राजमिस्त्री की बेटी ने पैदल चाल में जीता स्वर्ण पदक

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उन्नाव। कानपुर में हुई दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में जनपद की रागिनी
ने 10 किमी पैदल चाल में स्वर्ण पदक हासिल किया। रागिनी के पिता राज मिस्त्री हैं। बिना संसाधन अपने हौसले और मेहनत से रागिनी ने अपने पहले ही प्रयास में उपलब्धि हासिल की है।
कानपुर के ओएएफ मैदान में उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन द्वारा 16 व 17 मई को दो दिवसीय 55 वीं उत्तर प्रदेश स्टेट एनुअल अंडर -20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजित हुई। इसमें मैकुआ खेड़ा गांव निवासी 17 वर्षीय रागिनी ने 10 किमी पैदल चाल में शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
रागिनी ने बताया कि उनके पिता एक राजमिस्त्री हैं। मां पूनम गृहणी हैं। वह एक भाई व तीन बहनों में सबसे छोटी है। रागिनी जनपद के दीनदयाल स्पोट्स स्टेडियम से प्रशिक्षण ले रही हैं। वहीं रागिनी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए कोच आमिर खान व साबरीन से खेल की बारीकियां सीख रही हैं।
रागिनी का अगला लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर पदक हासिल करना है। जिला क्रीड़ा अधिकारी अनीता ने बताया कि जब भी स्टेडियम के खिलाड़ी पदक हासिल करते हैं तो खुशी होती है। वह अपने साथ साथ जिले का भी नाम रोशन करते हैं।

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उन्नाव। कानपुर में हुई दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में जनपद की रागिनी

ने 10 किमी पैदल चाल में स्वर्ण पदक हासिल किया। रागिनी के पिता राज मिस्त्री हैं। बिना संसाधन अपने हौसले और मेहनत से रागिनी ने अपने पहले ही प्रयास में उपलब्धि हासिल की है।

कानपुर के ओएएफ मैदान में उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन द्वारा 16 व 17 मई को दो दिवसीय 55 वीं उत्तर प्रदेश स्टेट एनुअल अंडर -20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजित हुई। इसमें मैकुआ खेड़ा गांव निवासी 17 वर्षीय रागिनी ने 10 किमी पैदल चाल में शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

रागिनी ने बताया कि उनके पिता एक राजमिस्त्री हैं। मां पूनम गृहणी हैं। वह एक भाई व तीन बहनों में सबसे छोटी है। रागिनी जनपद के दीनदयाल स्पोट्स स्टेडियम से प्रशिक्षण ले रही हैं। वहीं रागिनी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए कोच आमिर खान व साबरीन से खेल की बारीकियां सीख रही हैं।

रागिनी का अगला लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर पदक हासिल करना है। जिला क्रीड़ा अधिकारी अनीता ने बताया कि जब भी स्टेडियम के खिलाड़ी पदक हासिल करते हैं तो खुशी होती है। वह अपने साथ साथ जिले का भी नाम रोशन करते हैं।

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