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रूपल श्रीवास्तव
– फोटो : vivek shukla
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सिविल सेवा परीक्षा में रूपल श्रीवास्तव ने 113वीं रैंक हासिल कर शहर का मान बढ़ाया है। उनके पिता डॉ. अभय कुमार श्रीवास्तव जालौन में सीडीओ के पद पर कार्यरत हैं और मां डीएवीपीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। रूपल माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उन्होंने यह कामयाबी तीसरे प्रयास में हासिल किया है।
बचपन से ही मेधावी रहीं रूपल ने लिटिल फ्लावर स्कूल, धर्मपुर से कक्षा 10वीं में 96.68 फीसदी और 12वीं में 97.5 फीसदी अंक हासिल किया था। इसके बाद एनआईटी, जमशेदपुर से बीटेक में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। रूपल ने आईएएस की तैयारी दिल्ली से की। उन्होंने पहला प्रयास वर्ष 2020 में किया, जिसमें सफलता नहीं मिली, लेकिन रूपल ने हौसला नहीं छोड़ा। दूसरी कोशिश में उन्होंने प्री परीक्षा में कामयाबी पा ली, लेकिन मेन क्लीयर नहीं कर सकीं। तीसरे प्रयास में रूपल ने 113वीं रैंक प्राप्त की है।
अमर उजाला से बातचीत में रूपल ने बताया कि वह रोजाना आठ से 10 घंटे पढ़ती थीं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है। रूपल ने बताया कि उन्हें पेंटिंग बनाने और किताबें पढ़ने का शौक है। तैयारी करने वाले छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए रूपल ने बताया कि असफलता से घबराएं नहीं। संयम के साथ निरंतर पढ़ाई करें। पढ़ाई के दौरान जो गलतियां हुई हों, उन्हें चिह्नित कर उसमें सुधार करें। सफलता अवश्य मिलेगी।
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