इंडिया गठबंधन पर भारी पड़ा एनडीए, ओम बिरला बने लोकसभा के स्पीकर

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लोकसभा में स्पीकर का पद एनडीए के हिस्से आ गया है और ओम बिरला स्पीकर पद के लिए चुन लिए गए हैं। एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला थे तो वहीं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के सुरेश थे। सत्ता पक्ष और विपक्ष में इस पद को लेकर तनातनी चलती रही और फैसला एनडीए के हिस्से आया है। जान लीजिए किस तरह से आंकड़ों का समीकरण बना। अगर बात करें तो ओम बिरला का पलड़ा भारी रहा। क्योंकि लोकसभा में इंडिया अलायंस के इस वक्त 233 सांसद है और 5 सांसदों ने अभी तक शपथ नहीं ली है, इसलिए वो वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इस तरह से इंडिया गठबंधन कमजोर रहा है।

जिन सांसदों ने शपथ नहीं ली है, इनमें तृणमूल कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा, दीपक अधिकारी, शेख नुरुल इस्लाम, समाजवादी पार्टी के अफजल अंसारी, कांग्रेस के सांसद शशि थरूर शामिल हैं। निर्दलीय अमृतपाल सिंह और शेख अब्दुल राशिद भी आज होने वाली वोटिंग में हिस्सा नहीं ले सके। क्योंकि इस वक्त अमृतपाल डिब्रूगढ़ और राशिद इंजीनियर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

लोकसभा चुनाव में बीजेपी भले ही पूर्ण बहुमत से चूक गई हो लेकिन बीजेपी के गठबंधन एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला। एनडीए के 293 सांसद जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं, जिसमें बीजेपी के अकेले 240 सांसद हैं। इसके अलावा टीडीपी के 16, जेडीयू के 12, शिवसेना शिंदे गुट के 7, चिराग पासवान की एलजेपी के 5, जयंत चौधरी के आरएलडी के 2, पवन कल्याण की जनसेना के 2, कुमार स्वामी के जेडीएस के दो, अनुप्रिया पटेल के अपना दल के 1, जीतनराम मांझी के हिंदुस्तान अवामी लीग के 1, अजित पवार गुट की एनसीपी के एक के अलावा न्च्च्स् के एक, असम गणपरिषद के 1, सुदेश महतो के आजसू के 1 और एसकेएम के एक सांसद का समर्थन है । यानि ओम बिरला के पक्ष में 293 सांसदों का समर्थन है।

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वहीं दूसरी ओर अगर इंडिया ब्लॉक गठबंधन की बात करें तो लोकसभा चुनाव में विपक्ष बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे है। लोकसभा में 234 सांसद चुनकर पहुंचे थे। लेकिन अब ये सीट कम हो गई है क्योंकि राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ दी है और अखिलेश यादव करहल सीट छोड़ दी है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने पिछले चुनाव के मुकाबले शानदार प्रदर्शन किया और आंकड़ा 99 तक पहुंच गया। लेकिन राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने के बाद कांग्रेस का आंकड़ा घटकर 98 रह गया है। लोकसभा में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी और समाजवादी पार्टी के 37 सांसद हैं। इसके बाद टीएमसी है, जिसके 29 सांसद हैं। स्टालिन के डीएमके के 22 सांसद हैं। उद्धव ठाकरे की पार्टी के 9 सांसद हैं और शरद पवार वाली एनसीपी के 9 सांसद हैं। लालू यादव की आरजेडी के 4 सांसद हैं, लेफ्ट के 8 सांसद हैं, केजरीवाल की पार्टी के 3 सांसद हैं, हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम के 3 सांसद और आईयूएमएल के तीन सांसद, वीसीके के 2 सांसद, फारुख अब्दुल्ला के नेशनल कॉन्फ्रेंस के 2 सांसद, केरल कांग्रेस के 1 सांसद हैं और इसके अलावा अन्य कई पार्टियों के 4 सांसद हैं।

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