कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। उन्नाव और रायबरेली के अलावा कानपुर समेत तमाम आसपास के जनपदों से स्नानार्थियों के आने का सिलसिला सुबह से शुरू हो गया था। स्नान के बाद श्रद्धालुओ ने गंगातट पर बैठे पंडो को दान दक्षिण देकर पुण्य लाभ कमाया और भगवान सत्यनारायण की कथा का श्रवण किया। लोगों ने गंगातट पर लगे कार्तिक मेले का जमकर आनन्द उठाया। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से गंगा तटों पर गोताखोर मौजूद रहे।
बता दें कि जनपद उन्नाव के विभिन्न गंगातटों पर कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने मां गंगा में स्नान कर पुण्य कमाया। इस दौरान घरों व मन्दिरों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़े ही धूमधाम से मां तुलसी की विदाई की गयी। पूजा-अर्चना कर पकवान व वस्त्र आदि के साथ 16 श्रगांर का सामान समर्पित कर सुख और समृद्धि की मनोकामना की।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी की धूमधाम से विदाई हुई। शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का बहुत महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष गंगा स्नान करने का फल मिलता है।
इस दिन गंगा सहित पवित्र नदियों व तीर्थों में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है, पापों का नाश होता हैं। कार्तिक पूर्णिमा हमें देवों की उस दीपावली में शामिल होने का अवसर देती है जिसके प्रकाश से प्राणी के भीतर छिपी तामसिक वृत्तियों का नाश होता है।