हाथों पर मेहंदी लगाकर लाल जोड़े में सजी दुल्हन करती रही इंतजार, नहीं आया दूल्हा

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संभल। हाथों पर मेहंदी लगाकर लाल जोड़े में सजी दुल्हन सात फेरे लेने आ रहे दूल्हे का इंतजार करती रही। दुल्हन व उसके परिजन बाट निहार कर थक गये लेकिन न दूल्हा पहुंचा न बरात आई। घंटों बाद उदास चेहरा लिए दूल्हे के माता-पिता हाथ में दूल्हे लापता हो जाने की एफआईआर लेकर पहुंचे। नाराज दुल्हन पक्ष ने दूल्हे के माता पिता को पकड़कर बैठा लिया। बाद में दोनों पक्षों के लोग जुटे तो दूल्हे के पिता ने दुल्हन पक्ष को शादी में हुआ खर्चा देकर अपनी जान छुड़ाई।

बदायूं जनपद के थाना फैजगंज बेहटा के एक गांव निवासी ग्रामीण के बेटे की शादी संभल जिले के थाना धनारी के एक गांव निवासी ग्रामीण की बेटी से तय हुई थी। 10 जुलाई को सगाई की रस्म पूरी हुई थी। 12 जुलाई को बहजोई के बीआर बैंकट हॉल में शादी होना तय हुआ था। दुल्हन पक्ष सुबह ही बैंकट हॉल में आ गया था। बरात के स्वागत का शानदार इंतजाम कर दावत के लिए पकवान बनवाए गए थे।

पिया के घर जाने की हसरत के साथ दुल्हन अपने हाथों पर मेहंदी लगाकर शादी के जोड़े में अपने दूल्हे का इंतजार कर रही थी। लेकिन दूल्हा बरात लेकर नहीं पहुंचा तो दुल्हन पक्ष में मायूसी छा गई। जब बरात आने की उम्मीद टूट गई तो रात साढ़े आठ बजे दूल्हे के माता-पिता पहुंचे। माता-पिता ने दूल्हे के गायब हो जाने की वजह से बारात नहीं आने की बात कही। आक्रोशित दुल्हन पक्ष के लोगों ने दूल्हे के माता-पिता व भाई को बैंकट हॉल में बैठा लिया। शुक्रवार की दोपहर फैसले के बाद दोनों पक्ष वहां से गए।

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दुल्हन पक्ष के सभी लोग बारात का इंतजार कर रहे थे। सभी खुशी-खुशी शादी की सभी तैयारी कर रहे थे तभी रात्रि साढ़े आठ बजे के लगभग दूल्हे के माता-पिता व भाई बहजोई के बैंकट हॉल में पहुंचे। दुल्हन पक्ष के लोगों ने बारात के बारे में पूछा तो दूल्हे के माता-पिता ने बताया कि उनका लड़का घर से गायब हो गया है। उन्होंने इसकी रिपोर्ट फैजगंज बेहटा थाने में लिखाई है। उन्होंने दर्ज कराई गई रिपोर्ट भी दिखाई।

जब दूल्हा बरात लेकर नहीं पहुंचा तो दोपहर तक दूल्हे के माता-पिता को दुल्हन पक्ष के लोगों ने बैठाये रखा। इससे दूल्हा पक्ष में भी खलबली मच गई। दोनों और के संभ्रांत लोग पंचायत के लिए बैठे। पंचायत में फैसला हुआ कि दूल्हा पक्ष के लोग वह पैसा देंगे जो दुल्हन पक्ष की तरफ से खर्च हुआ है। इस पर दूल्हा पक्ष के लोग मान गए और खर्च के रुपए देने के बाद समझौता हो गया। इसके बाद दोनों पक्ष अपने-अपने घर लौट गए।

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