बसपा की बैठक : मायावती ने धर्म को लेकर भाजपा को दी नसीहत, हिजाब, जिहाद और उन्माद की राजनीति न करें

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BSP meeting in Lucknow for Loksabha Election 2024.

बसपा सुप्रीमो मायावती।
– फोटो : amar ujala

विस्तार

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान बांटने के लिए भाजपा जानबूझकर विवाद खड़े कर रही है। केंद्र व भाजपा की राज्य सरकारों को जिहाद, हिजाब की राजनीति एवं धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नफरती बयानों से बचना होगा। वह पार्टी पदाधिकारियों के साथ लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों पर बैठक ले रही थीं।

लखनऊ स्थित पार्टी के राज्य कार्यालय पर बुधवार को मायावती ने स्टेट, मंडल एवं जिला कमेटी के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में सभी को मजबूती से लग जाना है। यूपी के करोड़ों लोगों के जीवन में महंगाई, गरीबी, ,बेरोजगारी, महिला उत्पीड़न बिजली, पानी, सड़क जैसे मुद्दे हैं । इन कमियों पर लोगों का ध्यान बांटने के लिए भाजपा की सरकारें जातिवादी, सांप्रदायिक व धार्मिक विवादों को जानबूझकर पूरी छूट दे रही हैं। 

केंद्र सरकार, यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्यों की सरकारों को समझना होगा कि कथित लव जिहाद, लैंड जिहाद, धर्मांतरण, हिजाब, मजार स्कूल, कालेज विध्वंस, मदरसा जांच, बुलडोजर राजनीति व धार्मिक उन्माद फैलाने वाले बयानों, कार्रवाई से देश में दहशत का माहौल है। यह देश की मजबूती के लिए घातक है। इससे देश की प्रगति प्रभावित हो रही है। देश का निर्यात घटने के कारण व्यापारी घाटा पिछले 5 महीने के निचले स्तर पर पहुंचना सभी के लिए चिंतनीय है। यूक्रेन युद्ध के परिणाम स्वरूप प्रत्येक देश केवल अपने ही हित एवं चिंता में व्यस्त है। ऐसे में भारत को राजनीतिक स्वार्थ त्यागकर संपूर्ण विकास में जुटना होगा। विकास पूरे प्रदेश का होना चाहिए न कि समाजवादी पार्टी की हुकूमत की तरह कुछ विशेष जिले में खास क्षेत्रों का।

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कानून-व्यवस्था पर सरकार फेल

बसपा सुप्रीमो ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था पर सरकार फेल है। हिरासत में हत्या तथा अपराधियों में खुलेआम टकराव ने लोगों के बीच दहशत पैदा कर दी है। पुलिस, प्रशासन व शासन बेलगाम है। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर पाल, मुनकाद अली, शमशुद्दीन राइन आदि भी मौजूद रहे।

विपक्षियों पर निगाह

बैठक में यह भी कहा गया कि भाजपा के कार्यकलापों पर तो नजर रखो ही, साथ ही इससे निपटने के लिए विपक्षी दल जो रणनीति तैयार कर रहे हैं उस पर भी निगाह रखनी होगी। दरअसल बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पटना में 23 जून को विपक्षी एकता बैठक बुलाई है। इसमें मायावती शामिल नहीं हो रही हैं। बैठक को लेकर नीतीश कुमार लखनऊ आए थे। वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से तो मिले, पर मायावती से मुलाकात नहीं की थी। अब पटना में हो रही इस बैठक पर सभी की निगाहें हैं।

कांशीराम, अंबेडकर व अपनी प्रतिमाएं दफ्तर से हटवाई, आवास में कराया शिफ्ट

बसपा के प्रदेश कार्यालय में लगी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर, बसपा संस्थापक कांशीराम व पार्टी प्रमुख मायावती, तीनों की प्रतिमाएं हटा दी गई हैं। ये प्रतिमाएं प्रदेश कार्यालय के पास ही बने मायावती के आवास में शिफ्ट की गई हैं। बसपा पदाधिकारियों का कहना है कि पार्टी कार्यालय पर जब बैठक होती है तभी लोग आते हैं, जबकि आवास पर दिनभर कार्यकर्ताओं की, पदाधिकारियों की आवाजाही लगी रहती है। इसलिए प्रतिमाओं को वहां लगाया गया है।

एक अगस्त से कॉडर कैप शुरू होंगे

मायावती ने कहा कि संगठन में कमेटियों की समीक्षाएं शुरू करो। बूथ कमेटियों तक को खड़ा करो और जुलाई माह के अंतिम सप्ताह तक हर बूथ तक संगठन पूरी तरह से मजबूत किया जाए। एक अगस्त से प्रदेश भर में कॉडर कैंप शुरू किए जाएंगे। सेक्टरवार कैंप होंगे और इनमें पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने अपना एजेंडा स्पष्ट तौर पर रखे जाएगा। चुनावी तैयारियों के लिए मंत्र दिया जाएगा।

 

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