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अचलगंज (उन्नाव)। थाना क्षेत्र के बेथर गांव में फसल की रखवाली कर रहे किसान की धारदार हथियार से हमला करके हत्या कर दी गई। सुबह लोगों ने चारपाई पर खून से लतपथ शव देखा तब घटना की जानकारी हुई। सूचना पर एसपी, एएसपी और सीओ ने घटनास्थल पहुंचकर जांच की। पहले पुलिस ने जंगली जानवर के हमले की आशंका जताई। इस पर परिजन आक्रोशित हो गए। फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड को बुलाया गया। खोजी कुत्ता (स्निफर डॉग) घटनास्थल के आसपास घूमकर फिर लौट आया। बेटे की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है। पोस्टमार्टम में गर्दन में गड़ासे जैसे धारदार हथियार से हमले के जख्म मिले हैं।
बेथर गांव निवासी धर्मेंद्र शुक्ल (56) खेती करके परिवार का पालन पोषण करते थे। खेत में खड़ी गेहूं और सरसों की फसल को आवारा मवेशियों से बचाने के लिए वह खेत के ट्यूबवेल की कोठरी के बाहर चारपाई डालकर सोते थे। शनिवार को वह रात करीब 8:30 बजे टिफिन में खाना लेकर खेत जाने की बात कहकर घर से निकले थे। घर से खेत की दूरी 500 मीटर है। रविवार सुबह कुछ दूर पर फसल की रखवाली कर रहे किसान विनोद को घर जाते समय चारपाई के आसपास खून और खून से लतपथ शव दिखा, तो वह सन्न रह गया। वह दौड़कर गांव पहुंचा और मृतक के परिजनों को जानकारी दी।
ग्रामीण और ग्राम प्रधान विमल शुक्ला मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। एसओ प्रशांत द्विवेदी घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। कुछ देर बाद में एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना, एएसपी शशि शेखर, सीओ विजय आनंद भी पहुंचे। मृतक के शरीर में कई घाव देख पहले किसी जंगली जानवर के हमले की आशंका जताई, लेकिन शव चारपाई पर होने के कारण परिजन यह मानने को तैयार नहीं हुए। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मृतक के बेटे अवनीश शुक्ल की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गर्दन पर धारदार हथियार के दो गहरे जख्म और बचाव के प्रयास में हाथ, पैर व शरीर के अन्य हिस्सों में हल्के जख्म मिले हैं।
एएसपी शशिशेखर ने बताया कि हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
घर से खेत की दूरी करीब 500 मीटर है। परिजनों के अनुसार धर्मेंद्र घर से टिफिन लेकर करीब 8:30 बजे खेत के लिए निकले थे। वहीं पास के खेत में फसल की रखवाली कर रहे विनोद के अनुसार रात करीब 11:30 बजे धर्मेंद्र खेत पहुंचा था। वह आहट पर एक दूसरे को आवाज और टॉर्च की रोशनी से इशारा भी हुआ था। रात में मृतक ने खाना भी नहीं खाया था। टिफिन में पूरा भोजन भरा मिला है। पुलिस को शक है कि इन्हीं तीन घंटों के दौरान कुछ ऐसा हुआ है जो धर्मेंद्र की हत्या की वजह बना। क्योंकि परिजन किसी से दुश्मनी भी न होने की बात कह रहे हैं।
मृतक धर्मेंद्र के बेटे अवनीश के मुताबिक पिता पांच साल से फसल की रखवाली करने जाते थे। बेेेटे के मुताबिक पिता के पास साइकिल और टॉर्च थी। घटनास्थल पर यह दोनों चीजें नहीं मिली हैं। मृतक की पत्नी दिव्या के साथ तीन बच्चों में दो बेटी और एक बेटा है। मौत के बाद से सभी बेहाल हैं। बच्चों में किसी का अभी विवाह नहीं हुआ है। बेटे अवनीश ने बताया कि पिता की किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं है। उनकी हत्या कौन कर सकता है। ग्रामीण उन्हें ढांढस बंधाते रहे।
पिता का शव देख बेटी आरूषि बेहोश हो गई। आनन फानन उसे अचलगंज सीएचसी में भर्ती कराया गया। करीब एक घंटे बाद उसे होश आया। होश आने पर वह पिता को ही याद कर रही थी।
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