रैपिड रेल: सुदर्शन ने तैयारी की एक किलोमीटर लंबी सुरंग, मेरठ में तीन भूमिगत स्टेशन होने हैं निर्मित

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देश की पहली रैपिड रेल के लिए सबसे अधिक 6.5 मीटर चौड़ाई की सुरंग मेरठ में तेज गति से बनाई जा रही है। भैसाली स्टेशन से मेट्रो प्लाजा की ओर मेरठ सेंट्रल स्टेशन तक दोनों ओर लगभग एक किमी सुरंग बनाई जा चुकी है। केसरगंज तक दुकानों और बिल्डिंग को लोहे की सेटरिंग से सहारा दिया गया है, जिससे सुरंग खोदाई मशीन से होने वाले कंपन से कोई परेशानी न हो सके।

मेरठ में दो सुरंग खोदाई मशीन (सुदर्शन) कार्य कर रही हैं। दो महीने पहले भैसाली स्टेशन से मेरठ सेंट्रल स्टेशन (मेट्रो प्लाजा) की ओर नादिर अली बिल्डिंग की तरफ मशीन ने खोदाई शुरू कर दी थी। 17 मीटर गहराई में चल रहे सुरंग बनाने के कार्य के लिए 80 सीढ़ियां बनाई गईं है। इसी की मदद से इंजीनियर सहित अन्य लोग सुरंग के शुरुआती केंद्र तक पहुंचते हैं। सुरंग खोदाई मशीन के पुर्जों का वजन 100 टन है।

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इस मशीन के पुर्जों को पहले क्रेन के माध्यम से जोड़ा गया है। सुरंग से मिट्टी निकालने के लिए एक छोटी ट्रेन भी चलाई जाती है। जिसमें अलग-अलग बॉक्स लगे रहते हैं। इन बॉक्स की मदद से मिट्टी को ट्रैक पर चलाकर ट्रेन को बाहर लाया जाता है।

काले घेरे किए गए
जिस स्थान से सुरंग खोदाई मशीन गुजर रही है वहां काले रंग के रिंग लगाए गए हैं, जिससे उस स्थान को सुरक्षित रखा जा सके। यह रिंग केसरगंज मंडी के आगे तक दोनों ओर लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा दुकानों के बाहर लोहे की सेटरिंग भी लगाई गई है। जिस स्थान पर अधिक खतरा है उस स्थान पर बैरिकेडिंग कर बंद किया जाता है। दो सुरक्षागार्ड तैनात किए जाते हैं।

चार मशीन बनाएंगी तीन भूमिगत स्टेशन
चार सुरंग खोदाई मशीन गांधी बाग से लेकर मेट्रो प्लाजा से आगे दिल्ली रोड की तरफ 500 मीटर आगे तक सुरंग तैयार करेंगी। इसमें तीन भूमिगत स्टेशन बनाए जाने हैं। मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल स्टेशन।

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वहीं, सुरंग में आपातकालीन स्थिति से बचाव के लिए रास्ता बनाया जा रहा है। सुरंग में एक साइड वॉक-वे बनाया जाएगा। इसके अलावा हर 250 मीटर पर क्रॉस पास दिए जाएंगे। इन क्रास पास से लोग आपात स्थिति में एक सुरंग से दूसरी सुरंग में आ-जा सकेंगे।

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देश की पहली रैपिड रेल के लिए सबसे अधिक 6.5 मीटर चौड़ाई की सुरंग मेरठ में तेज गति से बनाई जा रही है। भैसाली स्टेशन से मेट्रो प्लाजा की ओर मेरठ सेंट्रल स्टेशन तक दोनों ओर लगभग एक किमी सुरंग बनाई जा चुकी है। केसरगंज तक दुकानों और बिल्डिंग को लोहे की सेटरिंग से सहारा दिया गया है, जिससे सुरंग खोदाई मशीन से होने वाले कंपन से कोई परेशानी न हो सके।

मेरठ में दो सुरंग खोदाई मशीन (सुदर्शन) कार्य कर रही हैं। दो महीने पहले भैसाली स्टेशन से मेरठ सेंट्रल स्टेशन (मेट्रो प्लाजा) की ओर नादिर अली बिल्डिंग की तरफ मशीन ने खोदाई शुरू कर दी थी। 17 मीटर गहराई में चल रहे सुरंग बनाने के कार्य के लिए 80 सीढ़ियां बनाई गईं है। इसी की मदद से इंजीनियर सहित अन्य लोग सुरंग के शुरुआती केंद्र तक पहुंचते हैं। सुरंग खोदाई मशीन के पुर्जों का वजन 100 टन है।

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इस मशीन के पुर्जों को पहले क्रेन के माध्यम से जोड़ा गया है। सुरंग से मिट्टी निकालने के लिए एक छोटी ट्रेन भी चलाई जाती है। जिसमें अलग-अलग बॉक्स लगे रहते हैं। इन बॉक्स की मदद से मिट्टी को ट्रैक पर चलाकर ट्रेन को बाहर लाया जाता है।

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