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पुरवा। तहसील क्षेत्र के तीन स्वास्थ्य केंद्रों में लैब सहायक की तैनाती न होने से मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है। उन्हें बाहर पैथोलॉजी से जांच करानी पड़ रही है।
पासाखेड़ा, गढ़ाकोला व चमियानी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। इसमें पासाखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक डॉ. दीपक कुमार वर्मा व वार्ड ब्वाय हाजी की तैनाती है। फार्मासिस्ट सूर्य कुमार यादव को साल 2020 में जिला अस्पताल व लैब सहायक अमित यादव को सितंबर 2021 में सीएचसी में संबद्ध कर दिया गया था। इस कारण यहां आने वाले मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है।
गढ़ाकोला में पांच हजार की आबादी के लिए खोले गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो डॉक्टरों के साथ फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय व लैब सहायक की तैनाती हुई थी। इसमें दो डॉक्टरों का स्थानांतरण हो चुका है।
फार्मासिस्ट निर्मल कुमार के सहारे अस्पताल संचालित है। लैब सहायक किरन सक्सेना अप्रैल 2020 से सीएचसी में संबद्ध हैं। यहां भी लैब किट धूल खा रही हैं। चमियानी स्वास्थ्य केंद्र का भी यही हाल है। यहां तैनात दो डॉक्टर लखनऊ स्थानांतरण करा चुके हैं। 30 जून 2021 को वार्ड ब्वाय मनोहर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। फार्मासिस्ट कुसमारानी अस्पताल का संचालन कर रही हैं। लैब सहायक उमेश कुमार मार्च 2020 से सीएचसी में संबद्ध है। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों की जांच नहीं हो पाती है।
सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि सीएमओ के निर्देश पर लैब सहायकों को कोरोना काल में सीएचसी में संबद्ध किया गया था। तब से यहीं काम कर रहे हैं।
बाहर से जांच कराना मजबूरी
तहसील क्षेत्र के गांव कटहर निवासी रामधार मिश्र ने कहा कि लैब सहायकों के न होने से गांव के मरीज खून की जांच नही करा पाते हैं। इसके कारण उन्हें बाहर से जांच करानी पड़ रही है।
पासाखेड़ा की बिंदेश्वरी ने बताया कि सरकार प्रयास तो बहुत करती है लेकिन धरातल पर व्यवस्था सुचारु नहीं हो पातीं। लैब सहायक न होना मरीजों के साथ खिलवाड़ है।
पुरवा। तहसील क्षेत्र के तीन स्वास्थ्य केंद्रों में लैब सहायक की तैनाती न होने से मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है। उन्हें बाहर पैथोलॉजी से जांच करानी पड़ रही है।
पासाखेड़ा, गढ़ाकोला व चमियानी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। इसमें पासाखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक डॉ. दीपक कुमार वर्मा व वार्ड ब्वाय हाजी की तैनाती है। फार्मासिस्ट सूर्य कुमार यादव को साल 2020 में जिला अस्पताल व लैब सहायक अमित यादव को सितंबर 2021 में सीएचसी में संबद्ध कर दिया गया था। इस कारण यहां आने वाले मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है।
गढ़ाकोला में पांच हजार की आबादी के लिए खोले गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो डॉक्टरों के साथ फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय व लैब सहायक की तैनाती हुई थी। इसमें दो डॉक्टरों का स्थानांतरण हो चुका है।
फार्मासिस्ट निर्मल कुमार के सहारे अस्पताल संचालित है। लैब सहायक किरन सक्सेना अप्रैल 2020 से सीएचसी में संबद्ध हैं। यहां भी लैब किट धूल खा रही हैं। चमियानी स्वास्थ्य केंद्र का भी यही हाल है। यहां तैनात दो डॉक्टर लखनऊ स्थानांतरण करा चुके हैं। 30 जून 2021 को वार्ड ब्वाय मनोहर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। फार्मासिस्ट कुसमारानी अस्पताल का संचालन कर रही हैं। लैब सहायक उमेश कुमार मार्च 2020 से सीएचसी में संबद्ध है। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों की जांच नहीं हो पाती है।
सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि सीएमओ के निर्देश पर लैब सहायकों को कोरोना काल में सीएचसी में संबद्ध किया गया था। तब से यहीं काम कर रहे हैं।
बाहर से जांच कराना मजबूरी
तहसील क्षेत्र के गांव कटहर निवासी रामधार मिश्र ने कहा कि लैब सहायकों के न होने से गांव के मरीज खून की जांच नही करा पाते हैं। इसके कारण उन्हें बाहर से जांच करानी पड़ रही है।
पासाखेड़ा की बिंदेश्वरी ने बताया कि सरकार प्रयास तो बहुत करती है लेकिन धरातल पर व्यवस्था सुचारु नहीं हो पातीं। लैब सहायक न होना मरीजों के साथ खिलवाड़ है।
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