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सोनिक। पेट दर्द के बाद जिला अस्पताल के शौचालय में दम तोड़ने वाले श्रमिक के परिजनों ने मंगलवार को उसका शव फैक्टरी के गेट पर रखकर हंगामा किया। करीब छह घंटे चले हंगामे के बाद फैक्टरी प्रबंधन ने दो लाख का मुआवजा दिया। इसके बाद परिजन शांत हुए।
मुर्तजा नगर निवासी कमलेश (42) औद्योगिक क्षेत्र में संचालित एक फैक्टरी में श्रमिक था। सोमवार को पेट दर्द के बाद उसने जांच कराई और जिला अस्पताल के शौचालय गया। वहां उसकी मौत हो गई थी।
मंगलवार सुबह परिजनों ने फैक्टरी प्रबंधन से मुआवजे की मांग की। सूचना पर दही थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। जिला पंचायत सदस्य गोविंद यादव भी वहां पहुंच गए। रेखा ने बताया कि पति कमलेश 20 साल से इसी फैक्टरी में काम कर रहा था। आरोप लगाया कि खाता खुलवाने के बाद प्रबंधन ने उसका कार्ड अपने पास रख लिया था।
हंगामा 11:30 बजे तक चलता रहा। पुलिस व जिला पंचायत सदस्य ने फैक्टरी प्रबंधन से वार्ता की। पत्नी को 1.90 लाख का चेक और अंतिम संस्कार के लिए 10 हजार रुपये दिए गए। इसके बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
सोनिक। पेट दर्द के बाद जिला अस्पताल के शौचालय में दम तोड़ने वाले श्रमिक के परिजनों ने मंगलवार को उसका शव फैक्टरी के गेट पर रखकर हंगामा किया। करीब छह घंटे चले हंगामे के बाद फैक्टरी प्रबंधन ने दो लाख का मुआवजा दिया। इसके बाद परिजन शांत हुए।
मुर्तजा नगर निवासी कमलेश (42) औद्योगिक क्षेत्र में संचालित एक फैक्टरी में श्रमिक था। सोमवार को पेट दर्द के बाद उसने जांच कराई और जिला अस्पताल के शौचालय गया। वहां उसकी मौत हो गई थी।
मंगलवार सुबह परिजनों ने फैक्टरी प्रबंधन से मुआवजे की मांग की। सूचना पर दही थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। जिला पंचायत सदस्य गोविंद यादव भी वहां पहुंच गए। रेखा ने बताया कि पति कमलेश 20 साल से इसी फैक्टरी में काम कर रहा था। आरोप लगाया कि खाता खुलवाने के बाद प्रबंधन ने उसका कार्ड अपने पास रख लिया था।
हंगामा 11:30 बजे तक चलता रहा। पुलिस व जिला पंचायत सदस्य ने फैक्टरी प्रबंधन से वार्ता की। पत्नी को 1.90 लाख का चेक और अंतिम संस्कार के लिए 10 हजार रुपये दिए गए। इसके बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
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