लखनऊ, 06 अगस्त 2023 । सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 5.0 अभियान को प्रदेश में सोमवार (7 अगस्त) को लांच किया जाएगा। यह अभियान राज्य के सभी 75 जिलों में तीन चरणों (7-12 अगस्त), (11-16 सितंबर) और (9-14 अक्टूबर) में आयोजित किया जाएगा। इस अभियान के तहत टीकाकरण कवरेज के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए शून्य से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए सभी छह कार्य दिवसों पर टीकाकरण किया जाएगा।
आईएमआई-5.0 के लॉन्च और जनजागृति लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश और स्वयंसेवी संगठन यूनिसेफ के सहयोग से रविवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. पिंकी जोवल की अध्यक्षता में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया।
डॉ. पिंकी जोवल ने मीडिया की सक्रिय भागीदारी का आहवान करते हुए कहा कि सघन मिशन इन्द्रधनुष-5.0 में प्रत्येक बच्चे को जीवन रक्षक टीके मिलें इसके लिए पांच वर्ष की आयु तक के टीकाकरण से वंचित बच्चों को समस्त ड्यू खुराकें देने और लक्षित गर्भवती को लक्ष्य में शामिल किया गया है। मिजिल्स रूबेला उन्मूलन के दृष्टिगत विशेष रूप से एमआर-1 एवं 2 के साथ ही पीसीवी, एफआईपीवी-3 डीपीटी-1 बूस्टर एवं डीपीटी-5 वर्ष एवं टीडी 10/16 खुराक के कवरेज में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस पहल का लक्ष्य दिसंबर 2023 तक देश के खसरा रूबेला उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में खसरा और रूबेला युक्त वैक्सीन (एमआरसीवी) की दो खुराक का 95 प्रतिशत टीकाकरण कवरेज प्राप्त करना है।
शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण के स्तर में कमी को पूरा करने के लिए सभी जिला चिकित्सालयों, सरकारी शहरी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दैनिक टीकाकरण की सुविधा भी शुरू की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए जा रहे निःशुल्क टीकाकरण से किसी भी परिवार में मात्र एक बच्चे के लिए टीकाकरण कराने पर औसतन 15 से 20 हजार रूपये की आर्थिक बचत के साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण एवं उनकी उत्पादकता में सुधार होता है। उत्तर प्रदेश सरकार उन छूटे हुए या आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चों का टीकाकरण करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, जो कोविड के दौरान टीकाकरण से चूक गए थे। छूटे हुए बच्चों को कवर करने के लिए जनवरी, फरवरी और मार्च 2023 में राज्य भर में विशेष टीकाकरण अभियान आयोजित किए गए।
कार्यशाला के दौरान अवगत कराया गया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत बाल मृत्यु-दर को कम करने के उद्देश्य से बच्चों को विभिन्न संक्रमणों एवं जानलेवा बीमारियों से बचाव हेतु विभिन्न प्रकार के टीकों से आच्छादित किया जाता है। प्रदेश के समस्त जिलों में आईएमआई-5.0 के आयोजन से पूर्व समस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण से छूटे हुए शून्य से पांच साल तक के बच्चों एवं गर्भवती के चिन्हीकरण हेतु आशा/लिंक वर्कर द्वारा घर-घर भ्रमण कर 2.32 करोड बच्चों तथा 3.88 लाख गर्भवती से सम्बन्धित सूचना निर्धारित प्रपत्र पर अंकित किया गया। आशा द्वारा एवं ऐसे क्षेत्र जहां आशा के पद रिक्त हैं, में लिंक वर्कर द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर सर्वे करते हुए आईएमआई-5.0 सत्रों को नियोजित करने के लिए एएनएम के माध्यम से ब्लॉक स्तर पर सूचनाएं प्रेषित की जाएंगी।
आईएमआई-3.0 और आईएमआई 4.0 के पिछले दौर ने भारत को 2021 और 2022 में टीकाकरण कवरेज में महत्वपूर्ण प्रगति करने में मदद की है। जैसा कि राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज (डब्ल्यूयूएनआईसी) रिपोर्ट के नवीनतम डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ अनुमानों से पता चला है। देश ने 2021 में शून्य खुराक वाले बच्चों की संख्या को 2.7 मिलियन से सफलतापूर्वक घटाकर 1.1 मिलियन कर लिया है। यह उपलब्धि भारत को विश्व स्तर पर वैक्सीन के प्रति सबसे अधिक विश्वास वाले देशों में रखते हुए टीकाकरण के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है।
आईएमआई-5.0 अभियान हेतु कार्य योजना के संबंध में राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अजय कुमार गुप्ता ने कहा कि बुधवार एवं शनिवार को नियमित टीकाकरण सत्र निर्धारित माइक्रोप्लान के अनुसार यथावत् संचालित होंगे। 07-12 अगस्त, 11-16 सितम्बर एवं 9-14 अक्टूबर के मध्य सप्ताह के शेष दिवसों में अप्रतिरक्षित बच्चों की सूची के आधार पर आईएमआई-5.0 अभियान के सत्र आयोजित किए जाएंगे। जनपदों को यह भी सुनिश्चित करने को निर्देशित किया गया है कि अभियान के दौरान स्थानीय अवकाश अथवा किसी अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रम के संचालन के फलस्वरूप टीकाकरण कार्यक्रम बाधित होने की दशा में अग्रेतर दिवसों पर टीकाकरण सत्रों का आयोजन कर आईएमआई-5.0 के समस्त नियोजित सत्रों का सम्पादन सुनिश्चित किया जाएगा।
इस अभियान की तैयारियों की समीक्षा राष्ट्रीय स्तर के पर्यवेक्षकों द्वारा की जा चुकी है। 31 उच्च प्राथमिकता वाले जनपदों में टीकाकरण की प्रगति की जांच के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए हैं। प्रदेश के 10 जनपदों में राष्ट्रीय स्तर से पर्यवेक्षक आकर टीकाकरण की स्थिति परखेंगे. टीकाकरण की दर बढाने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, धर्मगुरुओं, फिल्मी सितारों और समाज में प्रभावशाली लोगों द्वारा अपील जारी की गयी हैं।
टीकाकरण के प्रति उदासीनता दिखाने वाले वाले लगभग 01 लाख परिवारों को यूनिसेफ, कोर, आशाओं और धर्मगुरुओं के सहयोग से प्रेरित कर टीकाकरण के इस महा-अभियान में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
आईएमआई-5.0 हेतु राज्य में 1,305 कोल्ड चेन प्वाइंट पर पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के समन्वय से अभियान की तैयारियों की समीक्षा हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डीटीएफ का आयोजन, जनपद/ब्लाक स्तरीय संवेदीकरण कार्यशालाएं, आशाओं व लिंक वर्कर द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों का निर्धारित प्रारूप एवं ई-कवच पर सर्वे अपडेशन, शहरी प्लानिंग यूनिट्स एवं ब्लाक प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा आईएमआई 5.0 अभियान के सत्रों हेतु माइक्रोप्लांिनग का कार्य किया जा चुका है। प्रशिक्षित ए0एन0एम0 द्वारा आई0एम0आई0-5.0 के दौरान पूरे उत्तर प्रदेश में 1.25 लाख से अधिक टीकाकरण सत्रों की योजना बनाई गई है। अभियान का लक्ष्य 12.74 लाख बकाया लाभार्थियों को लक्षित करना है।
मिशन निदेशक ने मीडिया को प्रदेश के विकास एवं टीकाकरण अभियान में एक योद्धा के रूप में योगदान देने की अपील की। आग्रह किया कि भारत के विश्व गुरू बनने के लिए उत्तर प्रदेश का योगदान आवश्यक है। उत्तर प्रदेश के स्वस्थ बच्चे ही आने वाले भारत का भविष्य हैं। अतः हमें इस अभियान को एक सुअवसर के रूप में लेना होगा। निश्चित ही सफल टीकाकरण कार्यक्रम प्रदेश के भविष्य को सुरक्षित रखने में कारगर सिद्ध होगा।
कार्यशाला में प्रभारी महानिदेशक परिवार कल्याण डा. शालिनी गुप्ता, डा. संदीपा श्रीवास्तव, अपर निदेशक, यूआईपी, राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय कुमार गुप्ता, और महाप्रबंधक नियमित टीकाकरण, डॉ मनोज कुमार शुक्ल ने प्रतिभाग किया।