विस्थापितों के दो शिविरों में बम विस्फोट से बच्चों समेत 12 लोगों की मौत

0
24

गोमा (कांगो)। पूर्वी कांगो के उत्तरी किवु प्रांत में विस्थापित लोगों के दो शिविरों पर किए गए हमलों में बच्चों सहित कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों, एक सहायता समूह और संयुक्त राष्ट्र ने यह जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में बताया कि उत्तरी किवु की प्रांतीय राजधानी गोमा शहर के पास लैक वर्ट और मुगुंगा में विस्थापित लोगों के दो शिविरों पर बम से हमले किए गए।

संयुक्त राष्ट्र ने इन हमलों को ‘‘मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का घोर उल्लंघन’’ बताया और कहा कि इन्हें ‘‘युद्ध अपराध माना जा सकता है।’’ कांगो सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नदजीके काइको ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को दिए गए एक बयान में इन हमलों के लिए रवांडा से कथित संबंधों वाले एम23 नामक विद्रोही समूह को जिम्मेदार ठहराया।

एम23 विद्रोही समूह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक बयान साझा कर इन हमलों में अपनी भूमिका होने से इनकार किया है और कांगो सेना को इनके लिए जिम्मेदार ठहराया है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता जीन जोनास याओवी टोसा ने ‘एपी’ को बताया कि हमलों में कम से कम 12 लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हो गए।

यह भी पढ़ें -  यूएस सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात की गोली तक पहुंच को बरकरार रखा

सहायता समूह ‘सेव द चिल्ड्रन’ ने कहा कि उसके सदस्य एक शिविर में थे तभी एक व्यस्त बाजार के पास उनके वाहन के आगे गोले गिरे। उसने बताया कि दर्जनों लोग घायल हुए हैं जिनमें ज्यादातर महिलाएं एवं बच्चे हैं और मृतक संख्या अब भी स्पष्ट नहीं है। कांगो के राष्ट्रपति फेलिक्स शीसेकेदी के कार्यालय ने एक बयान में बताया कि यूरोप की यात्रा गए राष्ट्रपति ने इन हमलों की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार को देश लौटने का फैसला किया।

कांगो के राष्ट्रपति लंबे समय से आरोप लगाते रहे हैं कि रवांडा एम23 विद्रोहियों का समर्थन करके कांगो को अस्थिर कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने भी रवांडा पर विद्रोहियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है लेकिन रवांडा इन दावों से इनकार करता रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here