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उन्नाव। बिना नक्शे के 15 सालों से संचालित होटल पर यूएसडीए (उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण) के जिम्मेदार मेहरबान रहे। यही वजह रही कि गली कूचों में मकान बनाने और मरम्मत करा रहे भवन स्वामियों तक पहुंचने वाली प्राधिकरण की टीम हाईवे के किनारे संचालित इस होटल को नजर अंदाज किए रही। जिससे उसकी मंजिलें बढ़ती गईं। प्राधिकरण के प्रभारी सचिव ने इस जोन के कर्मचारियों की भूमिका की जांच कराने की बात कही है।
करीब पंद्रह साल से हाईवे किनारे गदनखेड़ा में संचालित इस होटल विशाल का नक्शा पास न होने के बाद भी संचालक के हौसले इतने बुलंद रहे कि दो बार कार्रवाई के होने के बाद भी उसने नक्शा पास नहीं कराया। प्राधिकरण के जोन छह में आने वाले इस होटल का मालिक हमेशा सत्तादल के लोगों के साथ रहा और पुलिस से लेकर प्रशासनिक अफसरों के लिए रहने, खाने की व्यवस्था भी करता था। इसी वजह से प्राधिकरण के कर्मचारी भी दबाव में रहे।
जिले में तबादला होकर आने वाले तमाम आधिकारी आवास की व्यवस्था न होने तक इसी होटल की मुफ्त में सेवाएं लेते रहे। किसी अधिकारी के यहां जन्मदिन की पार्टी हो या कोई अन्य कार्यक्रम, होटल संचालक ने हमेशा दरवाजे खुले रखे। कई-कई महीने तक पुलिस कर्मी इस होटल में रहते थे। प्राधिकरण के प्रभारी सचिव/एसडीएम अंकित शुक्ला ने भी माना कि दर्जनों नोटिस और दो बार जुर्माना की कार्रवाई होने के बाद भी होटल कैसे संचालित होता रहा और अवैध निर्माण कर नईं फ्लोर बनते चले गए। इसकी भी जांच और प्राधिकरण के प्रवर्तन जोन के प्रभारियों की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी।
2016 में होटल में हुआ था सामूहिक दुष्कर्म
होटल में सामूहिक दुष्कर्म की घटना पहली नहीं है। वर्ष 2016 में भी एक छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। शासन के निर्देश पर होटलों पर हुई औचक छापा की कार्रवाई के दौरान भी यहां अवैध गतिविधियों की पुष्टि हुई। लखनऊ-कानपुर के बीच हाईवे से सटा यह होटल अवैध कमाई में भी शहर में हमेशा नंबर एक पर रहा।
शहर के एक मोहल्ला निवासी एक छात्रा के साथ फरवरी 2016 को इसी होटल में सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई की और होटल को भी सील किया था, लेकिन एक सप्ताह में ही संचालक कमलेश वर्मा ने सत्तादल की मदद से सील तोड़वाकर होटल खोल दिया था। इसपर पुलिस ने होटल के मैनेजर सहित चार लोगों को जेल भेजा था। हालांकि तब नेताओं और अफसरों से नजदीकी के कारण होटल मालिक पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी।
होटल में एक चोर दरवाजा भी
किशोरी से दुष्कर्म की घटना की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि होटल में पीछे की तरफ एक चोर दरवाजा भी है। जब कभी भी छापा की कार्रवाई होती होटल मालिक और संचालक युवक-युवतियों को पिछले दरवाजे से निकालने के का साथ ही खुद भी भाग जाते थे।
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