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उन्नाव। मौसम के साथ देने से इस बार जिले में आलू की बंपर पैदावार हुई है लेकिन किसान फिर भी परेशान हैं। कोल्ड स्टोरेज फुल होने की बात कहकर किसानों को लौटाया जा रहा है। इसके कारण किसान पास के जिलों में भी संपर्क कर रहे हैं। जिनके पास कोई व्यवस्था नहीं है वह मंडी में माटी के भाव आलू बेच रहे हैं।
इस साल 1,68000 एमटी आलू की पैदावार हुई है। जिले के 20 शीतगृहों की भंडारण क्षमता 1, 37619 एमटी है। अधिकतर शीतगृह फुल होने से किसानों को आलू का भंडारण करने में दिक्कत हो रही है। कई किसान हरदोई, लखीमपुर, सीतापुर जाकर भंडारण के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं।
बड़े काश्तकारों को फायदा देते शीतगृह संचालक
किसानों ने आरोप लगाया कि अधिकतर शीतगृह के संचालकों ने बड़े काश्तकारों से आलू की बुवाई के समय ही संपर्क कर लिया था और टोकन भी दे दिए थे। यह वह काश्तकार हैं जिनके खेत में चिप्सोना, बाहर, सूर्या प्रजाति की आलू होती है। इस आलू की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। बड़े काश्तकार आलू को महंगे दाम में बिहार, नेपाल, पूर्वांचल तक बेचते हैं। वहीं छोटे किसान आलू की खोदाई से 15 से 20 दिन पहले शीतगृहों से संपर्क करते हैं। ऐसे में उन्हें टोकन नहीं मिल पाता है।
ये है हाल
सफीपुर क्षेत्र में एक ही शीतगृह उन्नाव-हरदोई मार्ग पर है। इसमें 55 हजार बोरियां रखने की क्षमता है और अब तक 50,109 आलू की बोरियां रखी जा चुकी हैं। शीतगृह के मैनेजर ज्ञान बाबू ने बताया कि दो दिन में शीतगृह फुल हो जाएगा। बागंरमऊ क्षेत्र में शांति मोहन एंड संस कोल्ड स्टोरेज की भंडारण क्षमता 93 हजार क्विंटल है। इसी तरह माया शीतगृह की क्षमता एक लाख 37 हजार क्विंटल है। दोनों शीतगृह भर गए हैं। जिस कारण किसान परेशान हैं। इसी तरह अचलगंज में पांच शीतगृह हैं और सभी फुल हैं। बीघापुर में एक शीतगृह है जो फुल होने की कगार पर है।
जिलेे में 20 शीतगृह हैं। आलू की पैदावार अधिक होने से शीतगृह भर रहे हैं। अभी तक 1,10095 एमटी आलू शीतगृहों में भंडारित हो चुका है।- सुनील कुमार, जिला उद्यान अधिकारी
उन्नाव। मौसम के साथ देने से इस बार जिले में आलू की बंपर पैदावार हुई है लेकिन किसान फिर भी परेशान हैं। कोल्ड स्टोरेज फुल होने की बात कहकर किसानों को लौटाया जा रहा है। इसके कारण किसान पास के जिलों में भी संपर्क कर रहे हैं। जिनके पास कोई व्यवस्था नहीं है वह मंडी में माटी के भाव आलू बेच रहे हैं।
इस साल 1,68000 एमटी आलू की पैदावार हुई है। जिले के 20 शीतगृहों की भंडारण क्षमता 1, 37619 एमटी है। अधिकतर शीतगृह फुल होने से किसानों को आलू का भंडारण करने में दिक्कत हो रही है। कई किसान हरदोई, लखीमपुर, सीतापुर जाकर भंडारण के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं।
बड़े काश्तकारों को फायदा देते शीतगृह संचालक
किसानों ने आरोप लगाया कि अधिकतर शीतगृह के संचालकों ने बड़े काश्तकारों से आलू की बुवाई के समय ही संपर्क कर लिया था और टोकन भी दे दिए थे। यह वह काश्तकार हैं जिनके खेत में चिप्सोना, बाहर, सूर्या प्रजाति की आलू होती है। इस आलू की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। बड़े काश्तकार आलू को महंगे दाम में बिहार, नेपाल, पूर्वांचल तक बेचते हैं। वहीं छोटे किसान आलू की खोदाई से 15 से 20 दिन पहले शीतगृहों से संपर्क करते हैं। ऐसे में उन्हें टोकन नहीं मिल पाता है।
ये है हाल
सफीपुर क्षेत्र में एक ही शीतगृह उन्नाव-हरदोई मार्ग पर है। इसमें 55 हजार बोरियां रखने की क्षमता है और अब तक 50,109 आलू की बोरियां रखी जा चुकी हैं। शीतगृह के मैनेजर ज्ञान बाबू ने बताया कि दो दिन में शीतगृह फुल हो जाएगा। बागंरमऊ क्षेत्र में शांति मोहन एंड संस कोल्ड स्टोरेज की भंडारण क्षमता 93 हजार क्विंटल है। इसी तरह माया शीतगृह की क्षमता एक लाख 37 हजार क्विंटल है। दोनों शीतगृह भर गए हैं। जिस कारण किसान परेशान हैं। इसी तरह अचलगंज में पांच शीतगृह हैं और सभी फुल हैं। बीघापुर में एक शीतगृह है जो फुल होने की कगार पर है।
जिलेे में 20 शीतगृह हैं। आलू की पैदावार अधिक होने से शीतगृह भर रहे हैं। अभी तक 1,10095 एमटी आलू शीतगृहों में भंडारित हो चुका है।- सुनील कुमार, जिला उद्यान अधिकारी
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