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मौरावां। सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता व उसके चार माह के बेटे को जिंदा जलाने की कोशिश में झुलसे पीड़िता के बच्चे और तीन माह की बहन की हालत छठे दिन भी कोई सुधार नहीं है। लखनऊ ट्राॅमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती बच्चों के झटके आ रहे हैं। डॉक्टरों दोनों की लगातार निगरानी कर इलाज कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि गंभीर रूप से झुलसने के साथ ही सिर में चोट होने से दोनों अभी भी खतरे से बाहर नहीं हैं। मौरावां थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी 13 साल की किशोरी से 15 महीने पहले सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। पुलिस ने तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा था। जमानत पर छूटकर आए आरोपी, पीड़िता के बाबा और चाचा को अपने पक्ष में लेकर पीड़िता की मां पर मुकदमे में सुलह का दबाव बना रहे थे। इनकार करने पर पीड़िता के माता-पिता पर हमला किया था।
पिछले सोमवार को किशोरी को घर में अकेला पाकर मारपीट करने के बाद आग लगा दी थी। इसी दौरान दुष्कर्म पीड़िता के चार महीने के बेटे और तीन महीने की बहन को आग में फेंक दिया था। इससे दोनों बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए थे और दोनों के सिर में चोट आई थी। मारपीट में पीड़िता के भी दाहिने हाथ में चोट लगी थी। दोनों बच्चों को सीएचसी से जिला अस्पताल फिर कानपुर के उर्सला में भर्ती कराया गया था। बुधवार को हालत गंभीर देख लखनऊ किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। हालत में सुधार न होने पर बुधवार देर शाम दोनों बच्चों लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। दोनों बच्चों को आईसीयू में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। घटना के छठे दिन भी दोनों बच्चों की हालत में सुधार नहीं हुआ। पीड़िता के बेटे को तेज झटके आ रहे हैं। डॉक्टर इसकी वजह सिर में लगी चोट बता रहे हैं। वहीं पीड़िता की बहन की भी हालत गंभीर है।
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष प्रीती सिंह ने बताया कि समिति के सदस्य ट्रामासेंटर में रुके हैं डॉक्टरों से बच्चों के इलाज और हालत की पल-पल की जानकारी कर रहे हैं। बताया कि डॉक्टरों का कहना है कि दोनों बच्चों की हालत अभी खतरे से बाहर नहीं है।
पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने शनिवार को ट्राॅमा सेंटर पहुंचकर दोनों दुधमुहे बच्चों का हालचाल लिया। उन्होंंने डॉक्टरों से भी बात की। इस दौरान पीड़िता व मां से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पूर्व सांसद ने बताया कि कुछ लोगों के अक्षम्य अपराध का भुगतान नन्हें बच्चों को करना पड़ रहा है। ईश्वर से यही कामना है कि इन बच्चों की रक्षा करे और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंड दे।
अग्निकांड में नामजद सात में से चार आरोपियों को जेल भेज चुकी पुलिस ने बाकी बचे तीन आरोपियों को लगभग क्लीन चिट दे चुकी है। पुलिस का कहना है कि सीडीआर और गांव के चालीस लोगों के बयान से यह साफ हो गया है कि नामजदों में शामिल तीन आरोपी काफी समय से प्रदेश से बाहर है।
मालूम हो कि पीड़िता की मां की तहरीर पर पुलिस ने आग लगाने की घटना में पीड़िता के चाचा, बाबा के अलावा जमानत पर छूटकर आए सामूहिक दुष्कर्म में नामजद एक आरोपी सहित सात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। इनमें से चार को पुलिस जेल भेज चुकी है। पुलिस ने बाकी बचे तीन नामजद आरोपियों की सीडीआर निकलवाई है। एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने बताया कि सीडीआर से दो आरोपियों के कई महीने पहले से दिल्ली में होने और एक के अगरतला में होने की पुष्टि हो चुकी है। गांव के चालीस लोगों ने भी यह बात बताई है। इससे साफ हो गया है कि वह तीनों घटना वाले दिन यहां नहीं थे।
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