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बीघापुर। बीघापुर तहसील को प्रयागराज हाईवे (कानपुर के सिकठिया पुरवा) से जोड़ने वाला गढ़ेवा संपर्क मार्ग दस माह से कटा पड़ा है। इसके कारण तहसील क्षेत्र के करीब डेढ़ लाख लोगों को परेशानी हो रही है। प्रशासन मार्ग क्षतिग्रस्त होने का बोर्ड लगाकर भूल गया। क्षेत्र से जुड़े दर्जनों गांवों के किसानों का कहना है कि संपर्क मार्ग कटने से वह फसल बेचने कानपुर मंडी नहीं जा पा रहे हैं। कटान उन्हें नुकसान पहुंचा रही है।
गंगा नदी पर बने पुल से जुड़ने वाला गढ़ेवा मार्ग सितंबर 2021 में बाढ़ में बह गया था। इस मार्ग से पूरी बीघापुर तहसील और आसपास के दो दर्जन गांवों के लोग आवागमन करते हैं। लेकिन गंगा में आई बाढ़ के बाद 10 माह से यहां वाहनों का आवागमन बंद है। वहीं अन्य लोग जान जोखिम में डालकर आ-जा रहे रहे हैं। गढ़ेवा, खरौली, कर्मी, चंदनपुर, विभौरा, पाही, सुमरहा, अदनखेड़ा, देवपुर के लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत की गई लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।
कानपुर मंडी नहीं पहुंचा पा रहे उपज
ग्राम प्रधान माधुरी लोधी के प्रतिनिधि बैजनाथ लोधी ने बताया कि सड़क कटरी क्षेत्र के लिए बहुत अहम है। सड़क खराब होने से किसान अपनी उपज कानपुर मंडी नहीं पहुंचा पा रहे। इलाज के लिए भी इस मार्ग से कानपुर पहुंचना ज्यादा आसान था। एसडीएम से मार्ग की मरम्मत कराने की लिखित मांग कर चुके हैं। अभी तक कुछ नहीं हुआ।
सोनू माली ने बताया कि वह काफी समय से रेती में परवल और करेला की खेती करते आ रहे हैं। उसे कानपुर की चकरपुर मंडी में बेचते थे। सड़क कट जाने से रास्ता बंद हो गया। अब फसल की लागत निकालना मुश्किल हो रहा है।
छह करोड़ का स्टीमेट तैयार, पहले सिंचाई विभाग बनाए बांध
पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता अनुपम शुक्ला ने बताया कि गंगा की धारा के रुख बदलने से सड़क कटी थी। इस समय भी गंगा की धारा सड़क के 1700 मीटर हिस्से में छू रही है। बताया कि सड़क बनाने के लिए छह करोड़ रुपये का स्टीमेट बनाया गया है लेकिन पहले गंगा की धारा को सीधा करने के लिए सिंचाई विभाग को बंधा बनाकर रेत के टीले को हटाना होगा। इसके लिए सिंचाई विभाग को पत्र भेजा गया है।
बीघापुर। बीघापुर तहसील को प्रयागराज हाईवे (कानपुर के सिकठिया पुरवा) से जोड़ने वाला गढ़ेवा संपर्क मार्ग दस माह से कटा पड़ा है। इसके कारण तहसील क्षेत्र के करीब डेढ़ लाख लोगों को परेशानी हो रही है। प्रशासन मार्ग क्षतिग्रस्त होने का बोर्ड लगाकर भूल गया। क्षेत्र से जुड़े दर्जनों गांवों के किसानों का कहना है कि संपर्क मार्ग कटने से वह फसल बेचने कानपुर मंडी नहीं जा पा रहे हैं। कटान उन्हें नुकसान पहुंचा रही है।
गंगा नदी पर बने पुल से जुड़ने वाला गढ़ेवा मार्ग सितंबर 2021 में बाढ़ में बह गया था। इस मार्ग से पूरी बीघापुर तहसील और आसपास के दो दर्जन गांवों के लोग आवागमन करते हैं। लेकिन गंगा में आई बाढ़ के बाद 10 माह से यहां वाहनों का आवागमन बंद है। वहीं अन्य लोग जान जोखिम में डालकर आ-जा रहे रहे हैं। गढ़ेवा, खरौली, कर्मी, चंदनपुर, विभौरा, पाही, सुमरहा, अदनखेड़ा, देवपुर के लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत की गई लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।
कानपुर मंडी नहीं पहुंचा पा रहे उपज
ग्राम प्रधान माधुरी लोधी के प्रतिनिधि बैजनाथ लोधी ने बताया कि सड़क कटरी क्षेत्र के लिए बहुत अहम है। सड़क खराब होने से किसान अपनी उपज कानपुर मंडी नहीं पहुंचा पा रहे। इलाज के लिए भी इस मार्ग से कानपुर पहुंचना ज्यादा आसान था। एसडीएम से मार्ग की मरम्मत कराने की लिखित मांग कर चुके हैं। अभी तक कुछ नहीं हुआ।
सोनू माली ने बताया कि वह काफी समय से रेती में परवल और करेला की खेती करते आ रहे हैं। उसे कानपुर की चकरपुर मंडी में बेचते थे। सड़क कट जाने से रास्ता बंद हो गया। अब फसल की लागत निकालना मुश्किल हो रहा है।
छह करोड़ का स्टीमेट तैयार, पहले सिंचाई विभाग बनाए बांध
पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता अनुपम शुक्ला ने बताया कि गंगा की धारा के रुख बदलने से सड़क कटी थी। इस समय भी गंगा की धारा सड़क के 1700 मीटर हिस्से में छू रही है। बताया कि सड़क बनाने के लिए छह करोड़ रुपये का स्टीमेट बनाया गया है लेकिन पहले गंगा की धारा को सीधा करने के लिए सिंचाई विभाग को बंधा बनाकर रेत के टीले को हटाना होगा। इसके लिए सिंचाई विभाग को पत्र भेजा गया है।
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