कम पैदावार से बिगड़ी क्रय केंद्रों की तस्वीर

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उन्नाव। मार्च से पड़ रही रिकार्ड तोड़ गर्मी ने गेहूं की फसल पर ऐसा असर डाला कि पैदावार 10 से 15 फीसदी घट गई। वहीं सरकार के समर्थन मूल्य और बाजार भाव में महज 50 रुपये का अंतर होने से किसानों ने क्रय केंद्रों से मुंह फेर लिया। इसका नतीजा यह है कि 90 में 70 क्रय केंद्रों पर खरीद नहीं हो सकी है। किसानों के क्रय केंद्रों पर न आने से प्रशासन के माथे पर बल है और सारी हाय तौबा केंद्र प्रभारियों के सिर मढ़ दी गई है।
जिले में वर्ष 2022 में 2.43 हेक्टेयर में गेहूं की फसल की बोई गई और इस समय फसल कट रही है। मार्च में ही तपिश बढ़ने से गेहूं की फसल 15 दिन पहले ही पक गई जिससे पैदावार कम हुई और गेहूं की दाना पतला रह गया। ऐसे में गेहूं क्रय केंद्रों से किसानों की दूरी बन गई। जो अभी तक चल रही है।
न्यूनतम 22 तथा अधिकतम 30 क्विंटल पैदा हुआ गेहूं
गेहूं की क्राप कटिंग के लिए कृषि विभाग सर्वे करा रहा है। इसके मुताबिक जिले में इस बार एक हेक्टेयर में न्यूनतम 22 क्विंटल तथा अधिकतम 30 क्विंटल गेहूं पैदा हुआ है। जबकि पिछले वर्ष यह 32 से 35 क्विंटल के बीच था।
70 किसानों से 305.80 मीट्रिक टन हुई खरीद
एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई है लेकिन इसमें रफ्तार नहीं आ सकी है। अभी तक 16 क्रय केंद्रों पर 70 किसानों का 305.80 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। वहीं डीएम रवींद्र कुमार ने सभी क्रय एजेंसियों एवं केंद्र प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी दशा में क्रय केंद्र पर बिचैलियों से खरीद न हो। यदि किसी क्रय केंद्र पर बिचैलियों से खरीद की शिकायत की मिली तो दोषी कर्मचारी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। वहीं बिछिया ब्लाक के गांव बिछिया, मुलुक गड़ार, ओरहर व घूरखेत गांव में पीसीएफ द्वारा चार गेहूं खरीद केंद्र बनाए गए हैं। खुले बाजार में गेहूं का मूल्य पीसीएफ के समर्थन मूल्य से अधिक होने से बिछिया, ओरहर, व मुलुकगड़ार केंद्र पर बीस दिन बाद एक भी किसान अपनी उपज बेचने नहीं पहुंचा। जिससे खरीद शून्य हैं।
पिछले वर्ष 1200 मीट्रिक टन के ऊपर हुई थी खरीद
पिछले वर्ष 21 अप्रैल तक 1200 मीट्रिक टन के ऊपर गेहूं की खरीद हुई थी। जबकि उस दौरान केवल 73 क्रय केंद्र बनाए गए थे। कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद क्रय केंद्रों पर किसानों की भीड़ थी। इस बार कोई लहर नहीं है और सबसे अधिक 90 क्रय केंद्र बनाए गए उसके बाद भी गेहूं की खरीद नहीं हो पा रही है।
तपिश अधिक होने से गेहूं की दाना पलता हो गया और पैदावार भी करीब 15 फीसदी कम हुई है। अभी फसल कट रही है और उसी के मुताबिक सर्वे चल रहा है, लेकिन जो तस्वीर सामने आ रही है। उससे साफ है कि इस बार गेहूं की पैदावार कम हुई है। – कुलदीप कुमार मिश्रा
जिला कृषि अधिकारी
किसान खरीद केंद्रों पर कम आ रहे हैं। इस कारण क्रय केंद्र प्रभारियों को गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क करने को कहा गया है। हालांकि अभी तक दो हजार किसान पंजीकरण कर चुके हैं लेकिन वह टोकन लेने नहीं आए हैं। वहीं हर दिन किसान पंजीकरण करा रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि मई से खरीद में रफ्तार आएगी। – श्याम मिश्रा, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी

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उन्नाव। मार्च से पड़ रही रिकार्ड तोड़ गर्मी ने गेहूं की फसल पर ऐसा असर डाला कि पैदावार 10 से 15 फीसदी घट गई। वहीं सरकार के समर्थन मूल्य और बाजार भाव में महज 50 रुपये का अंतर होने से किसानों ने क्रय केंद्रों से मुंह फेर लिया। इसका नतीजा यह है कि 90 में 70 क्रय केंद्रों पर खरीद नहीं हो सकी है। किसानों के क्रय केंद्रों पर न आने से प्रशासन के माथे पर बल है और सारी हाय तौबा केंद्र प्रभारियों के सिर मढ़ दी गई है।

जिले में वर्ष 2022 में 2.43 हेक्टेयर में गेहूं की फसल की बोई गई और इस समय फसल कट रही है। मार्च में ही तपिश बढ़ने से गेहूं की फसल 15 दिन पहले ही पक गई जिससे पैदावार कम हुई और गेहूं की दाना पतला रह गया। ऐसे में गेहूं क्रय केंद्रों से किसानों की दूरी बन गई। जो अभी तक चल रही है।

न्यूनतम 22 तथा अधिकतम 30 क्विंटल पैदा हुआ गेहूं

गेहूं की क्राप कटिंग के लिए कृषि विभाग सर्वे करा रहा है। इसके मुताबिक जिले में इस बार एक हेक्टेयर में न्यूनतम 22 क्विंटल तथा अधिकतम 30 क्विंटल गेहूं पैदा हुआ है। जबकि पिछले वर्ष यह 32 से 35 क्विंटल के बीच था।

70 किसानों से 305.80 मीट्रिक टन हुई खरीद

एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई है लेकिन इसमें रफ्तार नहीं आ सकी है। अभी तक 16 क्रय केंद्रों पर 70 किसानों का 305.80 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। वहीं डीएम रवींद्र कुमार ने सभी क्रय एजेंसियों एवं केंद्र प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी दशा में क्रय केंद्र पर बिचैलियों से खरीद न हो। यदि किसी क्रय केंद्र पर बिचैलियों से खरीद की शिकायत की मिली तो दोषी कर्मचारी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। वहीं बिछिया ब्लाक के गांव बिछिया, मुलुक गड़ार, ओरहर व घूरखेत गांव में पीसीएफ द्वारा चार गेहूं खरीद केंद्र बनाए गए हैं। खुले बाजार में गेहूं का मूल्य पीसीएफ के समर्थन मूल्य से अधिक होने से बिछिया, ओरहर, व मुलुकगड़ार केंद्र पर बीस दिन बाद एक भी किसान अपनी उपज बेचने नहीं पहुंचा। जिससे खरीद शून्य हैं।

पिछले वर्ष 1200 मीट्रिक टन के ऊपर हुई थी खरीद

पिछले वर्ष 21 अप्रैल तक 1200 मीट्रिक टन के ऊपर गेहूं की खरीद हुई थी। जबकि उस दौरान केवल 73 क्रय केंद्र बनाए गए थे। कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद क्रय केंद्रों पर किसानों की भीड़ थी। इस बार कोई लहर नहीं है और सबसे अधिक 90 क्रय केंद्र बनाए गए उसके बाद भी गेहूं की खरीद नहीं हो पा रही है।

तपिश अधिक होने से गेहूं की दाना पलता हो गया और पैदावार भी करीब 15 फीसदी कम हुई है। अभी फसल कट रही है और उसी के मुताबिक सर्वे चल रहा है, लेकिन जो तस्वीर सामने आ रही है। उससे साफ है कि इस बार गेहूं की पैदावार कम हुई है। – कुलदीप कुमार मिश्रा

जिला कृषि अधिकारी

किसान खरीद केंद्रों पर कम आ रहे हैं। इस कारण क्रय केंद्र प्रभारियों को गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क करने को कहा गया है। हालांकि अभी तक दो हजार किसान पंजीकरण कर चुके हैं लेकिन वह टोकन लेने नहीं आए हैं। वहीं हर दिन किसान पंजीकरण करा रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि मई से खरीद में रफ्तार आएगी। – श्याम मिश्रा, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी

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