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उन्नाव। आपूर्ति विभाग में जनता की शिकायतों का निस्तारण ठीक से नहीं हो रहा है। इसका खुलासा प्रशासन द्वारा लिए गए फीडबैक में हुआ है। इसमें 74 शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उनकी समस्या का उचित निस्तारण नहीं हुआ। डीएम ने कागजों पर ही निस्तारण करने पर नाराजगी जताई है। प्रशासन के निर्देश के बाद पूर्ति विभाग ने शिकायतों के निस्तारण के लिए अलग आईजीआरएस सेल की स्थापना की है।
प्रदेश सरकार ने समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री कार्यालय, जिलाधिकारी, आयुक्त, समाधान दिवस में आने वाली शिकायतों को आईजीआरएस से जोड़ा गया है। इस सेल ने आपूर्ति विभाग के खिलाफ आईं 106 शिकायतों के दिखाए गए शत प्रतिशत निस्तारण में सभी का फीडबैक लिया। जिसमें 74 लोगों ने निस्तारण पर सवाल खड़े किए।
इसकी जानकारी होने पर डीएम ने जिला पूर्ति अधिकारी को पत्र जारी किया है। कहा कि पूर्ति निरीक्षकों द्वारा शिकायत के निस्तारण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फर्जी और गुणवत्ताहीन निस्तारण कर दिया जाता है। जबकि शिकायतकर्ता को इसकी जानकारी तक नहीं दी जाती है।
जिला पूर्ति अधिकारी रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि कार्यालय में अलग सेल स्थापित कर ली गई है। इसमें एक क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी को नोडल के रूप में तैनात किया गया है। उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि वह आने वाली शिकायतों पर नजर रखें। उनका गुणवत्तापूर्ण समाधान कराएं। शिकायतकर्ताओं से भी निस्तारण पर फीडबैक लें। यदि इसमें लापरवाही मिली तो प्रतिकूल प्रविष्टि सहित अन्य विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
उन्नाव। आपूर्ति विभाग में जनता की शिकायतों का निस्तारण ठीक से नहीं हो रहा है। इसका खुलासा प्रशासन द्वारा लिए गए फीडबैक में हुआ है। इसमें 74 शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उनकी समस्या का उचित निस्तारण नहीं हुआ। डीएम ने कागजों पर ही निस्तारण करने पर नाराजगी जताई है। प्रशासन के निर्देश के बाद पूर्ति विभाग ने शिकायतों के निस्तारण के लिए अलग आईजीआरएस सेल की स्थापना की है।
प्रदेश सरकार ने समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री कार्यालय, जिलाधिकारी, आयुक्त, समाधान दिवस में आने वाली शिकायतों को आईजीआरएस से जोड़ा गया है। इस सेल ने आपूर्ति विभाग के खिलाफ आईं 106 शिकायतों के दिखाए गए शत प्रतिशत निस्तारण में सभी का फीडबैक लिया। जिसमें 74 लोगों ने निस्तारण पर सवाल खड़े किए।
इसकी जानकारी होने पर डीएम ने जिला पूर्ति अधिकारी को पत्र जारी किया है। कहा कि पूर्ति निरीक्षकों द्वारा शिकायत के निस्तारण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फर्जी और गुणवत्ताहीन निस्तारण कर दिया जाता है। जबकि शिकायतकर्ता को इसकी जानकारी तक नहीं दी जाती है।
जिला पूर्ति अधिकारी रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि कार्यालय में अलग सेल स्थापित कर ली गई है। इसमें एक क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी को नोडल के रूप में तैनात किया गया है। उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि वह आने वाली शिकायतों पर नजर रखें। उनका गुणवत्तापूर्ण समाधान कराएं। शिकायतकर्ताओं से भी निस्तारण पर फीडबैक लें। यदि इसमें लापरवाही मिली तो प्रतिकूल प्रविष्टि सहित अन्य विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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