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सार
कोरोना संक्रमण से बचाव में टीका प्रभावी साबित हुआ है। आगरा में अधिकतर बड़े और बुजुर्गों का टीकाकरण हो चुका है। अब 5 से 12 साल तक के बच्चों का टीकाकरण जल्द शुरू होने वाला है।
आगरा जिले में कोरोना वायरस से बचाव के लिए अधिकतर बड़े और बुजुर्गों का टीकाकरण हो चुका है। काफी हद तक ये कोरोना से सुरक्षित हैं। अब पांच से 12 साल तक के बच्चों के टीकाकरण की बारी है। अभिभावक अपने बच्चों के लिए सुरक्षा कवच अपनाएं।
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि संक्रमण से बचाव में टीका प्रभावी साबित हुआ है। दूसरी लहर में मरीजों की हालात अति गंभीर मिल रही थी लेकिन टीकाकरण की वजह से तीसरी लहर में मरीजों में मामूली लक्षण मिले। एसएन मेडिकल कॉलेज में 46 मरीजों को ही भर्ती करने की जरूरत पड़ी।
12 से 14 साल तक के बच्चे, 15 से 17 साल के किशोर-किशोरी और 18 साल से अधिक उम्र के लगभग सभी लोग टीका लगवा चुके हैं। अब 5 से 12 साल तक के बच्चों के टीकाकरण को मंजूरी मिली है तो अभिभावक अपने बच्चों के वैक्सीन लगवाकर उनका भी जीवन सुरक्षित करें।
ग्राम प्रधानों को बच्चों के टीकाकरण के लिए करेंगे प्रेरित
जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया का कहना है कि बच्चों के टीकाकरण के लिए ग्राम प्रधानों को निर्देशित करेंगे और गांव-गांव में अपने बच्चों को टीका लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए जागरूक करेंगे। सोशल मीडिया और बैठकों में भी इस बात पर जोर दिया जाएगा।
वैक्सीन ही कोरोना वायरस की सबसे बड़ी दवा
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुपमा शर्मा ने बताया कि टीकाकरण कोरोना वायरस से बचाव के लिए सबसे बड़ी दवा है। गर्भवती महिलाओं के साथ ही पांच से 12 साल तक के बच्चों के वैक्सीन लगाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चला रहे हैं। अस्पताल में पोस्टर भी लगाए हैं, सोशल मीडिया पर भी टीके का महत्व बताते हुए अभिभावकों को अपने बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए जागरूक कर रहे हैं।
गांव में बच्चों के टीकाकरण को कर रहे जागरूक
एत्मादपुर ब्लाक के ग्राम सेवरा के प्रधान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हमारे गांव में अधिकांश लोग के टीका लग चुका है, अब पांच से 12 साल तक के बच्चों को टीका लगने जा रहा है, इसके लिए मैं पंचायत और बैठकों में लोगों को बच्चों के टीका लगवाने के लिए प्रेरित कर रहा हूं। घर घर जाकर भी जागरूक करेंगे।
विस्तार
आगरा जिले में कोरोना वायरस से बचाव के लिए अधिकतर बड़े और बुजुर्गों का टीकाकरण हो चुका है। काफी हद तक ये कोरोना से सुरक्षित हैं। अब पांच से 12 साल तक के बच्चों के टीकाकरण की बारी है। अभिभावक अपने बच्चों के लिए सुरक्षा कवच अपनाएं।
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि संक्रमण से बचाव में टीका प्रभावी साबित हुआ है। दूसरी लहर में मरीजों की हालात अति गंभीर मिल रही थी लेकिन टीकाकरण की वजह से तीसरी लहर में मरीजों में मामूली लक्षण मिले। एसएन मेडिकल कॉलेज में 46 मरीजों को ही भर्ती करने की जरूरत पड़ी।
12 से 14 साल तक के बच्चे, 15 से 17 साल के किशोर-किशोरी और 18 साल से अधिक उम्र के लगभग सभी लोग टीका लगवा चुके हैं। अब 5 से 12 साल तक के बच्चों के टीकाकरण को मंजूरी मिली है तो अभिभावक अपने बच्चों के वैक्सीन लगवाकर उनका भी जीवन सुरक्षित करें।
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