फैक्टरी की छत पर मिला श्रमिक का शव, हंगामा

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फैक्टरी श्रमिक उत्तम की मौत पर बिखलती बहन अंजलि व रेनू । संवाद
– फोटो : UNNAO

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उन्नाव। मगरवारा स्थित प्लास्टिक फैक्टरी के श्रमिक का शव छत पर पड़ा मिला। शरीर पूरी तरह से झुलसा हुआ था। गुस्साए परिजनों ने हंगामा किया। बाद में 1.30 लाख रुपये मुआवजा मिलने पर परिजन शांत हुए। पुलिस के अनुसार छत के पीछे की ओर बेर का पेड़ है। बेर तोड़ने के दौरान श्रमिक हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया और करंट से उसकी मौत हो गई।
जगजीवनपुर गांव निवासी 32 वर्षीय उत्तम कुमार मगरवारा के गोकुल बाबा मंदिर चौराहा स्थित प्लास्टिक के टब व कंटेनर बनाने वाली फैक्टरी में काम करता था। सोमवार को वह फैक्टरी गया। देर रात तक नहीं लौटा। परिजनों ने अन्य मजदूरों से बात की पर उसका पता नहीं चल सका। परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। उसका कोई सुराग न मिलने पर मंगलवार दोपहर परिजन फैक्टरी पहुंचे और उत्तम के बारे में फैक्टरी प्रबंधन से जानकारी ली। उसकी साइकिल फैक्टरी में खड़ी देख मजदूरों ने खोजबीन शुरू की। इसी दौरान एक मजदूर छत पर चढ़ा तो उत्तम का वहां पड़ा मिला। उसका टिफिन भी रखा मिला। शरीर पूरी तरह से झुलसा था।
मगरवारा चौकी प्रभारी प्रेमनारायण ने अंदेशा जताया कि खाना खाने के बाद बेर तोड़ते समय मजदूर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौत हो गई। किसी को जानकारी न होने पर उसका शव रात भर छत पर ही पड़ा रहा। मृतक चार बहनों में अकेला था। शव देख फैक्टरी पहुंची बहन अंजलि बेहाल हो गई। उसका आरोप है कि भाई की मौत की जानकारी सोमवार को ही फैक्टरी प्रबंधन को हो गई थी पर उसे जानकारी नहीं दी गई। मृतक के परिजनों ने मुआवजे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस की मौजूदगी में कानपुर रेल बाजार निवासी फैक्टरी मालिक की ओर से 1.30 लाख रुपये की चेक देने पर परिजन शांत हो गए।

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उन्नाव। मगरवारा स्थित प्लास्टिक फैक्टरी के श्रमिक का शव छत पर पड़ा मिला। शरीर पूरी तरह से झुलसा हुआ था। गुस्साए परिजनों ने हंगामा किया। बाद में 1.30 लाख रुपये मुआवजा मिलने पर परिजन शांत हुए। पुलिस के अनुसार छत के पीछे की ओर बेर का पेड़ है। बेर तोड़ने के दौरान श्रमिक हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया और करंट से उसकी मौत हो गई।

जगजीवनपुर गांव निवासी 32 वर्षीय उत्तम कुमार मगरवारा के गोकुल बाबा मंदिर चौराहा स्थित प्लास्टिक के टब व कंटेनर बनाने वाली फैक्टरी में काम करता था। सोमवार को वह फैक्टरी गया। देर रात तक नहीं लौटा। परिजनों ने अन्य मजदूरों से बात की पर उसका पता नहीं चल सका। परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। उसका कोई सुराग न मिलने पर मंगलवार दोपहर परिजन फैक्टरी पहुंचे और उत्तम के बारे में फैक्टरी प्रबंधन से जानकारी ली। उसकी साइकिल फैक्टरी में खड़ी देख मजदूरों ने खोजबीन शुरू की। इसी दौरान एक मजदूर छत पर चढ़ा तो उत्तम का वहां पड़ा मिला। उसका टिफिन भी रखा मिला। शरीर पूरी तरह से झुलसा था।

मगरवारा चौकी प्रभारी प्रेमनारायण ने अंदेशा जताया कि खाना खाने के बाद बेर तोड़ते समय मजदूर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौत हो गई। किसी को जानकारी न होने पर उसका शव रात भर छत पर ही पड़ा रहा। मृतक चार बहनों में अकेला था। शव देख फैक्टरी पहुंची बहन अंजलि बेहाल हो गई। उसका आरोप है कि भाई की मौत की जानकारी सोमवार को ही फैक्टरी प्रबंधन को हो गई थी पर उसे जानकारी नहीं दी गई। मृतक के परिजनों ने मुआवजे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस की मौजूदगी में कानपुर रेल बाजार निवासी फैक्टरी मालिक की ओर से 1.30 लाख रुपये की चेक देने पर परिजन शांत हो गए।

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