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इस बार दूल्हा-दुल्हन को सजने में ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा। बैंडबाजा व बग्गी में भी 30 से 35 प्रतिशत रेट बढ़ गए हैं। दिसंबर तक जिले में करीब 800 शादी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। आसमान छूती कीमत का हर जगह प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। वर्तमान में खाद्य पदार्थ, दूध-पनीर, मिठाई, फूल, कपड़े से लेकर मैरिज होम, कैटरिंग, फ्लॉवर डेकोरेशन, बैंड बाजा, डीजे, आर्केस्ट्रा तक के बढ़े खर्च से शादी का बजट बिगड़ने लगा है।
नगर के बड़ा बाजार, गांधी बाजार, नेहरू मार्केट, अयोध्या चौक, कबाड़ी बाजार आदि में चहल पहल देखी जा रही है। हर जगह शादी की तैयारी चल रही है। बाजारों में भीड़ होने के कारण लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा है। शादी के सीजन में हर कोई व्यस्त नजर आ रहा है।
वेटरों का भी बढ़ रहा खर्चा
शादी समारोह में लजीज व्यंजन परोसने के लिए वेटरों को भी बुलाया जाता है और उनकी भूमिका भी काफी रहती है। महंगाई के चलते तेल, रिफाइंड, घी, चीनी, आटा, मैदा, सूजी, चावल, दाल से लेकर दूध, पनीर, छेना, मिठाई आदि के दाम करीब तीस फीसदी बढ़ गए हैं। कैटर्स मांगेराम सैनी ने बताया कि पूरा सामान रुपये कैटर्स का खर्च आएगा। जिस तरह से बाजार में सामान महंगा है, उसी तरह से शादी के लिए बुक करने वालों से लिया जाता है। महंगाई के कारण कमर टूट चुकी है। फूल व्यवसायी दीपक ने बताया कि फूल के दाम बढ़े है।
कपड़ों पर नहीं अधिक महंगाई
नफीस अहमद ने बताया कि पिछले वर्ष से इस बार कपड़ों पर अधिक महंगाई नहीं है। दो चार प्रतिशत ही शेरवानी, लहंगा, साड़ी व अन्य कपड़ों के दाम बढ़े हैं, लेकिन इसका कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
दस फीसदी तक बढ़ा मैरिज लॉन का किराया
मैरिज लॉन व विवाह का किराया बीते एक साल में करीब पांच से दस रुपये तक बढ़ गया है। सामान्य स्तर पर 70 हजार और उच्च स्तर पर मैरिज लॉन दो से तीन लाख रुपये तक में उपलब्ध हैं। महंगाई व मजदूरी बढ़ने से मैरिज लॉन का किराया बीते वर्ष के मुकाबले बढ़ा है। विवाह मंडल संचालक संजय शर्मा ने कहा कि महंगाई तो बढ़ी है, लेकिन कोई ज्यादा दाम नहीं दे पाता है। एक वर्ष में मात्र दस हजार रुपये अधिक लिए जा रहे हैं।
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