ठाकुरद्वारा के पुजारी ने ही चुराई थी अष्टधातु की मूर्तियां

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सफीपुर। चार दिन पहले ठाकुरद्वारा मंदिर से अष्टधातु की चोरी हुई मूर्तियां पुलिस ने बरामद कर लीं। खुलासा हुआ कि मंदिर के पुजारी ने ही मूर्तियां चुराई थीं। इसमें तीन दोस्तों ने उसकी मदद की। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इन लोगों ने मूर्तियों को कानपुर में बेचने की योजना बनाई थी, इससे पहले पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
कस्बे के मोहल्ला टिकुली स्थित करीब 200 वर्ष पुराने ठाकुरद्वारा मंदिर से 20-21 फरवरी की रात अष्टधातु की सीता-लक्ष्मण की दो मूर्तियां चोरी हो गई थीं। मंदिर की जिम्मेदारी संभालने वाले परिवार के सदस्य प्रेमप्रकाश मिश्रा ने अपने ही भाई पुजारी देवी प्रकाश पर चोरी का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुजारी देवी प्रकाश को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया था। पुलिस उस पर नजर बनाए थी। कोतवाल चंद्रकांत ने बताया कि दो दिन पूर्व पुजारी देवी प्रकाश अपने मित्र ग्राम जमुनिहाकच्छ निवासी दीपक दीक्षित, कस्बे के मोहल्ला पसियाना निवासी नन्हू व मोहल्ला दुबियाना निवासी शोभित सिंह के पास पहुंचा।
शक होने पर तीनाें को परियर मोड़ से पकड़ा गया तो सभी ने मूर्तियां चोरी की बात कबूल दी। उनकी निशादेही पर दोनों अष्टधातु की मूर्ति बरामद कर चारों आरोपियों को जेल भेजा गया है।
कोतवाल ने बताया कि पुजारी देवी प्रकाश को शक था कि मूर्ति के आसपास जमीन में खजाना दबा है। जिस पर खोदाई भी की पर खजाना न मिलने पर मूर्ति चोरी कर कानपुर में बेचने की योजना बनाई थी।

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सफीपुर। चार दिन पहले ठाकुरद्वारा मंदिर से अष्टधातु की चोरी हुई मूर्तियां पुलिस ने बरामद कर लीं। खुलासा हुआ कि मंदिर के पुजारी ने ही मूर्तियां चुराई थीं। इसमें तीन दोस्तों ने उसकी मदद की। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इन लोगों ने मूर्तियों को कानपुर में बेचने की योजना बनाई थी, इससे पहले पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

कस्बे के मोहल्ला टिकुली स्थित करीब 200 वर्ष पुराने ठाकुरद्वारा मंदिर से 20-21 फरवरी की रात अष्टधातु की सीता-लक्ष्मण की दो मूर्तियां चोरी हो गई थीं। मंदिर की जिम्मेदारी संभालने वाले परिवार के सदस्य प्रेमप्रकाश मिश्रा ने अपने ही भाई पुजारी देवी प्रकाश पर चोरी का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

पुजारी देवी प्रकाश को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया था। पुलिस उस पर नजर बनाए थी। कोतवाल चंद्रकांत ने बताया कि दो दिन पूर्व पुजारी देवी प्रकाश अपने मित्र ग्राम जमुनिहाकच्छ निवासी दीपक दीक्षित, कस्बे के मोहल्ला पसियाना निवासी नन्हू व मोहल्ला दुबियाना निवासी शोभित सिंह के पास पहुंचा।

शक होने पर तीनाें को परियर मोड़ से पकड़ा गया तो सभी ने मूर्तियां चोरी की बात कबूल दी। उनकी निशादेही पर दोनों अष्टधातु की मूर्ति बरामद कर चारों आरोपियों को जेल भेजा गया है।

कोतवाल ने बताया कि पुजारी देवी प्रकाश को शक था कि मूर्ति के आसपास जमीन में खजाना दबा है। जिस पर खोदाई भी की पर खजाना न मिलने पर मूर्ति चोरी कर कानपुर में बेचने की योजना बनाई थी।

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