गोरखपुर स्कूल बस हादसा: 26 सीट वाली मिनी बस में बैठाए गए थे 62 बच्चे, तीन शिक्षक भी थे सवार

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गोरखपुर जिले के खोराबार में रविवार सुबह फोरलेन पर हुए हादसे में देवरिया के स्कूल प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई है। 26 सीट वाली मिनी बस में 62 बच्चों को बैठाया गया था। बच्चों को बैठाने के लिए बीच में बेंच भी लगाए थे। तीन शिक्षक भी बस में सवार थे।

हादसे के बाद पुलिस ने सभी पहलुओं से जांच शुरू कर दी है। मिनी बस की फिटनेस, चालक का लाइसेंस पुलिस को नहीं मिले हैं। एसपी सिटी ने खोराबार पुलिस को सुरक्षा के सभी मानकों की जांच का आदेश दिया है।

देवरिया की ग्रीन डिफेंस सोनिया एकेडमी से 62 बच्चों को लेकर मिनी बस गोरखपुर के लिए चली थी। बच्चों को चिड़ियाघर की सैर करानी थी। बताया जा रहा है कि बस स्कूल की नहीं है। उसे स्कूल की ओर से अधिकृत किया गया था।

जानकारों का कहना है कि बस में जिस तरह से बच्चों को ठूंस कर बैठाया गया था उसमें हादसे की आशंका रहती ही है। यही वजह भी रही कि साइकिल सवार के सामने आते ही बस अनियंत्रित होकर खाई में पलट गई। हालांकि संयोग बढ़िया था कि किसी बच्चे को गंभीर चोट नहीं आई है। फिर भी बस चालक और एक छात्र गंभीर रूप से घायल हैं। उनका इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। जबकि साइकिल सवार की जान चली गई।

 

खौफनाक मंजर याद करके सिहर उठे बच्चे

बस पलटने का खौफनाक मंजर याद करके बच्चे सिहर जाते हैं। घटना के बारे में बातें करते-करते रो पड़ते हैं। खुशी विश्वकर्मा और कक्षा दो की छात्रा सुनयिका का कहना था कि हमें जल्दी से घर पहुंचा दीजिए। उन्होंने बताया कि अचानक तेज धक्का लगा और हम नीचे गिर गए। आदिल और गुड़िया भी इसी बस में सवार थे। गुड़िया ने बताया कि शिक्षक ड्राइवर के पीछे की सीट पर बैठे थे। दूसरी सीट पर अनुष्का, गीतांजलि के साथ बैठी थी। स्कूल की एक शिक्षक भी बगल में बैठी थीं। अचानक तेज आवाज के साथ बस पलट गई। मैडम हमारे ऊपर गिर गईं। किसी तरह लोगों ने बाहर निकाला गया। एक छात्रा ने बताया कि वह आदिल, पूजा के साथ बैठी थी। तभी जोर के आवाज के साथ बस पलट गई। सभी एक-दूसरे के ऊपर गिर गए। सांसें अटक गई थीं।

 

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खबर पाते ही घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े अभिभावक

रविवार की सुबह रामनगर कड़जहां के पास स्कूल बस के पलटने के बाद अफरातफरी मच गई। जो जहां सुना, वहीं से घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ा। हालत यह थी कि सड़क पर लोगों की भीड़ लग गई। लोगों को आने-जाने में भी दिक्कतें हुईं। देवरिया जिले के नारायणपुर स्थित स्कूल में आसपास के ही बच्चे पढ़ते हैं। हादसे के बाद कुछ बच्चे खिड़की के रास्ते तो कुछ चालक की सीट के पास वाले दरवाजे से निकाले गए। भीड़ के चलते काफी देर तक फोरलेन पर आवागमन रुका रहा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बच्चे बस के अंदर चीख-चिल्ला रहे थे। कोई भगवान को तो कोई मम्मी-पापा को पुकार रहा था। अभिभावक बच्चों को ढूंढते हुए घटनास्थल तक पहुंच गए थे।

 

स्कूल वाहनों के लिए निर्धारित नियम

  • बस में फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए।
  • बस के शीशों पर छड़ की रेलिंग लगी हो।
  • अटेंडेंट यानी चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस, आईकार्ड और वाहन के कागजात होने चाहिए।
  • विद्यालय की ओर से बस संचालन के लिए प्रदत्त प्रमाण पत्र हो।
  • यदि स्कूल की निजी बस हो तो पीले रंग में होनी चाहिए।
  • वाहन पर विद्यालय या इसके प्रबंधक का पता और दूरभाष नंबर होना चाहिए।
  • फिटनेस प्रमाणपत्र होना चाहिए।

 

एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि मिनी बस में 62 बच्चे सवार थे। सभी बच्चे सुरक्षित हैं। फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य मानकों की जांच की जा रही है। जांच में कमी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

ग्रीन डिफेंस सोनिया एकेडमी देवरिया के प्रबंधक शेखर विश्वकर्मा ने कहा कि  बस में 30 ही बच्चे बैठाए गए थे। अन्य बच्चे दो बोलेरो और एक कार में बैठाए गए थे। बस 45 सीटर है। सभी बच्चे सुरक्षित हैं। किसी तरह की लापरवाही नहीं की गई है।



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