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विद्युत उपकेंद्र के पास झाड़ी में बाघ के पंजे के निशान तलाशतीं डीएफओ ईशा तिवारी। संवाद
– फोटो : UNNAO
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सोनिक। विद्युत उपकेंद्र में मरम्मत कार्य कर रहे कर्मचारी ने झाड़ियों में बाघ जैसा जानवर दिखने की सूचना दी तो सनसनी फैल गई। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। डीएफओ ने भी करीब डेढ़ किमी क्षेत्र में जांच की, लेकिन पुष्टि नहीं हुई।
दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र के पास स्थित विद्युत उपकेंद्र में कार्यरत कर्मचारी इंदल गुरुवार सुबह करीब दस बजे मरम्मत का काम कर रहा था। इसी दौरान उसे झाड़ियों में एक जंगली जानवर दिखा। उसके अनुसार जानवर तेंदुआ या बाघ जैसा लग रहा था। कर्मचारी ने अपने परिचित वन विभाग के सिपाही मोतीलाल को सूचना दी।
जानकारी होते ही वन अधिकारियों में हड़कंप मच गया। डीएफओ ईशा तिवारी, वन दरोगा रामदत्त सहित अन्य कर्मचारियों की टीम के साथ मौके पर पहुंचीं। करीब डेढ़ किमी क्षेत्र में दो घंटे तक गहनता से छानबीन की, लेकिन कोई जानवर नहीं दिखा। डीएफओ ने बताया कि झाड़ियों वाले स्थान पर कहीं भी बाघ या तेंदुए के पंजे का कोई निशान नहीं मिला है। फिर भी एहतियात के तौर पर दो वन पुलिस जवानों को तैनात कर दिया गया है। लगातार नजर रखी जा रही है।
सोनिक। विद्युत उपकेंद्र में मरम्मत कार्य कर रहे कर्मचारी ने झाड़ियों में बाघ जैसा जानवर दिखने की सूचना दी तो सनसनी फैल गई। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। डीएफओ ने भी करीब डेढ़ किमी क्षेत्र में जांच की, लेकिन पुष्टि नहीं हुई।
दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र के पास स्थित विद्युत उपकेंद्र में कार्यरत कर्मचारी इंदल गुरुवार सुबह करीब दस बजे मरम्मत का काम कर रहा था। इसी दौरान उसे झाड़ियों में एक जंगली जानवर दिखा। उसके अनुसार जानवर तेंदुआ या बाघ जैसा लग रहा था। कर्मचारी ने अपने परिचित वन विभाग के सिपाही मोतीलाल को सूचना दी।
जानकारी होते ही वन अधिकारियों में हड़कंप मच गया। डीएफओ ईशा तिवारी, वन दरोगा रामदत्त सहित अन्य कर्मचारियों की टीम के साथ मौके पर पहुंचीं। करीब डेढ़ किमी क्षेत्र में दो घंटे तक गहनता से छानबीन की, लेकिन कोई जानवर नहीं दिखा। डीएफओ ने बताया कि झाड़ियों वाले स्थान पर कहीं भी बाघ या तेंदुए के पंजे का कोई निशान नहीं मिला है। फिर भी एहतियात के तौर पर दो वन पुलिस जवानों को तैनात कर दिया गया है। लगातार नजर रखी जा रही है।
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