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उन्नाव। बांगरमऊ विधानसभा सीट पर भाजपा और सपा प्रत्याशी के बीच कांटे का मुकाबला रहा। इसके चलते देर शाम तक इस विधानसभा में मतों की गिनती चलती रही। बीच में रनर और विनर के बीच मात्र 600 वोटों के जीत, हार का अंतर आ गया तो समर्थकों में बेचैनी बढ़ गई। हालांकि शाम को आखिरी में जीत भाजपा के हाथ लगी और श्रीकांत कटियार यहां से भाजपा का कमल खिलाने में कामयाब हो गए।
वर्ष 1962 से अस्तित्व में आई बांगरमऊ विधानसभा में अब तक 16 चुनाव (एक उपचुनाव) हो चुके हैं। वैसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए इस विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना वर्ष 2017 से पहले एक सपना था। सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले कुलदीप सिंह सेंगर ने पहली बार इस सीट पर कमल खिलाया था। इसके बाद दुष्कर्म में सजायाफ्ता होने के बाद विधायकी गई तो वर्ष 2020 में उपचुनाव हुए। इसमें भी भाजपा के ही श्रीकांत कटियार को यहां के वोटरों से जिताकर विधानसभा भेजा।
बड़ी बात यह कि यहां के मतदाताओं ने अन्य दलों कांग्रेस, बसपा और सपा को खूब समर्थन किया। इसके चलते कांग्रेस पांच , सपा तीन और बसपा ने दो बार इस सीट पर विजय हासिल की। वर्ष 2022 के चुनाव में यहां पर भाजपा, सपा के बीच शुरू से ही कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा था। इसी कारण यहां पर रनर और विनर के बीच काफी कम मतों का अंतर चल रहा था। बाद में अपनों की बेरुखी ने सपा को नुकसान पहुंचाया और इसका फायदा उठाते हुए भाजपा प्रत्याशी श्रीकांत कटियार ने 24 हजार ब्राह्मण, 33 हजार लोधी व निषाद का साथ पाकर सपा के मुन्ना अलवी को 15 हजार से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल करने में सफलता पाई।
उन्नाव। बांगरमऊ विधानसभा सीट पर भाजपा और सपा प्रत्याशी के बीच कांटे का मुकाबला रहा। इसके चलते देर शाम तक इस विधानसभा में मतों की गिनती चलती रही। बीच में रनर और विनर के बीच मात्र 600 वोटों के जीत, हार का अंतर आ गया तो समर्थकों में बेचैनी बढ़ गई। हालांकि शाम को आखिरी में जीत भाजपा के हाथ लगी और श्रीकांत कटियार यहां से भाजपा का कमल खिलाने में कामयाब हो गए।
वर्ष 1962 से अस्तित्व में आई बांगरमऊ विधानसभा में अब तक 16 चुनाव (एक उपचुनाव) हो चुके हैं। वैसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए इस विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना वर्ष 2017 से पहले एक सपना था। सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले कुलदीप सिंह सेंगर ने पहली बार इस सीट पर कमल खिलाया था। इसके बाद दुष्कर्म में सजायाफ्ता होने के बाद विधायकी गई तो वर्ष 2020 में उपचुनाव हुए। इसमें भी भाजपा के ही श्रीकांत कटियार को यहां के वोटरों से जिताकर विधानसभा भेजा।
बड़ी बात यह कि यहां के मतदाताओं ने अन्य दलों कांग्रेस, बसपा और सपा को खूब समर्थन किया। इसके चलते कांग्रेस पांच , सपा तीन और बसपा ने दो बार इस सीट पर विजय हासिल की। वर्ष 2022 के चुनाव में यहां पर भाजपा, सपा के बीच शुरू से ही कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा था। इसी कारण यहां पर रनर और विनर के बीच काफी कम मतों का अंतर चल रहा था। बाद में अपनों की बेरुखी ने सपा को नुकसान पहुंचाया और इसका फायदा उठाते हुए भाजपा प्रत्याशी श्रीकांत कटियार ने 24 हजार ब्राह्मण, 33 हजार लोधी व निषाद का साथ पाकर सपा के मुन्ना अलवी को 15 हजार से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल करने में सफलता पाई।
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