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बंथर स्थित सीईटीपी। फाइल फोटो। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। एनएमसीजी (नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा) के तहत दही चौकी और बंथर औद्योगिक क्षेत्र के सीईटीपी (कॉमन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) को अपग्रेड किया जाएगा। इस पर 220 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सीईटीपी अपग्रेड होने से गंगा स्वच्छ होगी और उद्योगों में उत्पादन बढ़ेगा।
चार साल पहले एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल) के मानकों पर फेल हुए दोनों औद्योगिक क्षेत्रों के सीईटीपी (कॉमन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) को अपग्रेड करने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। दोनों सीईटीपी के अपग्रेडेशन पर 220 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। गंगा और पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए एनजीटी की सख्ती पर सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड) ने प्रदूषण के मानकों में बदलाव किए थे। नए मानकों के आधार पर वर्ष 2017 में औद्योगिक क्षेत्र बंथर और दही चौकी के सीईटीपी अपग्रेड करने की योजना बनाई गई थी। इन दोनों सीईटीपी को अपग्रेड करने के लिए एमजीसी ने अनुमति और टेंडर स्वीकृत कर दिए हैं। बंथर सीईटीपी पर 111 करोड़ और दही चौकी सीईटीपी पर 109 करोड़ खर्च आएगा। अत्याधुनिक उपकरण लगाकर क्रोमियम, फ्लोराइड, सीओडी (केमिकल आक्सीजन डिमांड), पीएचबी, बीओडी और एसएस (सब स्टैंड सालिड) पानी से अलग हो जाएगा।
चर्म इकाइयों के उत्प्रवाह को सीईटीपी में साफ कर शुद्ध बनाने के बाद दोबारा प्रयोग में भी लाया जा सकेगा। पानी में हानिकारक तत्व न होने से गंगा भी प्रदूषण मुक्त होगी। अपग्रेडेशन में होने वाले खर्च का 25 फीसदी उन उद्यमियों को देना होगा जो इन ट्रीटमेंट प्लांट में उद्योगों का उत्प्रवाह (पानी) साफ करते हैं। सीईटीपी के सलाहकार आशुतोष टंडन ने बताया कि एनएमसीजी ने टेंडर स्वीकृत कर दिए हैं। दही चौकी सीईटीपी को अहमदाबाद की कंपनी यूनीप्रो अपग्रेड करेगी। बंथर सीईटीपी का काम दिल्ली की ईएमएस इंफ्राकॉम कराएगी। दो साल में काम पूरा हो जाएगा।
एनजीटी की सख्ती पर 2017 से टेनरियों पर उत्प्रवाह आधा करने की पाबंदी लगाई गई थी। इससे टेनरी संचालकों को उत्पादन भी आधा करना पड़ा। चर्म उद्योग संघ के उन्नाव चेप्टर के अध्यक्ष मोहम्मद ताज आलम ने बताया कि सीईटीपी अपग्रेड होने से उत्प्रवाह वाले उद्योग पूरी क्षमता से चल पाएंगे। इससे उत्पादन भी बढ़ेगा। ज्यादा श्रमिकों व कर्मचारियों को काम भी मिल पाएगा।
उन्नाव। एनएमसीजी (नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा) के तहत दही चौकी और बंथर औद्योगिक क्षेत्र के सीईटीपी (कॉमन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) को अपग्रेड किया जाएगा। इस पर 220 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सीईटीपी अपग्रेड होने से गंगा स्वच्छ होगी और उद्योगों में उत्पादन बढ़ेगा।
चार साल पहले एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल) के मानकों पर फेल हुए दोनों औद्योगिक क्षेत्रों के सीईटीपी (कॉमन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) को अपग्रेड करने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। दोनों सीईटीपी के अपग्रेडेशन पर 220 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। गंगा और पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए एनजीटी की सख्ती पर सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड) ने प्रदूषण के मानकों में बदलाव किए थे। नए मानकों के आधार पर वर्ष 2017 में औद्योगिक क्षेत्र बंथर और दही चौकी के सीईटीपी अपग्रेड करने की योजना बनाई गई थी। इन दोनों सीईटीपी को अपग्रेड करने के लिए एमजीसी ने अनुमति और टेंडर स्वीकृत कर दिए हैं। बंथर सीईटीपी पर 111 करोड़ और दही चौकी सीईटीपी पर 109 करोड़ खर्च आएगा। अत्याधुनिक उपकरण लगाकर क्रोमियम, फ्लोराइड, सीओडी (केमिकल आक्सीजन डिमांड), पीएचबी, बीओडी और एसएस (सब स्टैंड सालिड) पानी से अलग हो जाएगा।
चर्म इकाइयों के उत्प्रवाह को सीईटीपी में साफ कर शुद्ध बनाने के बाद दोबारा प्रयोग में भी लाया जा सकेगा। पानी में हानिकारक तत्व न होने से गंगा भी प्रदूषण मुक्त होगी। अपग्रेडेशन में होने वाले खर्च का 25 फीसदी उन उद्यमियों को देना होगा जो इन ट्रीटमेंट प्लांट में उद्योगों का उत्प्रवाह (पानी) साफ करते हैं। सीईटीपी के सलाहकार आशुतोष टंडन ने बताया कि एनएमसीजी ने टेंडर स्वीकृत कर दिए हैं। दही चौकी सीईटीपी को अहमदाबाद की कंपनी यूनीप्रो अपग्रेड करेगी। बंथर सीईटीपी का काम दिल्ली की ईएमएस इंफ्राकॉम कराएगी। दो साल में काम पूरा हो जाएगा।
एनजीटी की सख्ती पर 2017 से टेनरियों पर उत्प्रवाह आधा करने की पाबंदी लगाई गई थी। इससे टेनरी संचालकों को उत्पादन भी आधा करना पड़ा। चर्म उद्योग संघ के उन्नाव चेप्टर के अध्यक्ष मोहम्मद ताज आलम ने बताया कि सीईटीपी अपग्रेड होने से उत्प्रवाह वाले उद्योग पूरी क्षमता से चल पाएंगे। इससे उत्पादन भी बढ़ेगा। ज्यादा श्रमिकों व कर्मचारियों को काम भी मिल पाएगा।
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