गंगा में डूबने के 12 घंटे बाद भी चल रही सांसें: 100 किमी. तक नदी में बहकर आई वृद्धा, मामला जानकर सब हैरान

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शव समझकर वृद्धा को नदी से बाहर निकाला तो चलती मिली सांसें

शव समझकर वृद्धा को नदी से बाहर निकाला तो चलती मिली सांसें
– फोटो : अमर उजाला

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चंदौली में अलीनगर थाना क्षेत्र के कैली गांव के समीप गुरुवार को गंगा में बहते हुए वृद्धा को मल्लाहों ने शव समझकर बाहर निकाला और इसकी सूचना पुलिस को दी। इस बीच वृद्धा हाथ पैर हिलाने लगी, जिसपर ग्रामीणों ने 108 नंबर एंबुलेंस की मदद से उन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां उनकी हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने बीएचयू के लिए रेफर कर दिया।
अलीनगर थाना क्षेत्र के कैली गांव के पास गुरुवार को सुबह गांव के कुछ लोग स्नान कर रहे थे। वहीं किनारे पर कुछ मल्लाह भी मौजूद थे। सुबह गंगा में बहती एक वृद्धा को शव समझकर मल्लाहों ने गंगा से निकाल दिया और पास के चारपाई पर लिटा दिया। सब यह समझ रहे थे कि महिला की मौत हो चुुकी है। वहीं कुछ देर बाद वृद्धा हाथ पैर हिलाने लगी तो गांव वाले चौक गए। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना अलीनगर पुलिस और 108 नंबर एंबुलेंस को दी। अलीनगर थाने से कांस्टेबल नीरज कुमार वृद्धा को भोगवारे सीएचसी ले गए। जहां से डॉक्टरों ने जिला अस्पताल चंदौली रेफर कर दिया। वृद्धा की गंभीर हालत देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे वाराणसी के ट्रामा सेंटर मेेें रेफर कर दिया। पुलिस की मदद से महिला को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।
 
ट्रामा सेंटर में थोड़ा उपचार के बाद महिला थोड़ी होश में आई। काॉस्टेबल नीरज कुमार ने बताया कि महिला ने किसी तरह अपना परिचय दिया। उसने बताया कि वह मिर्जापुर जनपद के जिगना थाना अंतर्गत कोल्हेपुर गांव निवासी संती देवी (65) है। वह बुधवार को इलाहाबाद बैंक हरगढ़ में पैसा निकालने के लिए लगभग तीन बजे घर से निकली थी। गंगा में कैसे पहुंची यह बता पाने में वह असमर्थ थी। कांस्टेबल नीरज कुमार ने बताया कि महिला ने जो पता बताया वहां के थाने पर संपर्क किया गया तो यह पता चला कि वृद्धा के परिजन उसको बुधवार से खोज रहे थे। सूचना के बाद वृद्धा का पोता विनय कुमार शर्मा ट्रामा सेंटर पहुंचा और कांस्टेबल ने उसे महिला को सुपुर्द कर दिया। ट्रामा सेंटर में वृद्धा का इलाज चल रहा है।
गंगा में सौ किमी के सफर के बाद भी सांसों ने नहीं छोड़ा साथ
कैली गंगा घाट पर मिली वृद्धा संती देवी ने जब बताया कि वह बुधवार की शाम को मिर्जापुर के एक बैंक गई थी। वह गंगा में कैसे गिरी या पहुंची यह तो नहीं बता रही है। पर मिर्जापुर से चंदौली की दूरी सौ किमी से भी ज्यादा है। अगर महिला मिर्जापुर में गंगा में गिरी होगी तो गंगा में पूरे 12 घंटे तक उसकी सांसें कैसे चलती रहीं। इसको लेकर कैली गांव में काफी चर्चा रही। मल्लाहों ने बताया कि नदी में गिरने के बाद अगर व्यक्ति तैरना नहीं जानता तो वह पहले नीचे जाता है। जब उसकी मौत हो जाती है तब शव ऊपर आता है। महिला का शव पानी के ऊपर था और उसकी सांसें भी सौ किमी गंगा में सफर करने के बाद चल रही थीं। यह गांव वालों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है।

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चंदौली में अलीनगर थाना क्षेत्र के कैली गांव के समीप गुरुवार को गंगा में बहते हुए वृद्धा को मल्लाहों ने शव समझकर बाहर निकाला और इसकी सूचना पुलिस को दी। इस बीच वृद्धा हाथ पैर हिलाने लगी, जिसपर ग्रामीणों ने 108 नंबर एंबुलेंस की मदद से उन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां उनकी हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने बीएचयू के लिए रेफर कर दिया।

अलीनगर थाना क्षेत्र के कैली गांव के पास गुरुवार को सुबह गांव के कुछ लोग स्नान कर रहे थे। वहीं किनारे पर कुछ मल्लाह भी मौजूद थे। सुबह गंगा में बहती एक वृद्धा को शव समझकर मल्लाहों ने गंगा से निकाल दिया और पास के चारपाई पर लिटा दिया। सब यह समझ रहे थे कि महिला की मौत हो चुुकी है। वहीं कुछ देर बाद वृद्धा हाथ पैर हिलाने लगी तो गांव वाले चौक गए। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना अलीनगर पुलिस और 108 नंबर एंबुलेंस को दी। अलीनगर थाने से कांस्टेबल नीरज कुमार वृद्धा को भोगवारे सीएचसी ले गए। जहां से डॉक्टरों ने जिला अस्पताल चंदौली रेफर कर दिया। वृद्धा की गंभीर हालत देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे वाराणसी के ट्रामा सेंटर मेेें रेफर कर दिया। पुलिस की मदद से महिला को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।

 



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