शहर के मंदिर सजे

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उन्नाव। महाशिवरात्रि पर्व आज है। भोलेनाथ की आराधना के लिए सोमवार सुबह से शिवालय सजने लगे। शिव बरात के स्वागत के लिए शहर में कई स्थानों पर द्वार बनाए गए और भगवा झंडों से सजाया गया। मंदिरों में रुद्राभिषेक, हवन की तैयारी की गई। शोभायात्रा के दौरान भक्तों को परेशानी न हो, इसके लिए गांधीनगर तिराहे से बड़ा चौराहे तक गड्ढे भी भरवाए गए।
शहर के झंडेश्वर, सिद्धनाथ मंदिर, झारखंडेश्वर मंदिर और मसवासी स्थित गोकुलबाबा मंदिर में सफाई की गई। वहीं विशाल शिव शोभा यात्रा समिति की ओर से निकाली जाने वाली परंपरागत शिव बरात की तैयारियां भी की गईं। शहर के मुख्य मार्ग की सोमवार को पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत कराई। गांधीनगर तिराहा से बड़ा चौराहा तक गड्ढे भरवाए गए। सिटी मजिस्ट्रेट विजेता ने शिव शोभायात्रा के रूट का निरीक्षण किया। रास्ते ठीक कराने व सफाई के निर्देश दिए।
बाबा बलखंडेश्वर के शिखर पर लगा त्रिशूल बदलता है दिशा
परियर। मान्यता है कि परियर में स्थापित बाबा बलखंडेश्वर महादेव मनोकामना पूरी करते हैं। यह वही पौराणिक स्थान है जहां महर्षि वाल्मीकि आश्रम में मां सीता को आश्रय मिला था। यह आश्रम जानकी कुंड के नाम से प्रसिद्ध है। लव व कुश ने बाबा बलखंडेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा की थी। मंदिर के शिखर पर स्थित त्रिशूल की दिशा में परिवर्तन होता रहता है। (संवाद)
पांडवों ने शिवलिंग बनाकर की थी पूजा
मौरावां। हिलौली में स्थापित प्राचीन नंदेश्वर शिव मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां रायबरेली, लखनऊ, फतेहपुर व बांदा से भक्त आते हैं। मान्यता है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। बुजुर्गों का कहना है कि अज्ञातवास के समय पांडव जहां निवास करते थे, वहां नए शिवलिंग की स्थापना कर पूजा करते थे। उन्हीं में यह नंदेश्वर मंदिर भी शामिल है। बताया जाता है कि पहले यहां एक गाय आती थी। इससे उसका दूध अपने आप गिरने लगता था। जब खोदाई कराई तो शिवलिंग निकला। (संवाद)
द्वापर युग का बिल्लेश्वर मंदिर
पुरवा में स्थापित बिल्लेश्वर महादेव मंदिर भी द्वापर युग का है। यहां अलग-अलग स्थानों से भक्त जलाभिषेक करने के साथ दूध चढ़ाते हैं। यहां कांवड़ियाें के रुकने के लिए टेंट लगाए गए हैं। लाइट के साथ खाने पीने की व्यवस्था है। (संवाद)
रंग बदलता है गोदावलेश्वर मंदिर का शिवलिंग
बीघापुर। कस्बे में बना बाबा गोदावलेश्वर धाम अत्यंत प्राचीन है। यहां फतेहपुर, रायबरेली, कानपुर, लखनऊ से भक्त आते हैं। शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। सुबह हल्का भूरा, दोपहर को नीलवर्ण व शाम को अत्यधिक काला हो जाता है। बाबा गोदावलेश्वर धाम गोदावरी सरोवर के ऊपर स्थित है। सूर्योदय के समय पहली किरण शिवलिंग पर पड़ती है। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुधीर बाजपेई व प्रबंधक दिनेश शुक्ला ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन दोपहर 12 बजे से शिव बरात निकलेगी। (संवाद)
शहर में आज रहेगा रूट डायवर्जन
उन्नाव। महाशिवरात्रि पर्व पर विशाल शिव शोभायात्रा के कारण वाहनों का रूट डायवर्जन किया गया है। यातायात प्रभारी अरविंद पांडेय ने बताया कि शहर में बाइक को छोड़कर अन्य वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। मंगलवार सुबह कब्बाखेड़ा से आने वाले वाहन प्रकाश गेस्ट हाउस से हरदोई पुल की ओर मोड़े जाएंगे। हरदोई पुल से आईबीपी जाने वाले वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। मगरवारा से शहर में वाहनों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उन्हें गदनखेड़ा चौराहे की ओर मोड़ा जाएगा। दोस्ती नगर से लोक नगर जाने वाले वाहन पूरन नगर की ओर मोड़े जाएंगे। गदनखेड़ा से जिला अस्पताल की ओर आने वाले वाहन मगरवारा की ओर मोडे़ जाएंगे। बांगरमऊ से आ रहे वाहन चकलवंशी चौराहे और हुसैन नगर चौराहे से शहर आ रहे वाहन भूरीदेवी मंदिर वहीं दोस्तीनगर से हरदोई पुल जाने वाले वाहनाें को चांदमारी चौराहे पर रोका जाएगा। (संवाद)

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उन्नाव। महाशिवरात्रि पर्व आज है। भोलेनाथ की आराधना के लिए सोमवार सुबह से शिवालय सजने लगे। शिव बरात के स्वागत के लिए शहर में कई स्थानों पर द्वार बनाए गए और भगवा झंडों से सजाया गया। मंदिरों में रुद्राभिषेक, हवन की तैयारी की गई। शोभायात्रा के दौरान भक्तों को परेशानी न हो, इसके लिए गांधीनगर तिराहे से बड़ा चौराहे तक गड्ढे भी भरवाए गए।

शहर के झंडेश्वर, सिद्धनाथ मंदिर, झारखंडेश्वर मंदिर और मसवासी स्थित गोकुलबाबा मंदिर में सफाई की गई। वहीं विशाल शिव शोभा यात्रा समिति की ओर से निकाली जाने वाली परंपरागत शिव बरात की तैयारियां भी की गईं। शहर के मुख्य मार्ग की सोमवार को पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत कराई। गांधीनगर तिराहा से बड़ा चौराहा तक गड्ढे भरवाए गए। सिटी मजिस्ट्रेट विजेता ने शिव शोभायात्रा के रूट का निरीक्षण किया। रास्ते ठीक कराने व सफाई के निर्देश दिए।

बाबा बलखंडेश्वर के शिखर पर लगा त्रिशूल बदलता है दिशा

परियर। मान्यता है कि परियर में स्थापित बाबा बलखंडेश्वर महादेव मनोकामना पूरी करते हैं। यह वही पौराणिक स्थान है जहां महर्षि वाल्मीकि आश्रम में मां सीता को आश्रय मिला था। यह आश्रम जानकी कुंड के नाम से प्रसिद्ध है। लव व कुश ने बाबा बलखंडेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा की थी। मंदिर के शिखर पर स्थित त्रिशूल की दिशा में परिवर्तन होता रहता है। (संवाद)

पांडवों ने शिवलिंग बनाकर की थी पूजा

मौरावां। हिलौली में स्थापित प्राचीन नंदेश्वर शिव मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां रायबरेली, लखनऊ, फतेहपुर व बांदा से भक्त आते हैं। मान्यता है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। बुजुर्गों का कहना है कि अज्ञातवास के समय पांडव जहां निवास करते थे, वहां नए शिवलिंग की स्थापना कर पूजा करते थे। उन्हीं में यह नंदेश्वर मंदिर भी शामिल है। बताया जाता है कि पहले यहां एक गाय आती थी। इससे उसका दूध अपने आप गिरने लगता था। जब खोदाई कराई तो शिवलिंग निकला। (संवाद)

द्वापर युग का बिल्लेश्वर मंदिर

पुरवा में स्थापित बिल्लेश्वर महादेव मंदिर भी द्वापर युग का है। यहां अलग-अलग स्थानों से भक्त जलाभिषेक करने के साथ दूध चढ़ाते हैं। यहां कांवड़ियाें के रुकने के लिए टेंट लगाए गए हैं। लाइट के साथ खाने पीने की व्यवस्था है। (संवाद)

रंग बदलता है गोदावलेश्वर मंदिर का शिवलिंग

बीघापुर। कस्बे में बना बाबा गोदावलेश्वर धाम अत्यंत प्राचीन है। यहां फतेहपुर, रायबरेली, कानपुर, लखनऊ से भक्त आते हैं। शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। सुबह हल्का भूरा, दोपहर को नीलवर्ण व शाम को अत्यधिक काला हो जाता है। बाबा गोदावलेश्वर धाम गोदावरी सरोवर के ऊपर स्थित है। सूर्योदय के समय पहली किरण शिवलिंग पर पड़ती है। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुधीर बाजपेई व प्रबंधक दिनेश शुक्ला ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन दोपहर 12 बजे से शिव बरात निकलेगी। (संवाद)

शहर में आज रहेगा रूट डायवर्जन

उन्नाव। महाशिवरात्रि पर्व पर विशाल शिव शोभायात्रा के कारण वाहनों का रूट डायवर्जन किया गया है। यातायात प्रभारी अरविंद पांडेय ने बताया कि शहर में बाइक को छोड़कर अन्य वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। मंगलवार सुबह कब्बाखेड़ा से आने वाले वाहन प्रकाश गेस्ट हाउस से हरदोई पुल की ओर मोड़े जाएंगे। हरदोई पुल से आईबीपी जाने वाले वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। मगरवारा से शहर में वाहनों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उन्हें गदनखेड़ा चौराहे की ओर मोड़ा जाएगा। दोस्ती नगर से लोक नगर जाने वाले वाहन पूरन नगर की ओर मोड़े जाएंगे। गदनखेड़ा से जिला अस्पताल की ओर आने वाले वाहन मगरवारा की ओर मोडे़ जाएंगे। बांगरमऊ से आ रहे वाहन चकलवंशी चौराहे और हुसैन नगर चौराहे से शहर आ रहे वाहन भूरीदेवी मंदिर वहीं दोस्तीनगर से हरदोई पुल जाने वाले वाहनाें को चांदमारी चौराहे पर रोका जाएगा। (संवाद)

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