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उन्नाव। नगर पालिका क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। 300 आउटसोर्सिंग कर्मियों को हटा दिया गया है। शनिवार को संविदा और स्थायी सफाई कर्मियों ने उनकी बहाली की मांग कर कार्य बहिष्कार किया। उन्होंने उत्पीड़न का आरोप लगाकर भुगतान न मिलने पर जवाब मांगा है। पालिका में धरना प्रदर्शन के दौरान आवश्यक संसाधन पूरे हुए बिना काम करने से इंकार कर दिया। इसके कारण शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहे।
प्रदर्शन के दौरान सफाई कर्मियों ने ईपीएफ के दस्तावेज दिखाने की मांग की।
जिलाध्यक्ष राज किशोर ने कहा कि सफाई कर्मियों का बकाया मानदेय दिया जाए। भविष्य निधि के रूप में प्रति माह कटने वाले 1800 रुपये का हिसाब दिया जाए। ठेका कर्मियों को शासन के नियामानुसार 336.54 रुपये हर माह दिए जाएं। मौसम के हिसाब से वर्दी दी जाए।
संविदा सफाई कर्मियों को एरिअर का भुगतान करें। ज्ञापन ईओ को देकर चेतावनी दी कि यदि सात दिन में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सभी सफाई कर्मी हड़ताल कर देंगे। इस मौके पर नगर अध्यक्ष छोटू, जिला मंत्री राकेश कुमार, प्रचार मंत्री मोनू, महासचिव विमल कुमार, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि भारती, नगर महामंत्री जितेंद्र, धमेंद्र आदि सफाई कर्मी मौजूद रहे।
कोई सुनने वाला नहीं
सफाई कर्मी और संघ के नगर महामंत्री जितेंद्र ने कहा कि सफाई कर्मियों की कोई सुनने वाला नहीं है। एक वार्ड में 12 से 15 सफाई कर्मी हैं और कूड़ा गाड़ी केवल दो हैं। ऐसे में पॉलिथीन में कूड़ा भरकर फेंकना पड़ता है। तसला, झाड़ू तथा दस्ताने तक नहीं हैं।
ठेका कर्मी बबलू ने कहा कि छह माह से मानदेय नहीं दिया और काम भी कराया। अब निकाल दिया। भविष्य निधि का पैसा डकार लिया गया है।
जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि भारती का कहना है कि दिन भर काम करते हैं लेकिन कोई साधन नहीं दिए गए हैं। झाड़ू से लेकर फावड़ा तक नहीं हैं। कई बार गुहार लगाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई है।
महासचिव और सफाई कर्मी विमल कुमार का कहना है कि सभी सफाई कर्मी ठेका सफाई कर्मियों के साथ हैं। सफाई कर्मियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
नगर पालिका परिसर में धरना प्रदर्शन करते सफाई कर्मी। संवाद– फोटो : UNNAO
पालिका गेट बंद कर सफाई कर्मियों द्वारा लगाया गया बैनर। संवाद– फोटो : UNNAO
उन्नाव। नगर पालिका क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। 300 आउटसोर्सिंग कर्मियों को हटा दिया गया है। शनिवार को संविदा और स्थायी सफाई कर्मियों ने उनकी बहाली की मांग कर कार्य बहिष्कार किया। उन्होंने उत्पीड़न का आरोप लगाकर भुगतान न मिलने पर जवाब मांगा है। पालिका में धरना प्रदर्शन के दौरान आवश्यक संसाधन पूरे हुए बिना काम करने से इंकार कर दिया। इसके कारण शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहे।
प्रदर्शन के दौरान सफाई कर्मियों ने ईपीएफ के दस्तावेज दिखाने की मांग की।
जिलाध्यक्ष राज किशोर ने कहा कि सफाई कर्मियों का बकाया मानदेय दिया जाए। भविष्य निधि के रूप में प्रति माह कटने वाले 1800 रुपये का हिसाब दिया जाए। ठेका कर्मियों को शासन के नियामानुसार 336.54 रुपये हर माह दिए जाएं। मौसम के हिसाब से वर्दी दी जाए।
संविदा सफाई कर्मियों को एरिअर का भुगतान करें। ज्ञापन ईओ को देकर चेतावनी दी कि यदि सात दिन में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सभी सफाई कर्मी हड़ताल कर देंगे। इस मौके पर नगर अध्यक्ष छोटू, जिला मंत्री राकेश कुमार, प्रचार मंत्री मोनू, महासचिव विमल कुमार, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि भारती, नगर महामंत्री जितेंद्र, धमेंद्र आदि सफाई कर्मी मौजूद रहे।
कोई सुनने वाला नहीं
सफाई कर्मी और संघ के नगर महामंत्री जितेंद्र ने कहा कि सफाई कर्मियों की कोई सुनने वाला नहीं है। एक वार्ड में 12 से 15 सफाई कर्मी हैं और कूड़ा गाड़ी केवल दो हैं। ऐसे में पॉलिथीन में कूड़ा भरकर फेंकना पड़ता है। तसला, झाड़ू तथा दस्ताने तक नहीं हैं।
ठेका कर्मी बबलू ने कहा कि छह माह से मानदेय नहीं दिया और काम भी कराया। अब निकाल दिया। भविष्य निधि का पैसा डकार लिया गया है।
जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि भारती का कहना है कि दिन भर काम करते हैं लेकिन कोई साधन नहीं दिए गए हैं। झाड़ू से लेकर फावड़ा तक नहीं हैं। कई बार गुहार लगाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई है।
महासचिव और सफाई कर्मी विमल कुमार का कहना है कि सभी सफाई कर्मी ठेका सफाई कर्मियों के साथ हैं। सफाई कर्मियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
नगर पालिका परिसर में धरना प्रदर्शन करते सफाई कर्मी। संवाद– फोटो : UNNAO
पालिका गेट बंद कर सफाई कर्मियों द्वारा लगाया गया बैनर। संवाद– फोटो : UNNAO
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