[ad_1]
अमेठी के गौरीगंज में महिला दरोगा की मौत के चौथे दिन पुलिस ने पिता की तहरीर पर दरोगा के प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी शिक्षक (प्रेमी) पर दरोगा को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है। मंगलवार को पुलिस ने आरोपी शिक्षक का चालान जिला एवं सत्र न्यायालय रायबरेली भेजा जहां से उसे जेल भेज दिया गया। लखनऊ के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के मलौली गांव निवासी एडवोकेट मुन्नालाल यादव की पुत्री रश्मि यादव मोहनगंज थाने में उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत थीं। 22 अप्रैल को रश्मि थाने से सटे फायर विभाग के भवन स्थित अपने आवास में पंखे के सहारे फांसी के फंदे से लटकी मिलीं थीं। बाद में अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। परिजन पहले तो आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या की बात कह रहे थे लेकिन पोस्टमॉर्टम होने के बाद शव लेकर अपने पैतृक गांव मलौली चले गए। 24 अप्रैल को मामले ने तब तूल पकड़ा जब सपा मुखिया अखिलेश यादव रश्मि के घर मलौली पहुंच गए और सरकार पर आरोप मढ़ना शुरू कर दिया।
इस बीच पुलिस रश्मि के पिता मुन्नालाल के संपर्क में थी। सोमवार दोपहर बाद रश्मि के पिता ने पुलिस को नामजद तहरीर दी। इसमें पिता ने कहा कि पुलिस में नौकरी पाने से पहले उनकी पुत्री रश्मि बहराइच जिले के एक प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका थी। स्कूल में तैनाती के दौरान ही उसकी जान-पहचान बहराइच डायट में तैनात अलीगढ़ निवासी शिक्षक सुरेंद्र सिंह से हो गई थी।
उन्हीं संबंधों की वजह से दामाद राजेश यादव से बेटी का तलाक हो गया। आरोप है कि सुरेंद्र आए दिन उनकी बेटी को फोन पर बातचीत में तरह-तरह के आरोप लगाता रहता था। यही नहीं वह अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए परेशान भी करता था।
जिससे क्षुब्ध होकर उनकी बेटी ने 22 अप्रैल को करीब साढ़े तीन बजे अपने सरकारी आवास पर दुपट्टे के सहारे पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। दाह संस्कार करने के बाद बेटी के मोबाइल में सुरेंद्र के बातचीत की रिकॉर्डिंग सुनकर विश्वास हो गया कि सुरेंद्र सिंह के लगातार अपमानित करने की वजह से ही उनकी पुत्री ने आत्महत्या की।
[ad_2]
Source link