दोबारा हुआ पूजा के शव का पोस्टमार्टम

0
23

[ad_1]

ख़बर सुनें

उन्नाव। पूजा हत्याकांड में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। मृतका की मां के दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग पर पूजा के शव को श्मशान घाट से निकलवाकर लखनऊ से आई फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम से पोस्टमार्टम कराया गाया। देर शाम करीब आठ बजे पोस्टमार्टम के बाद मृतका की मां ने तुरंत पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग कर हंगामा शुरू कर दिया। पीड़ित परिवार की ओर से पैरवी करने आए हाईकोर्ट के वकीलों ने एफएसएल के एडी से रिपोर्ट की जानकारी ली तो पहले और बाद में हुए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में अंतर की जानकारी दी गई। इस पर बवाल बढ़ गया।
पहली रिपोर्ट में गले की हड्डी टूटने का जिक्र है जबकि दूसरी रिपोर्ट में गले में चोट का निशान और दम घुटने से मौत होने की पुष्टि हुई है। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता ने एक्सपर्ट मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग की है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
मृतका पूजा की मां रीता की मांग पर डीएम रवींद्र कुमार ने सोमवार को दोबारा पोस्टमार्टम की स्वीकृति दी थी। दोबारा हुए पोस्टमार्टम में बाएं घुटने के ऊपर भी चोट मिली है जबकि पहली रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं था। सिर की चोट में भी अंतर है। अपर निदेशक ने मीडिया के सामने दोनों रिपोर्ट में भिन्नता स्वीकार की। देर रात परिजन एक्सपर्ट मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराने की मांग पर अड़े रहे और धरने पर बैठ गए।
शहर के एक मोहल्ला निवासी 22 वर्षीय पूजा की आठ दिसंबर 2021 को सपा नेता व पूर्व राज्यमंत्री स्व. फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल ने अगवा कर हत्या कर दी थी। 10 फरवरी को पुलिस ने उसका शव दिव्यानंद आश्रम परिसर परिसर में गड्ढा खोदवाकर बरामद किया था। 11 फरवरी को शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद जाजमऊ के चंदन घाट पर दफना दिया गया था। मंगलवार शाम 4:30 बजे सिटी मजिस्ट्रेट विजेता व पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में शव को श्मशान घाट से निकालकर पोस्टमार्टम हाउस लाया गया।
जहां लखनऊ से विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अपर निदेशक डॉ. जी खान के नेतृत्व में एमडी फोरेंसिक मेडिसिन डॉ. कीर्तिवर्धन, डॉ. एमपीएम सिविल अस्पताल लखनऊ और डॉ. कंचन यादव एमडी फोरेंसिक मेडिसिन के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। टीम के बाहर निकलते ही मृतका की मां ने रिपोर्ट तत्काल देने की मांग कर शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने से रोक दिया। एफएसएल के एडी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट तय प्रक्रिया के कारण तत्काल न दे पाने की बात कही तो हंगामा शुरू हो गया। इसी दौरान कुछ कांग्रेसी नेता भी पहुंच गए। परिजनों ने निर्भया की वकील रहीं सीमा समृद्धि कुशवाहा से बात कर पूरी जानकारी दी।
इस पर सुप्रीम कोर्ट की वकील अवनी बंसल और प्रखर दीक्षित ने एफएसएल के अपर निदेशक डॉ. जी खान से पोस्टमार्टम रिपोर्ट ली। दोनों रिपोर्ट का मिलान किया गया तो भारी अंतर मिला। पहली रिपोर्ट में सिर में बाईं ओर आगे दो चोटें हैं जबकि दूसरी रिपोर्ट में बाईं ओर पीछे की तरफ चोट की पुष्टि हुई है। अधिवक्ता अवनी बंसल ने अब मेडिकल एक्सपर्ट बोर्ड का गठन करने और उसके माध्यम से पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भिन्नता की वजह स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने स्थिति स्पष्ट न होने तक शव न उठने देने की बात कही है। पोस्टमार्टम हाउस में भारी पुलिस बल तैनात है।

यह भी पढ़ें -  उन्नाव : ‘पानी’ में बह गए करोड़ों रुपये, ग्रामीण फिर अंधेरे में

उन्नाव। पूजा हत्याकांड में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। मृतका की मां के दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग पर पूजा के शव को श्मशान घाट से निकलवाकर लखनऊ से आई फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम से पोस्टमार्टम कराया गाया। देर शाम करीब आठ बजे पोस्टमार्टम के बाद मृतका की मां ने तुरंत पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग कर हंगामा शुरू कर दिया। पीड़ित परिवार की ओर से पैरवी करने आए हाईकोर्ट के वकीलों ने एफएसएल के एडी से रिपोर्ट की जानकारी ली तो पहले और बाद में हुए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में अंतर की जानकारी दी गई। इस पर बवाल बढ़ गया।

पहली रिपोर्ट में गले की हड्डी टूटने का जिक्र है जबकि दूसरी रिपोर्ट में गले में चोट का निशान और दम घुटने से मौत होने की पुष्टि हुई है। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता ने एक्सपर्ट मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग की है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

मृतका पूजा की मां रीता की मांग पर डीएम रवींद्र कुमार ने सोमवार को दोबारा पोस्टमार्टम की स्वीकृति दी थी। दोबारा हुए पोस्टमार्टम में बाएं घुटने के ऊपर भी चोट मिली है जबकि पहली रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं था। सिर की चोट में भी अंतर है। अपर निदेशक ने मीडिया के सामने दोनों रिपोर्ट में भिन्नता स्वीकार की। देर रात परिजन एक्सपर्ट मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराने की मांग पर अड़े रहे और धरने पर बैठ गए।

शहर के एक मोहल्ला निवासी 22 वर्षीय पूजा की आठ दिसंबर 2021 को सपा नेता व पूर्व राज्यमंत्री स्व. फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल ने अगवा कर हत्या कर दी थी। 10 फरवरी को पुलिस ने उसका शव दिव्यानंद आश्रम परिसर परिसर में गड्ढा खोदवाकर बरामद किया था। 11 फरवरी को शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद जाजमऊ के चंदन घाट पर दफना दिया गया था। मंगलवार शाम 4:30 बजे सिटी मजिस्ट्रेट विजेता व पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में शव को श्मशान घाट से निकालकर पोस्टमार्टम हाउस लाया गया।

जहां लखनऊ से विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अपर निदेशक डॉ. जी खान के नेतृत्व में एमडी फोरेंसिक मेडिसिन डॉ. कीर्तिवर्धन, डॉ. एमपीएम सिविल अस्पताल लखनऊ और डॉ. कंचन यादव एमडी फोरेंसिक मेडिसिन के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। टीम के बाहर निकलते ही मृतका की मां ने रिपोर्ट तत्काल देने की मांग कर शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने से रोक दिया। एफएसएल के एडी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट तय प्रक्रिया के कारण तत्काल न दे पाने की बात कही तो हंगामा शुरू हो गया। इसी दौरान कुछ कांग्रेसी नेता भी पहुंच गए। परिजनों ने निर्भया की वकील रहीं सीमा समृद्धि कुशवाहा से बात कर पूरी जानकारी दी।

इस पर सुप्रीम कोर्ट की वकील अवनी बंसल और प्रखर दीक्षित ने एफएसएल के अपर निदेशक डॉ. जी खान से पोस्टमार्टम रिपोर्ट ली। दोनों रिपोर्ट का मिलान किया गया तो भारी अंतर मिला। पहली रिपोर्ट में सिर में बाईं ओर आगे दो चोटें हैं जबकि दूसरी रिपोर्ट में बाईं ओर पीछे की तरफ चोट की पुष्टि हुई है। अधिवक्ता अवनी बंसल ने अब मेडिकल एक्सपर्ट बोर्ड का गठन करने और उसके माध्यम से पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भिन्नता की वजह स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने स्थिति स्पष्ट न होने तक शव न उठने देने की बात कही है। पोस्टमार्टम हाउस में भारी पुलिस बल तैनात है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here