैठकों का दौर भी चलता रहा, जिसमें पोलिंग एजेंट बनाए जाने सहित अन्य तैयारियों की समीक्षा भी हुई।

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वाराणसी जिले की आठ विधानसभा सीटों में इस बार भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, आप सहित अन्य राजनीतिक दलाें को मिलाकर 70 से अधिक प्रत्याशी हैं। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार शनिवार शाम से ही चुनाव प्रचार थम गया है। ऐसे में रविवार को दिन में प्रत्याशी अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में कालोनियों, गांवों में घर-घर पहुंचे। प्रत्याशियों ने लोगों से विकास कराए जाने के बात कहकर उनका आशीर्वाद भी मांगा।

सोशल मीडिया को बनाया मुख्य आधार
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने रविवार को दिन में घर घर लोगों से जनसंपर्क किया और सोशल मीडिया को भी मुख्य आधार बनाया गया। प्रत्याशियों के समर्थक फेसबुक पर अलग-अलग पोस्ट डालकर लोगों से वोट की अपील करते रहे।

विस्तार

चुनावी रण की आखिरी बेला में वाराणसी की आठ विधानसभा सीटों पर आज मतदान शुरू हो गया है।  वाराणसी में कुछ सीटों पर सीधा मुकाबला तो कुछ सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई के आसार बन रहे हैं। हालांकि मैदान में जुटे प्रत्याशियों को भीतरघात और बागियों के तेवर का भी डर सता रहा है। यही कारण है कि मतदान के दौरान निगरानी प्रबंधन के साथ ही मतदाताओं के मिजाज को अपने पक्ष में बनाने के लिए हर कोई एड़ी-चोटी का जोर लगाने में जुटा रहा।

 

भाजपा : पिछले चुनाव जैसा जीत का भरोसा

वाराणसी की आठों विधानसभा सीटों पर पिछले चुनाव जैसा ही जीत का भरोसा है। भाजपा को मोदी मैजिक और उनके दो दिन के काशी प्रवास से उम्मीद है। इसके अलावा योगी-मोदी चेहरा, मजबूत संगठन और कार्यकर्ताओं के मजबूत नेटवर्क को लेकर भी पार्टी उत्साहित है।

गठबंधन को सपा-सुभासपा की जोड़ी का सहारा

सपा और सुभासपा गठबंधन को इस बार भाजपा की पिछली बार जैसी लहर नहीं दिख रही है। सत्ता विरोधी लहर और जातीय समीकरणों के साथ मुस्लिम मतों की एकजुटता का भरोसा है। रोजगार और महंगाई जैसे मुद्दों से भी उम्मीद है।

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