उन्नाव : पदमुक्त की गईं नगर पालिका चेयरमैन न्यायालय की शरण में

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उन्नाव। आठ दिन पहले भ्रष्टाचार के आरोप में पदमुक्त की गईं तत्कालीन उन्नाव नगर पालिका अध्यक्ष ऊषा कटियार ने न्यायालय की शरण ली है। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए 29 जुलाई को सुनवाई तय की है।
सरकारी धन में लाखों के घालमेल में पदमुक्त की गईं नगर पालिका परिषद की चेयरमैन ऊषा कटियार ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। शासन स्तर से की गई कार्रवाई के विरोध में उन्होंने अधिवक्ता रिपुदमन शाही के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
बुधवार को न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और रजनीश कुमार ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए यथा स्थिति बनाए रखने और 29 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है। उन्नाव नगर पालिका में प्रशासक या अध्यक्ष कौन बैठेगा इसे लेकर चर्चा जोरों पर है।
मालूम हो कि भाजपा जिला उपाध्यक्ष अनुराग अवस्थी ने फरवरी 2021 में नगर पालिका अध्यक्ष पर घालमेल का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। डीएम रवींद्र कुमार ने अगस्त 2021 में तत्कालीन एडीएम के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच कराई तो 81.91 लाख की वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ था। इसी रिपोर्ट के आधार पर शासन ने ऊषा कटियार को 12 जुलाई को नगर पालिका अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया था।

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उन्नाव। आठ दिन पहले भ्रष्टाचार के आरोप में पदमुक्त की गईं तत्कालीन उन्नाव नगर पालिका अध्यक्ष ऊषा कटियार ने न्यायालय की शरण ली है। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए 29 जुलाई को सुनवाई तय की है।

सरकारी धन में लाखों के घालमेल में पदमुक्त की गईं नगर पालिका परिषद की चेयरमैन ऊषा कटियार ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। शासन स्तर से की गई कार्रवाई के विरोध में उन्होंने अधिवक्ता रिपुदमन शाही के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

बुधवार को न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और रजनीश कुमार ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए यथा स्थिति बनाए रखने और 29 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है। उन्नाव नगर पालिका में प्रशासक या अध्यक्ष कौन बैठेगा इसे लेकर चर्चा जोरों पर है।

मालूम हो कि भाजपा जिला उपाध्यक्ष अनुराग अवस्थी ने फरवरी 2021 में नगर पालिका अध्यक्ष पर घालमेल का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। डीएम रवींद्र कुमार ने अगस्त 2021 में तत्कालीन एडीएम के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच कराई तो 81.91 लाख की वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ था। इसी रिपोर्ट के आधार पर शासन ने ऊषा कटियार को 12 जुलाई को नगर पालिका अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया था।

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