Varanasi Boat Accident: मौत में बदली मस्ती, टूंडला के तीन दोस्त गंगा में डूबे, देखें हादसे से पहले की तस्वीरें

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वाराणसी नाव हादसे में टूंडला के तीन युवकों की गंगा में डूबने की खबर से क्षेत्रीय लोग स्तब्ध रह गए। मरने वालों में अनस (20) और इमामुद्दीन (30) हैं। दोनों के शव बरामद कर लिए गए हैं। जबकि संजय (36) का अब तक पता नहीं चल पाया है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार नाव पर घूमने जाने से पहले इन युवकों ने शराब पी थी। गंगा से उस पार स्नान करने के बाद वापस आने के बाद फोटो लेने के लिए उछलकूद करने लगे। इसी दौरान नाव डूब गई। युवकों की मस्ती मौत में बदल गई। 

टूंडला निवासी केशव मरुधर एक्सप्रेस ट्रेन में पैंट्रीकार संचालक है। वह कच्चा टूंडला निवासी संजय उर्फ चिंगारू (36), पवन, इमामुद्दीन, अनस, पप्पू, अन्नू, मोनू के साथ रविवार रात को मरुधर एक्सप्रेस से वाराणसी पहुंचे थे। सोमवार दोपहर को केशव, अनस, संजय, पवन और इमामुद्दीन नौकायन के लिए गए थे। इस दौरान उनकी नाव गंगा में डूब गई। नाव के साथ ही नाविक सहित पांचों दोस्त डूब गए। जिनमें से इसमें केशव और पवन को बचा लिया गया। अनस और इमामुद्दीन की मौत हो गई। जबकि संजय का देर रात तक कोई पता नहीं चल सका। 

संजय की आठ वर्ष पूर्व शादी हुई थी। दो बच्चों के पिता था। बड़ा बेटा आठ वर्षीय मनीष और छह वर्षीय मानवी है। वह रविवार को ही फर्रुखाबाद से पत्नी व बच्चों को टूंडला छोड़कर मरुधर एक्सप्रेस से वाराणसी पहुंचा था। पति के गंगा में डूबने की जानकारी मिलते ही पत्नी नीतू का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। तीनों युवक इमामुद्दीन, अनस और संजय केशव के साथ ही साम्बा शिवा एंडरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के लिए वेंडरिंग का काम करते थे। ट्रेन के करीब नौ घंटे तक वाराणसी में खड़े रहने पर सभी वेंडर वाराणसी में घूमने निकल जाया करते थे।

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अनस और इमामुद्दीन दोनों ही अविवाहित थे। अनस के परिवार में माता-पिता, एक भाई व दो बहनें हैं। वहीं इमामुद्दीन के परिवार में केवल वृद्ध मां है। इकलौते बेटे की मौत से बुढ़ापे में उसका एकमात्र सहारा भी चला गया। इमामुद्दीन ने एक दिन पूर्व अपने साथी दीपक से कहा था कि उसने तमाम हादसे देखे हैं, लेकिन नाव को डूबते कभी नहीं देखा। हमारे सामने कोई नाव डूबे तो उसकी वीडियो बनाई जाए। दीपक ने बताया कि उसे क्या पता था कि उसका बोला हुआ ऐसा सच होगा, जिसे वह खुद नहीं देख पाएगा।  

मरुधर में काम करने वाले दीपक ने बताया कि ट्रेन के वहां करीब नौ घंटे खड़े रहने पर सभी घूमने निकलते थे। शनिवार को वह भी सभी के साथ था। गंगा में नहाते हुए खूब मस्ती की थी। रविवार को वह ट्रेन से लौट आया था, लेकिन फिर से रविवार को गंगा स्नान को पहुंचे थे। नाव में जाने से मना करते हुए दीपक लौट रहा था तभी अनस ने उससे कहा था कि फोटो और वीडियो तो बना लो, यादें रह जाएंगी।

 

नाव हादसे में नाविक सनी की मौत के बाद वहां मौजूद नाविक समाज के लोग दुखी थे। लोग यही कह रहे थे कि सनी पानी का खिलाड़ी था। सनी जिंदगी का आखिरी दांव पानी में ही हार गया। घाट किनारे मौजूद लोगों ने बताया कि सनी तैर कर निकल जाता, लेकिन डूबने वाले उसका पैर पकड़कर लटक गए थे। बेटे की मौत की जानकारी मिलने पर घाट पर पहुंची सनी की मां का रो रोकर बुरा हाल था। दो भाई दो बहनों में बड़ा सनी और छोटा विकास है। सनी के पिता भाईन की चाय की दुकान पर काम करने के लिए ही पवन टूंडला से आया था।

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